आप का बड़ा बयान, कहा- अब रेखा गुप्ता से पूछे जाएं सवाल
आप ने कहा कि प्रदूषण को लेकर एलजी का पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चिट्ठी लिखना, जवाबदेही से बचने की कवायद है.

4पीएम न्यूज नेटवर्क: आप ने कहा कि प्रदूषण को लेकर एलजी का पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को चिट्ठी लिखना, जवाबदेही से बचने की कवायद है. दिल्ली को जरूरत है ठोस फैसलों की, निरंतर नीति की और जिम्मेदार शासन की, पत्रों और कैमरों की राजनीति से नहीं, साफ हवा और साफ नीयत से ही राजधानी बचेगी.
राजधानी में प्रदूषण के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी ने दिल्ली के एलजी विनय कुमार सक्सेना पर निशाना साधा है और चिट्ठी पर सवाल खड़े किए हैं. आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने आरोप लगाया कि एलजी का बस एक ही काम रह गया है, अरविंद केजरीवाल के खिलाफ कार्रवाई करना और पत्र लिखना. जब केजरीवाल सत्ता में थे, तब भी वही रट थी, और आज जब वे मुख्यमंत्री नहीं हैं, तब भी अरविंद केजरीवाल को लेकर वही फोबिया नजर आ रहा है. यह महज संयोग नहीं, बल्कि एक तयशुदा भूमिका का निर्वहन है.
आप नेताओं ने कहा कि दिल्ली को प्रदूषण में छोड़कर गुजरात में जाने वाले साहब वापस आ गए हैं क्या? यही सवाल आज दिल्ली की ज़हरीली हवा में तैर रहा है. राजधानी दम घोंटू प्रदूषण से जूझ रही है, लेकिन उपराज्यपाल का फोकस समाधान पर नहीं, बल्कि पत्रों और कैमरों पर दिखाई देता है.
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनुराग ढांडा ने तीखा कटाक्ष करते हुए सवाल उठाया, क्या एलजी साहब को याद है कि आज दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता हैं? अगर प्रदूषण पर सवाल पूछने ही थे, तो मौजूदा सरकार से पूछे जाते. मगर यहां तो ग्रेप-4 आज लगाया जाता है, कल हटा लिया जाता है, और दिल्ली धीरे-धीरे प्रदूषण की गर्त में धकेली जा रही है.
आप ने कहा कि दिल्ली की मौजूदा बदहाली के लिए उस सरकार को दोषी ठहराया जा रहा है जो सत्ता में है ही नहीं.
यह या तो तथ्यों से अनभिज्ञता है या जानबूझकर सच्चाई से मुंह मोड़ना. उपराज्यपाल रहते हुए भूमिका समाधान देने की होनी चाहिए थी, न कि बीजेपी सरकार की तरह राजनीतिक टिप्पणी करने की. प्रदूषण, सड़कें, महंगाई और
अव्यवस्था इन सब पर जवाबदेही आज भाजपा की सरकार और उनके लापरवाह प्रशासन की बनती है.
दिल्ली की जनता सब देख रही है-आप
आप नेताओं ने कहा कि बीते कार्यकाल को कोसकर वर्तमान की विफलताओं को ढका नहीं जा सकता. दिल्ली की जनता देख भी रही है और समझ भी रही है, काम किसने किया और सत्ता में आते ही बहाने किसने बनाए. जब अपनी ही सरकार एलजी को गंभीरता से नहीं ले रही, तो जनता क्यों ले? यही वजह है कि आज असल सवालों से ध्यान भटकाने की कोशिशें बेनकाब हो रही हैं.



