सचिवालय की सुरक्षा व्यवस्था पर सरकार गंभीर, नो वेपन जोन घोषित करने की तैयारी
लखनऊ। बापू भवन सचिवालय के आठवें तल पर निजी सचिव विशम्भर दयाल के खुद को गोली मारने की घटना के बाद सचिवालय की सुरक्षा को चाक-चौबंद करने के लिए कई बड़े कदम उठाए जाने का निर्णय किया गया है। सचिवालय क्षेत्र को नो वेपन जोन बनाने पर भी विचार हो रहा है। वहीं इस मामले में सचिवालय सुरक्षा दल के मुख्य रक्षक व दो विधान भवन रक्षक को निलंबित कर दिया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना को बेहद गंभीरता से लेकर सचिवालय परिसर में शस्त्र के प्रवेश को लेकर कड़ी नाराजगी जताई है। उन्होंने यह सुनिश्चित करने को कहा सचिवालय परिसर में कोई शस्त्र लेकर प्रवेश न कर सके। साथ ही पान-मसाला व तंबाकू पर भी प्रतिबंध लगाए जाने और साफ-सफाई रखने का सख्त निर्देश दिया है। योगी ने सचिवालय समेत सभी शासकीय कार्यालयों की सुरक्षा व्यवस्था को और पुख्ता करने को कहा है। सचिवालय के सभी भवनों की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत बनाने के लिए अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश कुमार अवस्थी व अपर मुख्य सचिव, सचिवालय प्रशासन हेमन्त राव की संयुक्त अध्यक्षता में उच्चस्तरीय बैठक हुई, जिसमें सचिवालय सुरक्षा के विभिन्न बिंदुओं पर विचार किया गया। सचिवालय की सुरक्षा-व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए दो समितियों का भी गठन किया गया। जो जरूरी सुरक्षा उपकरण, संसाधन व उसके प्रशिक्षण समेत अन्य बिंदुओं पर जल्द अपनी रिपोर्ट देंगी।
प्रवेश द्वारों पर कड़ी निगरानी में चेकिंग
सचिवालय क्षेत्र को नो वेपन जोन घोषित किये जाने पर अधिकारियों ने कहा कि इसके लिए आर्म्स एक्ट का अध्ययन किए जाने के साथ ही फील्ड के अधिकारियों से भी विचार विमर्श किया जाएगा। यह भी तय किया जाएगा कि नो वेपन जोन की परिधि सचिवालय क्षेत्र में कहां तक होगी। सचिवालय की सुरक्षा में नवगठित उप्र विशेष सुरक्षा बल को लगाए जाने पर भी विचार किया गया। सचिवालय के सभी भवनों के प्रवेश द्वारों पर सुरक्षा व्यवस्था व चेकिंग को और सख्त किये जाने का निर्णय भी किया गया। सभी प्रवेश द्वार पर डीएफएमडी, एचएफएमडी, बैग स्कैनर व अन्य उपकरण लगाए जाएंगे। सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाकर निगरानी की व्यवस्था को भी और प्रभावी बनाया जाएगा।