सिराथू में संघर्षपूर्ण लड़ाई में हारे केशव मौर्य, स्वामी प्रसाद भी नहीं बचा पाए अपनी सीट

लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में भाजपा ने एक बार फिर प्रचंड बहुमत के साथ जीत हासिल कर ली है। विपक्ष के तमाम दावों से उलट भाजपा गठबंधन की पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में वापसी हो गई। भाजपा गठबंधन का 273 सीटों पर कब्जा हो गया है जबकि सपा गठबंधन 125 पर सिमटा गया है। वहीं कांग्रेस के खाते में दो और बसपा को एक सीट मिली है। प्रदेश में भाजपा गठबंधन की आंधी चली, लेकिन प्रदेश सरकार में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य अपने गृह जनपद में हार गए। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की बड़ी जीत में बड़ी भूमिका निभाकर उप मुख्यमंत्री बने केशव वर्ष 2022 के चुनाव में अपना घर नहीं बचा सके। वहीं गोरखपुर से चिल्लूपार से भाजपा के राजेश त्रिपाठी, बांसगांव से विमलेश पासवान, खजनी से श्रीराम चौहान, सहजनवा से प्रदीप शुक्ला, गोरखपुर ग्रामीण से विपिन सिंह, गोरखपुर शहर से सीएम योगी आदित्यनाथ, कैम्पियरगंज से फतेह बहादुर सिंह, पिपराइच से महेन्द्र पाल सिंह तथा चौरीचौरा से श्रवण कुमार निषाद जीते। वाराणसी मे भी भाजपा ने सभी सीट पर जीत दर्ज की है। गोंडा की सात तथा हरदोई में भाजपा ने आठों विधानसभा सीट पर विजय पताका फहराई है। लखीमपुर में भाजपा ने प्रदर्शन दोहराते हुए सभी आठों सीटों पर जीत दर्ज की। झांसी में भाजपा ने सदर, बबीना, गरौठा तथा मऊरानीपुर सीट पर जीत दर्ज की है।

मैनपुरी के करहल से अखिलेश यादव की रिकार्ड जीत

समाजवादी पार्टी के राष्टï्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मैनपुरी के करहल में रिकार्ड जीत दर्ज की है। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़े और केन्द्रीय मंत्री भाजपा प्रत्याशी प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल को शिकस्त दी। करहल विधानसभा सीट पर अखिलेश यादव ने 66782 मत के अंतर से जीत हासिल की है। यह जिले के विधानसभा चुनावों के इतिहास की सबसे बड़ी जीत है। इससे पहले 2017 के चुनाव में सपा के सोबरन सिंह यादव के नाम 38405 वोटों के अंतर से जीत का रिकार्ड था। सपा मुखिया अखिलेश यादव को चुनाव में 147237 वोट मिले, जबकि उनके निकटतम प्रतिद्वंदी एसपी सिंह बघेल को 80455 वोट हासिल हुए।

भाजपा छोड़कर सपा में जाने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य तथा धर्म सिंह सैनी ने गंवाईर् अपनी सीट

विधानसभा चुनाव की तरीख की घोषणा होते ही पाला बदलने वाले योगी आदित्यनाथ सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ धर्म सिंह सैनी को हार झेलनी पड़ी है। प्रदेश में अपने को कद्दावर नेता बताने वाले इन दोनों नेताओं को भाजपा प्रत्याशियों ने शिकस्त दी। कुशीनगर जिले के फाजिलनगर से भाजपा के प्रत्याशी सुरेंद्र कुशवाहा ने समाजवादी पार्टी के स्वामी प्रसाद मौर्य को 36 हजार से अधिक वोट से हराया। भाजपा छोड़ने के बाद भाजपा को सांप और खुद को नेवला बताने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था कि नाग रूपी आरएसएस और सांप रूपी भाजपा को स्वामी रूपी नेवला यूपी से खत्म करके ही दम लेगा। सहारनपुर के नकुड़ से भाजपा प्रत्याशी मुकेश चौधरी ने समाजवादी पार्टी के डॉ. धर्म सिंह सैनी को पराजित किया। यहां पर बसपा के साहिल तीसरे स्थान पर रहे। सहारनपुर में पांच सीट में तीन पर भाजपा तथा दो में सपा गठबंधन के प्रत्याशी जीते हैं। गंगोह से भाजपा प्रत्याशी कीरत चौधरी तथा देवबंद से भाजपा प्रत्याशी कुंवर बृजेश सिंह जीते हैं। बेहट से गठबंधन प्रत्याशी उमर अली खान तथा सहारनपुर देहात से गठबंधन के आशु मलिक जीते हैं।

नोएडा से पंकज सिंह रिकार्ड मतों से जीते

भाजपा ने गौतमबुद्धनगर में क्लीन स्वीप किया है। भाजपा ने यहां की तीनों सीट पर जीत दर्ज की है। साथ ही भाजपा के नोएडा से प्रत्याशी पंकज सिंह ने रिकार्ड वोट से जीत दर्ज की है। गौतमबुद्धनगर के दादरी से भाजपा के तेजपाल नागर, जेवर से धीरेंद्र ठाकुर तथा नोएडा से भाजपा प्रत्याशी पंकज सिंह ने जीत दर्ज की है। नोएडा से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के पुत्र और भाजपा के मौजूदा विधायक पंकज सिंह ने सपा-रालोद गठबंधन के सुनील चौधरी, कांग्रेस की पंखुड़ी पाठक और बसपा के कृपाराम शर्मा को टिकने ही नही दिया। पंकज सिंह ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। वह एक लाख 80 हजार वोट से जीते हैं। पंकज सिंह ने अजित पवार की एक लाख 65 हजार वोट से जीत के रिकार्ड को तोड़ा है। 2017 में भी इस सीट पर निर्वाचित हुए पंकज सिंह को कुल एक लाख 62 हजार 417 वोट मिले थे। सपा के सुनील चौधरी को 58 हजार 401 वोट मिले थे।

कांंग्रेस प्रदेश अध्यक्ष लल्लू तीसरे स्थान पर

कुशीनगर की तमकुहीराज सीट पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू तीसरे स्थान पर रहे। यहां भाजपा प्रत्याशी असीम कुमार राय ने उन्हें हराया। यही नहीं लल्लू के क्षेत्र में ज्यादातर गांवों का वोट भाजपा के पक्ष में गिरा। बताया जा रहा है कि क्षेत्र में दौरा न करने के चलते जनता कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष लल्लू से नाराज थी।

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