हार के बाद भी केशव को मिल सकती है बड़ी जिम्मेदारी

अब लोक सभा चुनाव पर है भाजपा का फोकस, 4पीएम की परिचर्चा में प्रबुद्धों ने उठाए कई सवाल

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। यूपी चुनाव में भाजपा ने भारी बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की है लेकिन डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को हार का सामना करना पड़ा। ऐसे में चर्चा है कि केशव का भविष्य क्या होगा? 2024 में पिछड़ों को साधने के लिए केशव मौर्य की भूमिका क्या रहेगी? इस मुद्दे पर वरिष्ठï पत्रकार अशोक वानखेड़े, उमाशंकर दुबे, प्रो. लक्ष्मण यादव, सतीश के सिंह, राजेंद्र द्विवेदी और 4पीएम के संपादक संजय शर्मा ने एक लंबी परिचर्चा की।
अशोक वानखेड़े ने कहा, भाजपा का फोकस 2024 का लोक सभा चुनाव है। जिस दिन मंत्रिमंडल सामने आ जाएगा, विभागों के बंटवारे होंगे, उस दिन पता चल जाएगा कि दिल्ली से सरकार चल रही है या लखनऊ से। भाजपा ने 2024 की तैयारी भी शुरू कर दी है। उमाशंकर दुबे ने कहा 2022 का योगी सरकार का जो मंत्रिमंडल होगा, वह 2024 के हिसाब से होगा। केशव मौर्य को भाजपा इग्नोर नहीं कर सकती। संभावना है कि इनको संगठन में लाया जाएगा। हो सकता है योगी मंत्रिमंडल में केशव को स्थान न मिले।
सतीश के सिंह ने कहा पहली बात तो मुझे नहीं लगता कि केशव को कोई बहुत बड़ी जिम्मेदारी दी जानी है। अगर कोई देना भी चाहे तो शायद योगी न माने। दूसरे केशव मौर्य और केंद्र में जो नितिन गडकरी है, दोनों में समानता हैं। 2019 चुनाव के पहले गडकरी के बारे में खबरें थी, ठीक उसी तरह की खबर केशव के बारे में हैं। तीसरी बात अमित शाह 2013 से अभी तक यूपी के आर्किटेक्ट हैं। शाह का पर्यवेक्षक बनना केशव मौर्य की दृष्टिï से देखना ज्यादा होगा। राजेंद्र द्विवेदी ने कहा, अब तैयारी 2024 की है। केशव , दिनेश शर्र्मा को भाजपा अपने समीकरण के हिसाब से फिट करेगी। प्रो. लक्ष्मण यादव ने कहा, केशव ने 2017 में जीत दिलाई। अब जब वो चुनाव हार गए तो समीकरण बदले नजर आ रहे है। भाजपा शातिर पार्टी है, ऐसे में उनको बड़ी जिम्मेदारी दी जाएगी।

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