BMC चुनाव में BJP–शिंदे में बड़ी टूट | नामांकन के आखिरी दिन इस्तीफों की झड़ी, महायुति में हंगामा

BMC चुनाव से ठीक पहले महायुति में बड़ा राजनीतिक भूचाल आ गया है... BJP और शिंदे गुट के बीच अंदरूनी कलह खुलकर सामने आ गई है...  

4पीएम न्यूज नेटवर्कः महाराष्ट्र में 29 नगर निगमों के चुनावों के लिए नामांकन की प्रक्रिया 30 दिसंबर 2025 को खत्म हो गई.. वहीं यह चुनाव 15 जनवरी 2026 को होने वाले हैं.. और वोटों की गिनती 16 जनवरी को होगी.. इन चुनावों में कुल 29 नगर निगम शामिल हैं.. जिनमें मुंबई की ब्रिहनमुंबई महानगरपालिका सबसे बड़ी है.. नामांकन के आखिरी दिनों में सत्ताधारी महायुति गठबंधन.. और विपक्षी महाविकास अघाड़ी दोनों में ही जबरदस्त बिखराव देखने को मिला.. नेता और कार्यकर्ता टिकट न मिलने से नाराज होकर बगावत पर उतर आए.. इस्तीफे दिए गए.. और यहां तक कि कुछ जगहों पर रोने-धोने और तोड़फोड़ की घटनाएं भी हुईं.. वहीं यह सब दिखाता है कि महाराष्ट्र की राजनीति में कितनी अस्थिरता है.. और आने वाले चुनावों में मल्टी-कॉर्नर मुकाबले की संभावना बढ़ गई है..

आपको बता दें कि महाराष्ट्र राज्य चुनाव आयोग ने इन चुनावों की घोषणा 15 दिसंबर 2025 को की थी.. नामांकन 23 दिसंबर से शुरू हुए और 30 दिसंबर तक चले.. नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख 2 जनवरी 2026 है.. वहीं इन चुनावों का महत्व इसलिए ज्यादा है.. क्योंकि हाल ही में हुए नगर परिषद और नगर पंचायत चुनावों में महायुति ने अच्छा प्रदर्शन किया था.. लेकिन अब नगर निगमों में गठबंधन की एकता टूट रही है.. महायुति में भारतीय जनता पार्टी, एकनाथ शिंदे वाली शिवसेना और अजित पवार वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी शामिल हैं.. लेकिन नामांकन के दौरान इनके बीच सीट बंटवारे पर विवाद उभरा.. जिससे कई जगहों पर पार्टियां अलग-अलग लड़ रही हैं..

बता दें कि महायुति गठबंधन की शुरुआत 2022 में हुई थी.. जब एकनाथ शिंदे ने उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना से बगावत की.. और बीजेपी के साथ सरकार बनाई.. बाद में अजित पवार भी शामिल हुए.. लेकिन इन नगर निगम चुनावों में गठबंधन की एकता बिखर गई.. 29 नगर निगमों में से 14 में बीजेपी.. और शिंदे वाली शिवसेना एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़ रही हैं.. वहीं इन शहरों में पुणे, पिंपरी-चिंचवड़, नासिक, नांदेड़, अमरावती, मालेगांव, अकोला, मीरा-भायंदर, नवी मुंबई, धुले, उल्हासनगर, सांगली, छत्रपति संभाजीनगर और जालना शामिल हैं..

बीजेपी और शिंदे सेना बीएमसी में साथ लड़ रही हैं.. जहां उन्होंने सीट बंटवारे का फॉर्मूला तय किया है.. बीजेपी 137 सीटों पर और शिंदे सेना 90 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.. लेकिन अन्य नगर निगमों में बात नहीं बनी.. उदाहरण के लिए, पुणे में बीजेपी-शिंदे सेना का गठबंधन नामांकन से महज 2.5 घंटे पहले टूट गया.. इसी तरह, छत्रपति संभाजीनगर में शिंदे गुट के कैबिनेट मंत्री संजय शिरसाट ने बीजेपी पर घमंड का आरोप लगाते हुए गठबंधन तोड़ने की घोषणा की.. उन्होंने कहा कि बीजेपी के रवैये की वजह से अलायंस टूटा.. और अगर विपक्ष को फायदा हुआ तो बीजेपी जिम्मेदार होगी.. शिरसाट ने दावा किया कि पिछले 10 दिनों से गठबंधन बचाने की कोशिश की जा रही थी.. लेकिन बीजेपी ने देरी की..

जानकारी के मुताबिक नागपुर में भी स्थिति खराब है.. यहां मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का गृह क्षेत्र है.. जहां उन्होंने अपनी राजनीतिक शुरुआत की थी.. बीजेपी ने शिंदे सेना को सिर्फ 8 सीटें दीं.. जिनमें से 6 पर बीजेपी के उम्मीदवारों को शिंदे सेना के सिंबल पर उतारा गया.. इससे शिंदे सेना के कार्यकर्ता नाराज हैं.. शिंदे युवा सेना के जिला अध्यक्ष निलेश तीघरे ने इस्तीफा दे दिया.. वे कहते हैं कि सिर्फ 8 सीटें मिलने से पूरी पार्टी बेबस लग रही है.. नागपुर में महायुति के तीनों पार्टनर अलग-अलग लड़ रहे हैं..

आपको बता दें कि अजित पवार वाली एनसीपी पहले से ही कई जगहों पर अलग लड़ रही है.. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने साफ कहा कि इन चुनावों में अजित पवार के साथ कोई गठबंधन नहीं होगा.. अजित पवार ने 40 स्टार कैंपेनर्स की लिस्ट जारी की है.. लेकिन टिकट बंटवारे से उनकी पार्टी में भी बगावत है.. नागपुर में एक कार्यकर्ता ने टिकट न मिलने पर पार्टी कार्यालय में तोड़फोड़ की.. एनसीपी के शहर अध्यक्ष अनिल अहिरकर ने कहा कि नाराजगी स्वाभाविक है.. क्योंकि एक सीट पर 10 से ज्यादा दावेदार थे..

केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले की रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया भी महायुति का हिस्सा है.. लेकिन बीएमसी में सीट न मिलने से वे नाराज हैं.. अठावले ने कहा कि उन्हें 7 सीटें देने का वादा किया गया था.. लेकिन उनकी पसंद की एक भी सीट लिस्ट में नहीं थी.. इससे मोहभंग हो गया.. और अब वे 38 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ेंगे.. हालांकि, बाकी सीटों पर बीजेपी-शिंदे सेना को समर्थन देंगे.. अठावले ने इसे धोखा बताया और कहा कि बैठक का समय नहीं मानने से अपमान हुआ.. इससे महायुति में और दरार पड़ी.. क्योंकि आरपीआई दलित वोट बैंक को प्रभावित करती है..

विपक्षी गठबंधन महाविकास अघाड़ी में कांग्रेस, उद्धव ठाकरे वाली शिवसेना (यूबीटी).. और शरद पवार वाली एनसीपी शामिल हैं.. लेकिन यहां भी एकता नहीं है.. नागपुर में कांग्रेस और शरद पवार की एनसीपी अलग-अलग लड़ रही हैं.. शरद पवार गुट के नागपुर अध्यक्ष दुनेश्वर पेठे ने कहा कि कांग्रेस के साथ चर्चा रात तक चली.. लेकिन वे पलट गए.. एनसीपी ने 25 सीटें मांगीं.. फिर 15 पर सहमत हुई, लेकिन कांग्रेस तैयार नहीं हुई.. पेठे ने आरोप लगाया कि कांग्रेस बीजेपी की मदद करना चाहती है..

वहीं पुणे में शरद पवार वाली एनसीपी ने पहले एमवीए से बात की.. फिर अजित पवार वाली एनसीपी से गठबंधन किया.. और फिर वापस एमवीए से जुड़ी.. उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे (एमएनएस) भी गठबंधन की कोशिश कर रहे हैं.. शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा कि दो दिनों में एमएनएस के साथ गठबंधन की घोषणा होगी.. कांग्रेस प्रकाश आंबेडकर की वंचित बहुजन अघाड़ी (वीबीए) से गठबंधन की कोशिश कर रही है..

आपको बता दें कि नामांकन के दौरान कई भावनात्मक और हिंसक घटनाएं हुईं.. पुणे में वार्ड नंबर 3 से शिंदे गुट की नेता पद्मा शेलके का ‘एबी फॉर्म’ चोरी हो गया.. जिससे वे चुनाव कार्यालय के बाहर रोने लगीं.. उन्होंने आरोप लगाया कि साजिश के तहत फॉर्म चुराकर दूसरे उम्मीदवार को दे दिया गया.. चंद्रपुर में श्याम बोबडे ने बीजेपी और कांग्रेस दोनों से टिकट मांगा.. लेकिन न मिलने पर रोने लगे.. वे कांग्रेस सांसद प्रतिभा धानोरकर के कार्यालय पहुंचे..  लेकिन वहां भी निराशा मिली..

 

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