इंदौर के भागीरथपुरा में मचा कोहराम: 8 मौतें-66 भर्ती… जहरीला पानी बस्ती में कैसे पहुंचा? पूरी कहानी

पानी… जो जीवन की सबसे बुनियादी जरूरत है. लेकिन सोचिए, अगर यही पानी किसी बस्ती के लिए जीवनदायी न होकर जहर बन जाए तो? मध्य प्रदेश के इंदौर जिले के भागीरथपुरा में इन दिनों कोहराम मचा हुआ है. 2000 लोगों की इस बस्ती में हर तरफ चीख-पुकार सुनाई दे रही है. यहां लोगों ने दूषित पानी पिया, जिसके बाद उनकी तबीयत लगातार बिगड़ती चली गई. लोगों को उल्टियां, तेज पेट दर्द और बेहोशी जैसी गंभीर शिकायतें होने लगीं. हालात बिगड़ते देख आनन-फानन में पीड़ितों को शहर के अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती कराया गया. अब तक 8 लोगों की मौत हो चुकी है.
हालांकि, प्रशासन का कहना है कि इनमें से 3 मौतें दूषित पानी पीने की वजह से हुई हैं, जबकि 5 लोगों की मौत का कारण कार्डियक अरेस्ट है. वहीं, अब तक 100 से ज्यादा लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था, जिनमें से 35 को डिस्चार्ज कर दिया गया है. इस घटना से पूरे शहर में हड़कंप मचा हुआ है. सभी विभाग अलर्ट मोड पर है.
मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने क्या कहा?
इंदौर के मेयर पुष्यमित्र भार्गव ने स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि पानी की टंकी से निकलने वाली मेन लाइन में एक जगह पर ड्रेनेज और सीवरेज का पानी मिल रहा था. नगर निगम की टीम ने उस स्थान को ट्रेस कर लिया है और निगम के कर्मचारी व अधिकारी उसे दुरुस्त करने में जुटे हुए हैं. महापौर ने बताया कि नगर निगम का स्वास्थ्य विभाग लगातार क्षेत्र में एक्टिव है. स्वास्थ्य विभाग की टीमें अस्पतालों में भर्ती मरीजों की स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं.
लाइन दुरुस्त करने के दिए थे निर्देश
उन्होंने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि इंदौर जैसे शहर में इस तरह की घटना होना बेहद गंभीर है और इसकी नैतिक जिम्मेदारी नगर निगम की है. भविष्य में ऐसी घटना दोबारा न हो, इसके लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं. पुष्यमित्र भार्गव ने कहा कि करीब छह महीने पहले ही उन्होंने भागीरथपुरा में हेल्पलाइन पर आने वाली गंदे पानी की शिकायतों को गंभीरता से लेने और उन्हें दुरुस्त करने के निर्देश दिए थे.
‘दोषियों के खिलाफ की जाएगी सख्त कार्रवाई’
क्षेत्र में डाली गई पुरानी नल लाइनों को ठीक करने के लिए टेंडर भी जारी किए गए थे. अब इन टेंडरों को दोबारा बुलाने और कार्य में तेजी लाने के निर्देश नगर निगम आयुक्त को दिए गए हैं. साथ ही पूरे मामले में जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. महापौर ने बताया कि मुख्यमंत्री को भी पूरे घटनाक्रम से अवगत करा दिया गया है और जांच के आदेश दिए गए हैं. यह भी जांच की जाएगी कि समय पर नई पानी की लाइन क्यों नहीं डाली गई और टेंडर होने के बाद भी कार्रवाई क्यों नहीं हुई.
35 मरीजों किया गया डिस्चार्ज
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, अब तक करीब 35 मरीज इलाज के बाद डिस्चार्ज हो चुके हैं, जबकि कल शाम से अब तक 66 लोग अस्पताल में भर्ती हैं. सभी मरीजों को निशुल्क और बेहतर इलाज मुहैया कराया जा रहा है. जिन परिवारों में मौत हुई है, उन्हें मुख्यमंत्री द्वारा घोषित सहायता राशि दी जाएगी. मृतकों के परिजनों का सरकार ने 2-2 लाख की सहायत राशि देने की घोषणा की है. इस मामले में 3 जिम्मेदार अधिकारियों का तत्काल सस्पेंड कर दिया गया है.
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के आरोपों पर कटाक्ष करते हुए महापौर ने कहा कि विपक्ष को राजनीति से ऊपर उठकर संवेदनशीलता दिखानी चाहिए. नगर निगम पूरी जिम्मेदारी के साथ इस मामले को संभाल रहा है और हर पीड़ित को न्याय दिलाने का प्रयास किया जाएगा.



