सुप्रीम कोर्ट से सिंधिया को राहत, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले में दखल देने से किया इनकार
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट से केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के लिए राहत भरी खबर है। उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के एक आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। हाईकोर्ट में केंद्रीय मंत्री सिधिया के राज्यसभा चुनाव के नामांकन पत्र में जानकारी छिपाने का आरोप लगाते हुए याचिका डाली गई थी। जिसे हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया था। केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया पर लंबित आपराधिक मामलों की जानकारी छिपाने का आरोप लगाते हुए उनके नामांकन को चुनौती दी गई थी। हालांकि मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ओर से खारिज कर दी गई थी।
उच्चतम न्यायालय गांधीवादी मूल्यों का प्रचार करने वाली संस्था सर्व सेवा संघ की इमारत गिराने का आदेश देने के वाराणसी के जिला मजिस्ट्रेट के फैसले को चुनौती देने वाली याचिका पर 10 जुलाई को सुनवाई करेगा। प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा की पीठ ने वकील प्रशांत भूषण की दलीलों का संज्ञान लिया और कहा कि वह जिला मजिस्ट्रेट को सूचित कर सकते हैं कि शीर्ष अदालत सोमवार को याचिका पर सुनवाई करने के लिए सहमत है और इस बीच ढांचा ढहाया नहीं जाएगा। भूषण ने कहा कि महात्मा गांधी के विचारों और दर्शन का प्रचार करने के लिए आचार्य विनोबा भावे ने 1948 में सर्व सेवा संघ की स्थापना की थी और अब स्थानीय प्रशासन उसकी इमारत को ध्वस्त करने जा रही है। उन्होंने अदालत से इस मामले में तत्काल सुनवाई करने और अंतरिम राहत देते हुए भवन को ढहाए जाने से रोकने के लिए निर्देश देने की मांग की।