राहुल गांधी जैसे लोग देश के लिए खतरा: शेखावत
नई दिल्ली। कांग्रेस ने रविवार को राजघाट पर संकल्प सत्याग्रह के दौरान भाजपा पर जमकर हमला बोला। अब भाजपा ने भी पलटवार किया है। भाजपा ने सोमवार को आरोप लगाया कि गांधी परिवार खुद को सबसे अलग मानता है और ये खुद को संविधान से भी ऊपर मानते हैं। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने गांधी परिवार पर हमला करते हुए कहा कि राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द होने में भाजपा या सरकार का कोई हाथ नहीं है और कानून ने अपना काम किया है।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि न्यायिक और कानूनी कार्रवाई पर कांग्रेस नेता रोना-धोना कर रहे हैं, जो दिखाता है कि गांधी परिवार खुद को देश की न्यायिक प्रक्रिया, लोकतांत्रिक व्यवस्था और संविधान से खुद को ऊपर मानता है। शेखावत ने कहा कि सूरत की अदालत ने राहुल गांधी को कई मौके दिए थे, जिसमें उन्हें उनकी टिप्पणी पर माफी मांगने को कहा था लेकिन राहुल गांधी ने माफी मांगने से मना कर दिया। उनका मानना था कि न्यायपालिका उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ फैसला देने की हिम्मत नहीं करेगी। कानून ने अपना काम किया और भाजपा या सरकार का इसमें कोई हाथ नहीं है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ‘जो लोग दावा कर रहे हैं कि देश में लोकतंत्र खतरे में है, वो ही एक कानूनी फैसले के खिलाफ सडक़ों पर उतरकर देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था का अपमान कर रहे हैं।’ शेखावत ने कहा कि ‘राहुल गांधी लोकतंत्र के विभिन्न स्तम्भों को चुनौती देने और उनका अपमान करने का कोई मौका नहीं छोड़ते और खुद को इस सब से ऊपर मानते हैं। ऐसे लोग लोकतंत्र के लिए खतरा हैं क्योंकि ये खुद को उससे ऊपर मानते हैं।’
शेखावत ने कहा कि यह शर्मनाक है कि वह (राहुल गांधी) अहंकार से इतने भरे हुए हैं कि जब उन्हें माफी मांगने का मौका दिया गया तो भी उन्होंने माफी नहीं मांगी। वह देशभक्त और स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर का भी अपमान कर रहे हैं। शेखावत ने तंज कसते हुए कहा कि राहुल गांधी सही कह रहे हैं कि वह सावरकर नहीं हैं। अगर राहुल गांधी असल में सावरकर को जानना चाहते हैं तो उन्हें अंडमान निकोबार जेल जाना चाहिए और वहां कुछ समय बिताना चाहिए। तब उन्हें पता चलेगा कि सावरकर कौन थे और उन्होंने किस तरह के बलिदान दिए। भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि मल्लिकार्जुन खरगे और जयराम रमेश जैसे नेता अपने व्यवहार से राज्यसभा सभापति का अपमान कर रहे हैं।