चक्रवात बिपरजॉय का कहर, 3 की मौत, ट्रेनें रद्द और स्कूल बंद
नई दिल्ली। चक्रवाती तूफान लगातार खतरनाक रूप लेता जा रहा है। इसके गुरुवार (15 जून) को गुजरात में कच्छ तट से टकराने की संभावना है। कुछ क्षेत्रों में चक्रवात का असर दिखाई देना शुरू हो गया है। गुजरात में दो अलग-अलग जगहों पर तीन लोगों की मौत हो गई है। तेज हवाओं के चलते पेड़ उखडऩे की वजह से दो बच्चों सहित तीन लोगों की मौत हो गई। अरब सागर में उठे इस चक्रवात के चलते रेलवे ने गुजरात के तटीय इलाकों में चलने वाली 67 ट्रेनों को रद्द कर दिया है। मौसम विभाग का कहना है कि चक्रवात बिपरजॉय के चलते 135 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने की संभावना है। साथ ही भारी बारिश भी हो सकती है। चक्रवात से किसी अनहोनी की आशंका के चलते गुजरात के तटीय इलाकों को खाली कराया जा रहा है। आपदा प्रबंधन बल ने अब तक साढ़े सात हजार से ज्यादा लोगों को सरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया है।
अलर्ट पर तीनों सेनाएं
चक्रवात बिपरजॉय का असर मुंबई और गुजरात में देखा जा सकता है। गुजरात और मुंबई के तट के पास ऊंची-ऊंची लहरें उठती देखी जा सकती है। जिसके चलते मायानगरी मुंबई हाई अलर्ट पर है। बिपरजॉय के असर के चलते पश्चिम रेलवे ने गुजरात के तटवर्ती इलाकों से गुजरने वाली 67 ट्रेनों को रद्द कर दिया है। इनमें से कई ट्रेनों को 12 से 15 जून या इससे ज्यादा समय तक के लिए रद्द किया गया है। जिन ट्रेनों को रद्द किया गया है उनमें दिल्ली सराय रोहिल्ला-ओखा स्पेशल (अप-डाउन), ओखा राजकोट अनारक्षित, अहमदाबाद-वरावल एक्सप्रेस और इंदौर-वरावल महामना एक्सप्रेस शामिल हैं।
सौराष्ट्र और कच्छ के लिए जारी किया गया ऑरेंज अलर्ट
चक्रवात बिपरजॉय से भारी नुकसान होने की आशंका के चलते भारत मौसम विज्ञान विभाग (ढ्ढरूष्ठ) सौराष्ट्र और कच्छ में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। आईएमडी अहमदाबाद केंद्र की निदेशक मनोरमा मोहंती के मुताबिक, चक्रवात बिपरजॉय के गुरुवार दोपहर में कच्छ के जखाऊ बंदरगाह के पास टकरा सकता है। इसके असर के चलते पहले 135-145 किमी से लेकर 150 किमी प्रति घंटे से हवाएं चलेंगी। साथ ही भारी बारिश होगी।
एनडीआरएफ की टीमों ने संभाली कमान
बिपरजॉय के चलते राज्य के कई जिलों में तेज हवाओं का असर देखने को मिल रहा है। शासन-प्रशासन ने भी बिपरजॉय से निपटने की तैयारियां कर ली हैं। गुजरात के राहत आयुक्त आलोक कुमार पांडे के मुताबिक, चक्रवात बिपारजॉय को लेकर राज्य और केंद्र सरकार अलर्ट पर हैं। कच्छ, पोरबंदर, जूनागढ़, जामनगर, देवभूमि द्वारका, गिर सोमनाथ, मोरबी और राजकोट जिलों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की 12 टीमों को तैनात किया गया। अनुरोध के बाद केंद्र की ओर से तीन टीमें और भेजी गई हैं। जिन्हें राजकोट, गांधीधाम और कच्छ में रिजर्व पर रखा गया है। जिससे जरूरत पडऩे पर उनसे मदद ली जा सके।
मुंबई में तैनात की गईं टीमें
उधर, बिपरजॉय से निपटने के लिए मुंबई में एनडीआरएफ की दो और टीमें तैनात की गई हैं। यहां पहले से ही तीन टीमें तैनात हैं। इसके अलावा किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए 15 और टीमों को तैयार रखा गया है। प्रधानमंत्री कार्यालय के अनुसार भारतीय तटरक्षक और नौसेना ने अपने जहाजों और हेलिकॉप्टरों को भी तैनात किया है। जो जरूरत पडऩे पर राहत, तलाश व बचाव अभियान में मदद कर सकें। यही नहीं भारतीय वायुसेना और सेना ने भी अपनी कार्यबल इकाइयों को स्टैंडबाय पर रखा है।
स्कूल-कॉलेज बंद, धारा 144 लागू
चक्रवात बिपरजॉय के खतरे को देखते हुए गुजरात के तटीय इलाकों से 7,500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जा चुका है। इसके साथ ही कच्छ के तटवर्ती इलाकों में धारा 144 लागू की गई है। इसके अलावा जिले के सभी स्कूल कॉलेजों को 15 जून तक बंद कर दिया गया है। कच्च के जिलाधिकारी के मुताबिक, समुद्र तट से 10 किमी के दायरे में आने वाले सभी गांवों से करीब 23 हजार लोगों को अस्थायी शिविरों में रखने की व्यवस्था की गई है। वहीं 30-31 तटवर्ती गांवों के लोगों के लिए शेल्टर बनाए गए हैं। जहां एक शेल्टर में 500 लोगों के ठहरने की व्यवस्था की जा रही है। इसके साथ ही मछुआरों को समुद्र में जाने से रोक दिया गया है।