BJP से छिन जाएगी Delhi? CM Mamata ने कर दिया बड़ा ऐलान!
आगामी पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हैं...जहां राज्य की 294 सीटों पर भले ही अगले साल चुनाव होने वाले हैं...लेकिन, इस चुनावी जंग का ऐलान अभी से कर दिया गया है...

4पीएम न्यूज नेटवर्क: आगामी पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी सरगर्मियां तेज हैं…जहां राज्य की 294 सीटों पर भले ही अगले साल चुनाव होने वाले हैं…लेकिन, इस चुनावी जंग का ऐलान अभी से कर दिया गया है…
जिसके चलते सत्ता पक्ष हो या विपक्ष दोनों ही जनता के बीच पहुंचकर तमाम रैलियां और सभाएं कर रहे हैं…इसी बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी एक बार फिर अपने तीखे तेवरों को लेकर चर्चा में हैं…इस बार उनका निशाना सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी पर है…सीएम ममता ने आरोप लगाया है कि बीजेपी पैसों के दम पर बंगाल में मुसलमानों को बांटने की कोशिश कर रही है और धर्म के नाम पर राजनीति करना चाहती है…उनका कहना है कि वो इस साजिश को कभी सफल नहीं होने देंगी और बीजेपी को देश से खत्म करके ही दम लेंगी……
ये बयान सिर्फ एक चुनावी भाषण नहीं…बल्कि आने वाले समय में देश की राजनीति की दिशा तय करने वाला संकेत माना जा रहा है….ऐसे में अब सवाल ये है कि क्या सीएम ममता बनर्जी वाकई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दिल्ली की सत्ता को चुनौती देने की स्थिति में हैं?….
लेकिन, सबसे पहले ये जान लेते हैं कि पश्चिम बंगाल चुनाव से पहले सियासत क्यों गरमाई हुई है?..पश्चिम बंगाल में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और उससे पहले सियासी माहौल पूरी तरह गर्म हो चुका है…खासकर SIR यानी स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन को लेकर विवाद ने आग में घी डालने का काम किया है…जहां सीएम ममता बनर्जी लगातार चुनाव आयोग और बीजेपी पर हमला बोल रही हैं…
सीएम ममता का आरोप है कि वोटर लिस्ट के नाम पर गरीबों, अल्पसंख्यकों और पिछड़े वर्गों से उनका वोट देने का अधिकार छीना जा रहा है…उनका कहना है कि ये लोकतंत्र पर सीधा हमला है और देश में तानाशाही चलाई जा रही है…ममता बनर्जी ने कहा कि मतदाता सूची से 58 लाख नाम हटाने के बाद भी भाजपा 1.5 करोड़ और नाम डिलीट करवाना चाहती है…साथ ही आरोप लगाया कि चुनाव आयोग हर 2 दिन में निर्देश बदल रहा है…ये सब 2026 में भाजपा को बंगाल चुनाव में जीत दिलाने के लिए किया जा रहा है…
ममता बनर्जी ने साफ शब्दों में कहा कि बीजेपी चुनाव जीतने के लिए हर हथकंडा अपना रही है…उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग पर दबाव बनाकर वोटर लिस्ट से नाम कटवाए जा रहे हैं…ताकि विपक्षी वोट बैंक कमजोर हो जाए…ममता ने कहा कि बीजेपी वाले जानते हैं कि निष्पक्ष चुनाव हुआ तो वे हार जाएंगे…इसलिए वोट देने के अधिकार पर हमला किया जा रहा है…ये बयान सीधे केंद्र की मोदी सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करता है…यही नहीं सीएम ममता ने ये भी कहा कि बीजेपी वाले जानते हैं कि निष्पक्ष चुनाव हुआ तो वो हार जाएंगे…इसलिए वोट देने के अधिकार पर हमला किया जा रहा है…
इस दौरान सीएम ममता बनर्जी का ये बयान कि अगर मैं बंगाल जीतती हूं, तो मैं उनसे दिल्ली छीन लूंगी….राजनीति में भूचाल ले आया है…दरअसल, ये सिर्फ राज्य की राजनीति तक सीमित नहीं है….बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर PM मोदी के खिलाफ एक खुले ऐलान के तौर पर देखा जा रहा है…इस बयान से साफ है कि CM ममता खुद को अब सिर्फ राज्य की नेता नहीं…बल्कि पीएम मोदी के खिलाफ राष्ट्रीय विकल्प के रूप में पेश कर रही हैं….
जैसा कि हम सभी जानते हैं कि सीएम ममता बनर्जी के तल्ख रवैए के आगे भाजपा की एक भी दाल नहीं गलती है…पिछले 15 साल से वो पश्चिम बंगाल की कमान संभाले हुए हैं…जोकि दिखाता है कि राज्य में लोग उन्हें पसंद करते हैं और उनपर भरोसा भी करते हैं….पिछले कुछ सालों में ममता बनर्जी लगातार विपक्षी एकता की बात करती रही हैं…चाहे कांग्रेस हो, वाम दल हों या क्षेत्रीय पार्टियां…सीएम ममता सभी को एक मंच पर लाने की कोशिश कर रही हैं…मोदी सरकार के खिलाफ बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी और लोकतांत्रिक संस्थाओं पर कथित दबाव जैसे मुद्दों को लेकर सीएम ममता विपक्ष को एकजुट करने में लगी हुई हैं…
लेकिन, जिस तरह से इस बार उन्होंने सीधा ऐलान कर दिया कि…मैं भाजपा को देश से खत्म करके ही दम लूंगी….अगर मैं बंगाल जीतती हूं…तो उनसे दिल्ली भी छीन लूंगी…ऐसे में सवाल उठा कि क्या सच में सीएम ममता बनर्जी पीएम मोदी का सबसे बड़ा खतरा बन सकती हैं?….तो राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि ममता बनर्जी उन चुनिंदा नेताओं में से हैं…जिन्होंने बीजेपी को उसके मजबूत किले में हराया है…बंगाल में बीजेपी ने पूरी ताकत झोंकी थी…लेकिन सीएम ममता ने सत्ता बचाकर दिखा दिया…
यही वजह है कि ममता का आत्मविश्वास बढ़ा है और वो अब सीधे दिल्ली की सत्ता को चुनौती देने की बात कर रही हैं…हालांति, ममता बनर्जी के आरोप सिर्फ बीजेपी तक सीमित नहीं हैं…उन्होंने चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर भी सवाल उठाए हैं…उनका कहना है कि आयोग को संविधान के अनुसार काम करना चाहिए, न कि सरकार के इशारे पर….ये बहस अब सिर्फ बंगाल तक सीमित नहीं रही…देश के कई हिस्सों में विपक्ष चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल उठा रहा है…जोकि मोदी सरकार के लिए टेंशन बनती जा रही है…
ममता बनर्जी के इन तीखे आरोपों पर बीजेपी और मोदी सरकार की ओर से अब तक कोई ठोस जवाब नहीं आया है…राजनीतिक जानकार इसे कमजोरी के तौर पर देख रहे हैं…उनका कहना है कि अगर आरोप बेबुनियाद हैं…तो सरकार को खुलकर जवाब देना चाहिए…क्योंकि, चुप्पी कई बार आरोपों को और मजबूत कर देती है…देखा जाए तो ममता बनर्जी की राजनीति हमेशा से ही सड़क से संसद तक की रही है….वो खुद को जनता की नेता बताती हैं और सीधे जनता से संवाद करती हैं…उनका कहना है कि बंगाल की जीत सिर्फ एक राज्य की जीत नहीं होगी…बल्कि ये मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ जनादेश होगा…
हालांकि, लोकसभा चुनाव हो चुके हैं…लेकिन राज्य चुनावों के नतीजे राष्ट्रीय राजनीति की दिशा तय करते हैं…अगर बंगाल में बीजेपी को झटका लगता है…तो इसका असर दिल्ली की राजनीति पर भी पड़ेगा…सीएम ममता बनर्जी इसी रणनीति पर काम कर रही हैं…यानी राज्यों से बीजेपी को कमजोर करना और केंद्र की सत्ता को चुनौती देना…
बिहार चुनाव के नतीजों के बाद भी SIR प्रक्रिया को लेकर ममता बनर्जी ने साफ शब्दों में कह दिया था कि भाजपा बिहार जैसा खेल पश्चिम बंगाल में नहीं कर पाएगी…देखा भी गया कि कैसे वोटर लिस्ट में जारी SIR प्रक्रिया को लेकर ममता बनर्जी लगातार आक्रमक हैं और सड़कों पर उतरकर विरोध दर्ज किया…यहां तक कि बंगाल में SIR न टालने पर सीएम ममता ने खुली ललकार के साथ ही BJP की नींव हिला देने तक की बात कह दी थी…
वहीं अब मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के ताजा बयान ने साफ कर दिया है कि आने वाले महीनों में पीएम मोदी बनाम सीएम ममता की सियासी जंग और तेज होगी…ये लड़ाई सिर्फ सत्ता की नहीं, बल्कि लोकतंत्र, संविधान और जनता के अधिकारों की भी बताई जा रही है…अब बड़ा सवाल यही है कि क्या सीएम ममता बनर्जी वाकई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथ से दिल्ली की कमान छीन पाएंगी, या ये सिर्फ एक चुनावी हुंकार साबित होगी?…इसका जवाब आने वाले चुनाव और जनता का फैसला ही देगा.



