झारखंड में जीत के बाद बोले हेमंत सोरेन, पत्नी कल्पना को बताया ‘वन-मैन आर्मी’ 

4PM न्यूज़ नेटवर्क: झारखंड विधानसभा चुनाव में तमाम अटकलों के बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की दूसरी बार वापसी हो रही है। कयासों को पीछे छोड़ते हुए झारखंड मुक्ति मोर्चा सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। हेमंत सोरेन की दोबारा सत्ता में वापसी तय हो चुकी है। इस जबरदस्त जीत का श्रेय भी सीएम हेमंत सोरेन को ही मिल रहा है।

झारखंड हेमंत सोरेन की दूसरी बार हुई वापसी

50 से अधिक सीटों पर आगे चल रहे इंडिया अलायंस की जीत सुनिश्चित देख हेमंत सोरेन ने एक इंटरव्यू के दौरान तमाम पहलुओं पर बात की। हेमंत सोरेन ने जीत का श्रेय झारखंड की जनता को देते हुए कहा कि हमने तैयारी तो की और अपनी बात लोगों तक पहुंचने में सफल भी रहे, लेकिन जनता ने मुझ पर यकीन किया यह बड़ी बात है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेतृत्व वाला गठबंधन विधानसभा की 81 सीटों में से 57 पर आगे चल रहा है। हेमंत सोरेन ने इस जीत का श्रेय अपनी पत्नी कल्पना सोरेन और उनकी टीम को दिया है।

उन्होंने कहा, ‘आपने देखा कि लोकसभा चुनाव में हमने कैसा प्रदर्शन किया। अगर मैं जेल से बाहर होता तो हम और भी बेहतर प्रदर्शन करते। उस समय, मेरी पत्नी कल्पना सोरेन ‘वन-मैन आर्मी’ के रूप में काम कर रही थीं।

आपको बता दें कि हेमंत सोरेन ने कहा कि ‘हमने अपना होमवर्क कर लिया था और अपने लक्ष्य निर्धारित कर लिए थे। हम जानते थे कि यह बहुत कठिन मुकाबला होने वाला है। इसलिए हम अपनी टीम के साथ जमीन पर काम करने के लिए निकल पड़े थे। यह बेहतरीन टीम वर्क था और हमने वह मैसेज दिया जो हम देना चाहते थे।

हेमंत सोरेन ने आगे कहा कि राज्य सरकार की मईयां सम्मान योजना का फायदा गठबंधन को मिला है। उन्होंने कहा कि मईयां योजना और महिलाओं का समर्थन मिलने को लेकर कहा कि, यह बात सही है कि झारखंड गरीब राज्यों में से एक है, जहां लोगों के लिए एक-एक रुपया बहुत ज्यादा मायने रखता है। मईंया सम्मान योजना यहां सफल साबित हुआ है और हमारा फोकस यहां के लोगों की सोशल सिक्योरिटी पर रहेगा। ऐसे में यही हमारी पहली प्राथमिकता है और उसी का रिजल्ट हमें देखने को मिला है।

महत्वपूर्ण बिंदु

  • हेमंत सोरेन ने कहा कि आदिवासियों ने बीजेपी को वोट इसलिए नहीं दिया कि मेरे पिता शिबू सोरेन हैं।
  • उन्होंने कहा कि हमने झारखंड की लड़ाई की पहले से ही तैयारी कर रखी थी।
  • इसके लिए बड़ी टीम बनाई थी और ग्राउंड लेवल पर जाकर काम किया।
  • टीम वर्क ने यह चीजें डिलीवर की और लोगों तक मैसेज पहुंचाया।

 

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