महंगाई और बेरोजगारी पर बात नहीं करना चाहती भाजपा : अखिलेश
- आजम खां को लेकर सपा प्रमुख बोले, वकील साहब से बात कर रहे
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के बड़े नेता आजम खान और सपा प्रमुख अखिलेश यादव के बीच अनबन अभी भी बनी हुई है। इस बीच आजम को लेकर अखिलेश यादव ने फिर से बयान दिया है, जो राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय भी बना हुआ है। दरअसल, अखिलेश वाराणसी के लाल बहादुर इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंचे थे, जहां अखिलेश का कहना है कि वह आजम खान के परिवार से संपर्क में हैं। आजम खां के परिजनों से वह लगातार बात कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया है कि समाजवादी पार्टी हमेशा आजम खान और उनके परिवार के साथ है। अखिलेश जल्द ही उनसे मिलेंगे। वहीं उन्होंने यह भी कहा कि आजम के वकील से भी वह लगातार बात कर रहे हैं और उन्हें सपा में बनाए रखने के लिए पूरी कोशिश कर रहे हैं। वहीं, ज्ञानवापी मुद्दे को लेकर भी सपाध्यक्ष का कहना है कि भाजपा देश-प्रदेश में शांति बरकरार रखना नहीं चाहती। पार्टी चाहती है कि समाज में लोग एक दूसरे से झगड़ते रहें। अहम मुद्दे जैसे नौकरी, महंगाई और बेरोजगारी पर बात नहीं करना चाहती। अखिलेश ने कहा कि डॉलर के आगे रुपया कहां पहुंच गया है, अर्थव्यवस्था कहां जा रही है? हर चीज के दाम आसमान छू रहे हैं। जनता को अब खुद ही आगे आना होगा। उधर अखिलेश यादव कल एक शादी समारोह में गए थे, जहां उनका सामना शिवपाल से हुआ। दोनों अगल-बगल सोफे पर बैठे नजर आए, मगर दोनों ने एक-दूसरे से बात नहीं की।
ताजमहल के 20 कमरों को खुलवाने की मांग पर 12 को सुनवाई
लखनऊ। आगरा के ताजमहल के 20 कमरों को खुलवाने की मांग वाली अयोध्या के भाजपा नेता की याचिका पर मंगलवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में सुनवाई नहीं हो सकी। इलाहाबाद हाई कोर्ट के वकीलों की आज हड़ताल के कारण अब इस मामले में गुरुवार यानी 12 मई को सुनवाई होगी। अयोध्या में भारतीय जनता पार्टी के मीडिया प्रभारी डा. रजनीश सिंह ने इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दायर कर आगरा के ताजमहल का सर्वे कराने की मांग की है। उनकी मांग है कि ताजमहल के बंद पड़े 22 कमरों को खुलवा कर सरकार की तरफ से फैक्ट फाइंडिंग कमेटी गठित हो, जो कि वहां पर जांच करे कि क्या वहां पर बंद पड़े कमरों में देवी या देवताओं की मूर्तियां हैं। उनकी मांग है कि वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद की तरह ही ताजमहल का भी सर्वे तथा वीडियोग्राफी की जाए, जिससे कि हकीकत सामने आ सके। अयोध्या के भाजपा नेता डॉ. रजनीश सिंह की याचिका की सुनवाई आज न्यायमूर्ति देवेंद्र कुमार उपाध्याय व न्यायमूर्ति सुभाष विद्यार्थी की पीठ में होनी थी।
इलाहाबाद हाई कोर्ट में मुकदमों की लिस्टिंग में देरी और अव्यवस्था को लेकर इलाहाबाद और लखनऊ दोनों जगह के अधिवक्ताओं ने कार्य बहिष्कार का निर्णय ले रखा है। इसी कारण इस याचिका पर अगली सुनवाई गुरुवार को होगी। डॉ. रजनीश सिंह की इस याचिका में ताजमहल के इतिहास के बारे में जांच की मांग की गई है। इसके साथ ही वहां पर बंद पड़े 20 कमरों को खोलने की भी मांग की गई है। याचिका में यह भी मांग की गई है कि आगरा के ताज महल, फतेहपुर सीकरी, आगरा लाल किला, अथमदुल्ला और अन्य स्मारकों को प्राचीन व ऐतिहासिक स्मारकों और पुरातत्व स्थलों और अवशेष (राष्ट्रीय महत्व की घोषणा) अधिनियम 1951 के प्रावधानों के तहत ऐतिहासिक स्मारकों के रूप में घोषित करने से संबंधित प्रावधान और प्राचीन स्मारक और पुरातत्व स्थल और अवशेष अधिनियम 1958 को भारत के संविधान के खिलाफ घोषित किया जाना चाहिए और तदनुसार उन्हें अलग रखा जाना चाहिए।