सिसासत में इंदिरा गांधी की वापसी, प्रियंका गांधी निभाएंगी अपनी दादी का रोल
केरल की वायनाड लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव का नतीजे आ गया है.... चुनावी रण में पहली बार अपनी किस्मत आ रहीं....
4पीएम न्यूज नेटवर्कः केरल की वायनाड लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव का नतीजे आ गया है…. चुनावी रण में पहली बार अपनी किस्मत आ रहीं…. कांग्रेस उम्मीदवार प्रियंका गांधी ने बड़ी जीत हासिल की है…. बता दें कि राहुल गांधी के वायनाड सीट छोड़ने के बाद उनकी बहन प्रियंका गांधी यहां चुनावी मैदान में उतरी थीं…. करीब साढ़े तीन दशक का खुद का राजनीतिक अनुभव बताने वाली प्रियंका पहली बार चुनावी राजनीति में दाखिल हुईं…. और वायनाड से उपचुनाव लड़ा….. वायनाड में प्रियंका ने माकपा के सत्यन मोकेरी को चार लाख से अधिक वोट से हरा दिया है…. आपको बता दें कि वायनाड संसदीय सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने धमाकेदार जीत दर्ज करने के साथ अपनी चुनावी राजनीति की शुरुआत की है…. और उन्होंने सीपीआई के सत्यन मोकेरी को चार लाख, दस हजार से अधिक वोटों के अंतर से हराया…. यह प्रियंका गांधी के सियासी करियर का पहला चुनाव था…. बता दें कि राजनीति में एक्टिव होने के साथ ही साथ प्रियंका गांधी शुरू से ही महिलाओं के मुद्दों को तेजी से उठाती रहीं है… जिसके चलते उनकी छबि जनता के बीच में बहुत अच्छी है… और प्रियंका गांधी को दादी इंदिरा गांधी का आशीर्वाद मिला हुआ है… और जब वह मंचो से सरकार की नाकामी गिनाना शुरू करती है… तो उनके अंदर इंदिरा गांधी दिखाई देने लगती है…
आपको बता दें कि जिस अंदाज में निर्भीक और बिना किसी भेदभाव के इंदिरा गांधी राजनीति करती थीं… ठीक उसी प्रकार से प्रियंका गांधी भी एक्टिव रहती है… और किसी भी मुद्दे पर अपनी पूरी बेबाकी के साथ अपनी बात रखती है… और सरकार की नाकामी को जनता के सामने उठाती है… महिलाओं के साथ हो रहे अत्याचार को लेकर हमेशा से मुखर रहीं है… बता दें कि महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने नारा दिय़ा था कि लड़की हूं लड़ सकती हूं… जिसको देश में अधिक सराहा गया है… और तभी से उनकी छबि जनता के बीच में और अच्छी बन गई… जिसका लाभ उन्हें लोकसभा उपचुनाव में मिला और एक बड़े ऐतिहासिक अंतर से जीत हांसिल की… बता दें कि महिलाएं प्रियंका गांधी की सबसे बड़ी ताकत हैं… देश की महिलाएं प्रियंका गांधी की बातों को गंभीरता से लेती है… और समाज में महिलाओं के खिलाफ व्याप्त कुरीतियों को जिस तरह से प्रियंका गांधी उजागर करती है… जिसका बड़ा असर देखने को मिला और पहले चुनाव में ही एक बड़ी ऐतिहासिक जीत हांसिल की है….
जानकारी के मुताबिक राहुल गांधी ने दो हजार उन्नीस में वायनाड सीट पर चार लाख इकतीस हजार सात सौ दस वोट…. और दो हजार चौबीस में तीन लाख चौंसठ हजार चार सौ बाइस वोट के अंतर से जीत दर्ज की थी…. और उन्होंने दो हजार चौबीस के आम चुनावों में वायनाड और रायबरेली दोनों सीटों पर जीत दर्ज की थी…. राहुल गांधी ने इस साल की शुरुआत में वायनाड सीट खाली कर दी थी…. क्योंकि उन्होंने रायबरेली से सांसद बने रहने का फैसला किया था…. प्रियंका गांधी वाड्रा चुनावी राजनीति में एंट्री करने वाली नेहरू-गांधी परिवार की दसवीं सदस्य हैं…. बता दें कि प्रियंका से पहले गांधी परिवार से जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, फिरोज गांधी, संजय गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी, मेनका गांधी, वरुण गांधी और राहुल गांधी राजनीति में एंट्री कर चुके हैं….. प्रियंका गांधी अब अपनी राजनीति देश के दक्षिणी हिस्से से शुरू करेंगी…. वह अपनी दादी और देश की पूर्व पीएम इंदिरा गांधी, मां सोनिया गांधी… और चाची मेनका गांधी के बाद चौथी महिला सदस्य हैं… जो लोकसभा सांसद चुनी गई हैं….
आपको बता दें कि देश के पहले और लंबे वक्त तक प्रधानमंत्री की कुर्सी पर आसीन होने वाले जवाहरलाल साल उन्नीस सौ बारह में राजनीति में सक्रिय हो गए थे…. लेकिन उन्होंने अपना पहला चुनाव देश को आजादी मिलने के बाद हुए लोकसभा चुनावों में लड़ा था…. वह पंद्रह अगस्त, उन्नीस सौ सैंतालीस से लेकर सत्ताइस मई, उन्नीस सौ चौंसठ तक सोलह साल प्रधानमंत्री रहे…. इंदिरा गांधी ने कांग्रेस की केंद्रीय कार्यसमिति की सदस्य के रूप में राजनीति की शुरुआत की थी…. पर उन्होंने अपना पहला चुनाव पिता के निधन के बाद साल उन्नीस सौ सरसठ में उत्तर प्रदेश की रायबरेली सीट से लड़ा था…. इंदिरा गांधी साल उन्नीस सौ छासठ से सरसठ और उन्नीस सौ अस्सी से उन्नीस सौ चौरासी तक देश की प्रधानमंत्री रहीं…. इंदिरा गांधी द्वारा अपने कार्यकाल में विपक्षी नेताओं के आंदोलन को रोकने के लिए लगाई गई… इमरजेंसी की आज भी आलोचना होती है…. इंदिरा गांधी के पति फिरोज गांधी देश स्वतंत्रता आंदोलनों में काफी सक्रिय रहे…. देश को आजादी मिलने के बाद हुए पहले लोकसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर प्रतापगढ़-रायबरेली सीट से चुनाव लड़ा और जीता था…. इसके बाद उन्होंने साल उन्नीस सौ सत्तावन में यूपी के रायबरेली से चुनाव लड़ा था….
इंदिरा गांधी के छोटे बेटे संजय गांधी अपनी युवावस्था से ही राजनीति में दिलचस्पी रखते थे….. और विदेश से लौटने के बाद वह राजनीति में सक्रिय हो गए…. और उन्होंने अपना पहला चुनाव इमरजेंसी के बाद उन्नीस सौ सतहत्तर में हुए लोकसभा चुनाव में यूपी के अमेठी से लड़ा था….. इस चुनाव में वह बुरी तरह हार गए….. हालांकि उन्नीस सौ अस्सी में हुआ लोकसभा चुनाव में उन्होंने फिर से अमेठी से चुनाव लड़ा… और जीत गए…. पर तेइस जून उन्नीस सौ अस्सी को एक प्लेन दुर्घटना में उनका निधन हो गया…. देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने अपने छोटे भाई संजय गांधी के निधन के बाद साल उन्नीस सौ इक्यासी में अमेठी में हुए उपचुनाव जीत कर अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी…. लेकिन बाद में साल उन्नीस सौ चौरासी में इंदिरा गांधी की हत्या के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री पद की शपथ ग्रहण की थी…. वहीं, इंदिरा गांधी की हत्या के बाद देश में हुए आम चुनावों में उनके नेतृत्व में कांग्रेस को प्रचंड बहुमत मिला था…. जो आज भी रिकॉर्ड है…. हालांकि, साल उन्नीस सौ इक्यानवे में होने वाले आम चुनाव के प्रचार के दौरान तमिलनाडु में उनकी हत्या कर दी गई थी….
वहीं मेनका गांधी ने साल उन्नीस सौ चौरासी के आम चुनाव में अपना अलग दल बनाकर राजनीतिक करियर की शुरुआत की…. और उन्होंने चौरासी के आम चुनाव में संजय गांधी का निर्वाचन क्षेत्र रहे अमेठी से लड़ा था…. बाद में उन्होंने उन्नीस सौ नवासी में यूपी के पीलीभीत से चुनाव लड़ा था….. सोनिया गांधी ने अपने पति राजीव गांधी की हत्या के कई साल बाद राजनीति में एंट्री करते हुए साल उन्नीस सौ सत्तानबे में कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण की थी…. इसके बाद वह साल उन्नीस सौ अट्ठानबे में कांग्रेस की अध्यक्ष चुनी गईं थीं…. और उन्होंने अपने पहला चुनाव साल उन्नीस सौ निन्नानबे में कांग्रेस का गढ़ कही जाने वाली अमेठी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा….. अमेठी के बाद उन्होंने साल दो हजार चार में अमेठी की सीट को छोड़कर रायबरेली से चुनाव लड़ा था….. वह इस सीट से दो हजार चौबीस तक संसद रहीं हैं….. गांधी परिवार के सदस्य और संजय गांधी के बेटे वरुण गांधी ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत साल दो हजार चार में की थी…. और उन्होंने साल दो हजार चार में पीलीभीत लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था…. और जीत हासिल की थी…. इसके बाद उन्होंने यूपी की सुल्तानपुर लोकसभा सीट से चुनाव जीतकर संसद भवन पहुंचे थे…. साल दो हजार चौबीस के आम चुनाव में बीजेपी ने उनका सुल्तानपुर से टिकट काट दिया था….
बता दें कि राहुल गांधी ने साल दो हजार चार में कांग्रेस की पारंपरिक सीट अमेठी से पहला चुनाव लड़ा था…. इस सीट से वह तीन बार सांसद चुने गए थे…. लेकिन साल दो हजार उन्नीस के आम चुनाव में उन्हें बीजेपी उम्मीदवार स्मृति ईरानी ने हरा दिया था…. साल दो हजार उन्नीस में उन्होंने अमेठी और वायनाड से चुनाव लड़ा था…. वह अमेठी से हार गए थे…. लेकिन वायनाड से चुनाव रिकॉर्ड मतों से जीत लिया था…. साल दो हजार चौबीस के आम चुनाव में राहुल गांधी ने यूपी की रायबरेली…. और वायनाड लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था… और दोनों सीटों से जीत हासिल की थी…. वर्तमान में वह लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं…. वहीं प्रियंका गांधी ने सक्रिय राजनीति में काफी देरी से कदम रखा…. इससे पहले वो केवल अपनी मां और भाई के लिए चुनाव प्रचार करती हुई नजर आती थीं…. दो हजार चार के लोकसभा चुनाव में वह अपनी मां सोनिया गांधी की चुनाव अभियान प्रबंधक थीं…. और अपने भाई राहुल गांधी के चुनाव प्रबंधन में मदद की…. तेइस जनवरी दो हजार उन्नीस को प्रियंका औपचारिक रूप से राजनीति में आईं जब वो पार्टी महासचिव बनीं….
इसके साथ ही प्रियंका गांधी पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी भी बनीं… बता दें कि ग्यारह सितंबर दो हजार बीस में उन्हें पूरे उत्तर प्रदेश का प्रभारी महासचिव नियुक्त किया गया…. सक्रिय राजनीति का हिस्सा न होने के बाद भी प्रियंका ने अमेठी… और रायबरेली में कांग्रेस को मजबूत करने का काम किया…. और दो हजार बाइस उत्तर प्रदेश का विधानसभा चुनाव कांग्रेस ने प्रियंका गांधी के नेतृत्व में लड़ा…. प्रियंका यूपी के चुनाव में चालीस फीसदी टिकट महिलाओं को देकर चर्चा में आईं…. इसी चुनाव में प्रियंका गांधी ने ‘लड़की हूं लड़ सकती हूं’ अभियान की शुरुआत से महिला सशक्तिकरण पर जोर दिया…. हालांकि, इन सब प्रयासों के बाद भी कांग्रेस पार्टी कुछ खास परफॉर्मेंस नहीं कर पाई थी…. कांग्रेस को सिर्फ दो सीटों पर सफलता मिली थी…
वहीं सत्रह जून दो हजार चौबीस में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने प्रियंका के वायनाड से चुनाव लड़ने का एलान किया….. दरअसल दो हजार चौबीस के लोकसभा चुनाव में वायनाड और रायबरेली दोनों सीटों से चुनाव लड़ा था…. वो दोनों ही सीटों पर जीत गए थे….. इसके बाद उन्होंने रायबरेली सीट को चुना… और वायनाड सीट खाली हो गई…. वहां उपचुनाव करवाने पड़े जिसमें प्रियंका गांधी कांग्रेस का चेहरा बनीं…. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने सक्रिय संसदीय राजनीति में कदम रख लिया है…. इसका फैसला वायनाड के मतदाताओं ने उपचुनाव में कर दिया है…. वायनाड सीट पर हुए उपचुनाव में प्रियंका ने चार लाख नौ हजार इकतीस वोट से जीत हासिल है.,… कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को छः लाख बाइस हजार तीन सौ अड़तीस वोट मिले हैं…. यहां दूसरे नंबर पर माकपा के सत्यन मोकेरी रहे…. जिन्हें दो लाख ग्यारह हजार चार सौ सात वोट मिले हैं…. वहीं तीसरे स्थान पर भाजपा की नाव्या हरिदास रहीं….. जिन्हें एक लाख नौ हजार नौ सौ उनतालीस वोट मिले हैं….