चीनी घुसपैठ पर गरमाया शीत सत्र संसद के दोनों सदनों में विपक्ष का संग्राम, घंटों रही कार्यवाही बाधित
कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खरगे ने पूछा सवाल-सरकार ने कहा था हमारी सीमा में कोई नहीं घुसा है, फिर चीनी सैनिकों से कैसे हुई झड़प?
सरकार का दावा, दोनों ओर के कमांडरों की हुई फ्लैग मीटिंग, तय व्यवस्था के तहत शांति-स्थिरता कायम करने पर की चर्चा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। मंगलवार को संसद का शीत सत्र भारत की सीमा में चीनी घुसपैठ के मुद्दे पर गरमा गया। दोनों सदनों में जोरदार हंगामा हुआ और विपक्ष ने सरकार पर जमकर निशाना साधा। राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि सरकार ने दावा किया था कि हमारी सीमा में कोई नहीं घुसा है, लेकिन चीन ने भारत की सीमा में घुसपैठ की है। कहा कि एलएसी पर चीनी सेना के हमले में भारतीय सैनिक घायल हुए है, मगर सरकार इस मसले पर देश को गुमराह कर रही है।
हंगामे के बीच लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने एक घंटे के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित रखी। सदन में कांग्रेस समेत पूरा विपक्ष इस मसले पर सरकार पर हमलावर दिखाई दिया। उधर, संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस मामले में मंत्रियों के साथ मंत्रणा की।
ठ्ठ सैनिकों के बीच नौ दिसंबर को हुई थी झड़प : सदन में सरकार ने बताया कि एलएसी पर चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों का जमावड़ा पांच दिन पूर्व यानी 9 दिसंबर को देखा गया था। भारतीय सेना के जवानों ने चीनी सेना को वहां से हटने के लिए कहा। इसके बाद हुई झड़प में दोनों पक्षों के सैनिकों को चोटें आईं। झड़प के तत्काल बाद दोनों पक्ष अपने इलाकों में लौट गए। सरकार की ओर से बताया जा रहा है कि चीनी सैनिकों की तरफ से अचानक हुए इस हमले का मुहंतोड़ जवाब दिया गया। जहां भारत की तरफ से 20 सैनिक जख्मी हुए, वहीं चीन के घायल सैनिकों की संख्या अधिक है।
तवांग पर रक्षामंत्री का तीन मिनट में जवाब, विपक्ष ने चर्चा से भागने का आरोप लगाकर किया वॉकआउट
तवांग इलाके में भारत और चीनी सैनिकों के बीच झड़प को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने लोकसभा और राज्यसभा में सरकार की ओर से बयान दिया। राजनाथ ने कहा- 9 दिसंबर 2022 को पीएलए ट्रूप्स ने तवांग में एलएसी का उल्लंघन कर नियम तोड़े थे। भारतीय सेना ने पीएलए को अतिक्रमण से रोका। उन्हें उनकी पोस्ट पर जाने के लिए मजबूर कर दिया। तीन मिनट के अपने बयान में रक्षा मंत्री ने कहा कि इस घटना में दोनों ओर के कुछ सैनिकों को चोटें भी आई हैं। हमारे किसी भी सैनिक की न तो मृत्यु हुई है और न कोई गंभीर रूप से घायल हुआ है। समय से हमने हस्तक्षेप किया। इसकी वजह से चीनी सैनिक वापस चले गए। इसके बाद लोकल कमांडर ने 11 दिसंबर को चाइनीज काउंटर पार्ट के साथ व्यवस्था के तहत फ्लैग मीटिंग की। चीन को ऐसे एक्शन के लिए मना किया गया और शांति बनाए रखने को कहा। उधर, विपक्ष ने इस बयान के बाद सरकार पर सदन में चर्चा से भागने का आरोप लगाकर वॉकआउट कर दिया।
रक्षामंत्री ने सीडीएस और तीनों सेना प्रमुखों के साथ की हाई लेवल मीटिंग
विदेश मंत्री एस जयशंकर भी उच्च स्तरीय बैैठक में हुए शामिल
सरकार ने सेना के अधिकारियों से ली पूरे मामले पर जानकारी
नई दिल्ली। अरुणाचल प्रदेश के तवांग सेक्टर में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर भारत और चीनी सैनिकों के बीच झड़प के मुद्दे पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने उच्च स्तरीय बैठक की। इस बैठक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान और तीनों सेना प्रमुख रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को घटना के बारे में विस्तार से जानकारी ली। बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर भी शामिल हुए। कांग्रेस जहां प्रधानमंत्री मोदी से जवाब की मांग कर रही है वहीं विपक्ष के कई सांसदों ने सस्पेंशन ऑफ बिजनेस नोटिस दिया।
इतिहास के पन्ने
1962 में दोनों देशों के बीच सबसे बड़ा टकराव हुआ, जो युद्ध में तब्दील हो गया।
1967 में नाथु ला दर्रे पर हुआ टकराव। 1967 में ही सिक्किम तिब्बत बॉर्डर के चोला में घटना हुई थी और ये जगह नाथू ला के पास ही थी। उस समय भारत के 80 सैनिक शहीद हुए थे। चीन के 300 से 400 सैनिक मारे गए थे।
1975 को चीन ने एलएसी क्रॉस कर भारतीय सेना पर हमला किया।
1987 में भी टकराव हुआ, ये टकराव तवांग के उत्तर में समदोरांग चू रीजन में हुआ। मई-जून 2020 में हुआ था पूर्वी लद्धाख सेक्टर में विवाद।
2020 में ही दोनों देशों के सैनिकों के बीच पूर्वी लद्दाख की पैंगोंग त्सो झील के उत्तरी किनारे पर झड़प हो गई थी। उस झड़प में दोनों तरफ के कई सैनिक घायल हो गए थे। यहीं से तनाव की स्थिति बढ़ गई थी।
15 जून 2020 की रात को गलवान घाटी पर भारत और चीन के सैनिक आमने-सामने आ गए थे।
2021 में इसी जगह पर दोनों सेनाएं आमने सामने आई थीं। तब भारतीय सेना ने चीन के कई सैनिकों को घंटों बंधक बना कर रखा था। बातचीत के बाद उन्हें छोड़ दिया गया था।
2022 में तवांग में भारत-चीन के सैनिकों में घुसपैैठ पर हुई झड़प।
कब्जाने नहीं देंगे एक इंच जमीन : अमित शाह
तवांग संघर्ष पर गृह मंत्री अमित शाह ने प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा कि भारत के एक इंच जमीन पर कोई भी कब्जा नहीं कर सकता है। हमारे जवानों ने 8 दिसंबर की रात और 9 दिसंबर की सुबह को जो वीरता दिखाई है, मैं इसकी प्रशंसा करता हूं। सेना ने कुछ ही देर में घुसे हुए सभी लोगों को भगा दिया और हमारी भूमि की रक्षा की।