गन्ना किसानों को सौ दिन में होगा आठ हजार करोड़ का भुगतान, कार्ययोजना तैयार
लखनऊ। प्रदेश के 46 लाख गन्ना किसानों को यूनीक ग्रोअर कोड (यूजीसी) जारी होगा। इससे बिचौलियों का सफाया होगा और किसानों को समय से गन्ना आपूर्ति करने में आसानी होगी। गन्ना विभाग ने इसका जिक्र अपनी सौ दिन की कार्ययोजना में किया है। अपर मुख्य सचिव संजय आर भूसरेड्डी के मुताबिक गन्ना किसानों को पिछले बकाए का शत प्रतिशत भुगतान हो चुका है और हाल का भी 75 प्रतिशत भुगतान हो चुका है। सौ दिन की कार्ययोजना में गन्ना किसानों को आठ हजार करोड़ रुपये का भुगतान किया जाएगा। 168 गन्ना सहकारी विकास समितियों एवं 152 गन्ना परिषदों की ऑनलाइन कंप्यूटराज्ड बैलेंस शीट तैयार कराई जाएगी। समितियों के पांच लाख अंशधारक किसानों को प्रमाणपत्रों का वितरण होगा। गौरतलब है कि प्रदेश में 46.5 लाख किसान लगभग 25.7 लाख हेक्टेयर में गन्ने की खेती करते हैं। सौ दिन की कार्ययोजना में इन किसानों का डिजिटल सर्वेक्षण कर उनको यूजीसी जारी किया जाएगा। वहीं गन्ने की उत्पादकता बढ़ाने व लागत घटाने के लिए नौ सूत्री कार्यक्रम चलाया जाएगा। इसके अलावा 15 हजार किसानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे वे उन्नत खेती कर सकें और ज्यादा मुनाफा कमाएं। इसके अलावा लगभग एक लाख हेक्टेयर फसल में तरल नैनो यूरिया का छिड़काव कराया जाएगा। इससे उत्पादन लागत में कमी और पर्यावरण में शुद्धता आएगी।
गाजीपुर में सपा के पूर्व सांसद राधेमोहन सिंह ने पार्टी छोड़ी
गाजीपुर। पूर्व सांसद राधेमोहन सिंह ने बसपा सांसद अफजाल अंसारी और मुख्तार पर निशाना साधने के साथ ही पार्टी से अपनी राह अलग कर ली। वह किस पार्टी में जा रहे हैं अभी उन्होंने स्पष्ट नहीं किया है। एमएलसी चुनाव के पूर्व समाजवादी पार्टी के लिए यह बड़ा झटका माना जा रहा है, दूसरी ओर जिले में सभी विधायक सपा और गठबंधन के होने की वजह से पार्टी में बगावत होना सपा के लिए पूर्वांचल में चुनौती और बढ़ गई है। सपा के पूर्व सांसद राधेमोहन सिंह ने अंसारी बंधुओं की वजह से सपा में अपराधीकरण होने का आरोप लगाते हुए पार्टी से इस्तीफा दिया तो सियासी हलकों में पूर्वांचल में सपा में अंदरूनी नाराजगी सामने आ गई। उनका कहना था कि राजनीति से अपराधीकरण खत्म होना चाहिए, लेकिन यहां तो अपराधी के बेटे को टिकट देकर विधायक बनाया जा रहा है। अपराधियों का बोलबाला होने की वजह से ही इस बार सपा की सरकार नहीं बनी सकी है।
पूर्व सांसद ने कहा कि वह पिछले 33 सालों से पूरी निष्ठापूर्वक पार्टी से जुड़े हुए थे, लेकिन अफसोस है कि जिले में सपा को माफिया चला रहा है। बसपा सांसद अफजाल अंसारी पर्दे के पीछे से सपा की राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मेरी पत्नी ने सपा से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ा था। अफजाल अंसारी ने उन्हें हराने के लिए पूरी ताकत लगा दी, तब भाई तेजबहादुर सिंह के निधन के कारण पूरा परिवार अस्पताल में था। ऐसे में 31 मतों से जबरदस्ती हरा दिया गया। आरोप लगाया कि अफजाल अंसारी ने सपा के खिलाफ जाकर भाजपा की सपना सिंह को जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने में पूरी मदद की थी। सपा हाईकमान की आंख भी 12 अप्रैल को एमएलसी चुनाव का परिणाम आने के बाद खुल जाएगी। पार्टी के नेता ही भितरघात कर रहे हैं। कहा कि सबसे अधिक एक हजार सदस्य बनाने का रिकार्ड उनके नाम रहा।