बजट सत्र के पहले ही दिन विधान सभा में विपक्ष का हंगामा

महंगाई, कानून व्यवस्था और भ्रष्टïाचार के मुद्दे पर विपक्षी सदस्यों ने लहराए पोस्टर

  • हंगामे के बीच राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने पढ़ा अभिभाषण, गिनाईं सरकार की उपलब्धियां
  • सात विधेयक व चार अध्यादेश पास, कार्यवाही कल 11 बजे तक स्थगित
  • नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव भी रहे मौजूद

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानमंडल के बजट सत्र के पहले दिन ही विपक्ष ने विधान सभा में जमकर हंगामा किया। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का अभिभाषण शुरू होते ही सपा और राष्ट्रीय लोकदल के विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। वे हाथ में प्ले कार्ड लेकर सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए वेल तक पहुंच गए। अभिभाषण के दौरान राज्यपाल वापस जाओ के नारे लगाए गए। हंगामे के बीच राज्यपाल ने अभिभाषण पढ़ा। अभिभाषण के बाद सात विधेयक तथा चार अध्यादेश सदन से पास कराने के बाद विधान सभा अध्यक्ष ने कार्यवाही को मंगलवार 11 बजे सुबह तक के लिए स्थगित कर दिया।
विधान सभा मंडप में समवेत सदन में राज्यपाल आनंदीबेन का अभिभाषण शुरू होते ही सपा के सदस्य सरकार विरोधी तख्तियां लेकर नारेबाजी तथा हंगामा करने लगे। सपा के सदस्य महंगाई की यह सरकार नहीं चलेगी। आवारा पशुओं से बचाओ, महिलाओं का सम्मान नहीं कानून का राज नहीं, विपक्ष पर झूठे मुकदमे खत्म करो जैसे नारों की तख्तियां लिए हुए थे। वहीं राज्यपाल वापस जाओ के नारे लगने के बीच भी राज्यपाल आनंदीबेन का भाषण जारी रहा। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव भी मौजूद रहे। इस दौरान भी राज्यपाल ने अपना अभिभाषण जारी रखा। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने तीन हजार सडक़ों का निर्माण कराया है। डिफेंस कॉरिडोर पर काफी तेजी से काम हो रहा है। पेंशन राशि बढ़ाई गयी। सरकार ने किसानों का बकाया भुगतान किया।
आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम ने ली शपथ
लखनऊ। सपा के संस्थापक सदस्य आजम खां आज रामपुर से लखनऊ पहुंचे। आजम खां के साथ ही उनके विधायक पुत्र अब्दुल्ला आजम खां विधान भवन में विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना के कार्यालय में विधान सभा सदस्य के पद की शपथ ली। आजम खां अपने बेटे के साथ करीब 10:15 बजे विधान भवन में पहुंचे। इसके बाद उन्होंने सीधा विधान सभा अध्यक्ष के कार्यालय का रुख किया। विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना ने अपने कार्यालय में रामपुर शहर से समाजवादी पार्टी के विधायक आजम खां तथा रामपुर के स्वार टांडा से विधायक अब्दुल्ला आजम खां को विधान सभा सदस्य पद की शपथ दिलाई। इस दौरान समाजवादी पार्टी के कई विधायक तथा विधान परिषद सदस्य भी उनके साथ मौजूद थे। आजम खां करीब सवा दो साल तक सीतापुर की जिला जेल में बंद थे। सुप्रीम कोर्ट से 19 मई को अंतरिम राहत मिलने के बाद वे 20 मई को जेल से बाहर निकले।

चर्चा के लिए तैयार सरकार: सीएम योगी

बजट सत्र के पहले सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में नई सरकार के गठन के बाद पहला सत्र है। मुख्यमंत्री ने सभी निर्वाचित सदस्यों का स्वागत किया। सीएम ने कहा कि प्रदेश के विकास के लिए राज्यपाल का मार्गदर्शन मिलेगा। 25 करोड़ लोगों के विकास की बात होगी। आज प्रदेश की जनता के हितों की बात होगी। किसी भी प्रकार की चर्चा के लिए सरकार तैयार है। सदन की कार्यवाही वंदेमातरम से शुरू हुई। सत्र के पहले दिन दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि भी दी गई।

सीट पर बैठे रहे शिवपाल तथा अब्दुल्ला

हंगामे के बीच में समाजवादी पार्टी के विधायक शिवपाल सिंह यादव तथा अब्दुल्ला आजम खां अपनी सीट पर ही बैठे रहे। यह दोनों अपनी-अपनी सीटों पर चुपचाप बैठे सदन का नजारा देख रहे थे। सदन में समाजवादी पार्टी के अन्य सदस्यों से इतर दोनों ने लाल टोपी नहीं पहनी थी।

26 मई को पेश होगा बजट

26 मई को सरकार दोनों सदनों में वित्तीय वर्ष 2022-23 का बजट पेश करेगी। योगी आदित्यनाथ सरकार के दूसरे कार्यकाल का यह पहला बजट होगा। 26 मई को सदन में प्रदेश के वित्तमंत्री सुरेश कुमार खन्ना चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 का पूर्ण बजट प्रस्तुत करेंगे।

जिला जज की अदालत में सुनवाई पूरी, ज्ञानवापी मामले में कल आ सकता है फैसला

  • सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर हुई सुनवाई जज ने फैसला रखा सुरक्षित

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
वाराणसी। ज्ञानवापी मामले में वाराणसी जिला जज की अदालत में आज सुनवाई हुई। मामले में कल अदालत का फैसला आ सकता है। दोनों पक्ष की दलीलें सुनने के बाद जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेस की अदालत ने फैसला कल तक के लिए सुरक्षित रखा है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब सबकी निगाहें जिला जज की अदालत पर टिकी हैं। इस मामले में अदालत को आठ सप्ताह में सुनवाई करने का निर्देश दिया गया है।
ज्ञानवापी परिसर में मां श्रृंगार गौरी की दैनिक पूजा-अर्चना की इजाजत देने और अन्य देवी-देवताओं को संरक्षित करने को लेकर दायर वाद की सुनवाई आज हुई। इस दौरान कचहरी परिसर और आसपास सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था रही। जिला जज की अदालत में काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत कुलपति तिवारी ने रूल एक नियम 10 के तहत पक्षकार बनने, ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग के दर्शन- पूजन और राग भोग सेवा के लिए आवेदन दिया। ज्ञानवापी मामले की सुनवाई के लिए दोनों पक्ष के अधिवक्ता जिला जज की अदालत में पहुंचे। अदालत में अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी ने नया आवेदन दिया है जिसमें सीनियर डिवीजन की अदालत में हुए अब तक की कार्यवाही पर सवाल उठाते हुए निस्तारण गुण-दोष के आधार पर करने की मांग की गई है।

सर्वोच्च न्यायालय से मांगा पूजा का अधिकार

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में आज एक याचिका दायर कर ज्ञानवापी परिसर में नियमित पूजा करने का अधिकार मांगा गया है। याचिका में कहा गया है कि इस्लाम धर्म के अनुसार भी ज्ञानवापी को मस्जिद नहीं कहा जा सकता। याचिका में उपासना स्थल कानून 1991 को भी ज्ञानवापी मामले में लागू न होने की बात कही गई है। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील अश्विनी उपाध्याय ने एक याचिका दायर कर सर्वोच्च न्यायालय से अपील की है कि संविधान में प्रदत्त अधिकारों के अनुसार ज्ञानवापी परिसर में पूजा करने का उनका अधिकार छीना नहीं जा सकता, इसलिए उक्त परिसर में नियमित पूजा करने की अनुमति दी जानी चाहिए। सरकारी प्रतिबंधों के कारण उनका यह अधिकार बाधित हो गया है।

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