प्रदेश सरकार ने वापस लिए कोरोना संक्रमण फैलाने के आरोप में दर्ज केस
हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान दी जानकारी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। कोरोना महामारी के दौरान कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन करने के आरोप में प्रदेश में दर्ज लगभग सभी मुकदमे राज्य सरकार ने वापस ले लिए हैं। राज्य सरकार ने हाईकोर्ट में यह जानकारी दानिश व तीन अन्य जमातियों के मामले की सुनवाई के दौरान दी।
दानिश के मामले में सरकार ने महामारी अधिनियम के साथ हत्या के प्रयास का भी मुकदमा दर्ज किया था। इस मामले में हाईकोर्ट से स्थगन आदेश था। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से बताया गया कि आरोपी के खिलाफ धारा 307 आईपीसी कि विवेचना वापस ले ली गई है। इस पर हाईकोर्ट ने अभियोजन एजेंसी द्वारा अभियोग नहीं चलाने की स्थिति में अभियोजन की कार्यवाही रद्द कर दी। मामले की सुनवाई जस्टिस अजय भनोट ने की। राज्य सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि कोरोना गाइडलाइन के उल्लंघन में प्रदेशभर में तीन लाख सात हजार से अधिक मुकदमे दर्ज किए गए थे। इनमें से ज्यादातर महामारी अधिनियम के तहत मामले थे। इस संदर्भ में फरवरी 2021 में केंद्र सरकार की ओर से सर्कुलर जारी किया गया था कि अदालतों पर मुकदमों का बोझ पहले से ही बहुत ज्यादा है। ज्यादातर मुकदमे तीन साल तक की सजा वाले हैं। केंद्र सरकार ने मुकदमे वापस लेने की मंशा जाहिर की थी। केंद्र सरकार की मंशा को देखते हुए राज्य सरकार ने 10 हजार से अधिक पेज का डाटा एकत्र किया। अक्टूबर 2021 में सभी जिलों से दर्ज मुकदमों का डाटा एकत्र कर मुकदमा वापसी की कार्यवाही शुरू की गई। कुछ मामलों को लेकर हाईकोर्ट में याचिका लंबित है या अन्य गंभीर धाराएं भी लगी हैं, को छोड़कर सरकार ने लगभग सभी मुकदमे वापस ले लिए हैं।