लालू अपने दोनों बेटों को अपनी ही पार्टी में फिट करने की तैयारी में लेकिन बढ़ेगा तेजस्वी का कद
नई दिल्ली। जिस तरह से रामविलास पासवान ने अपने बेटे चिराग को उनकी बिगड़ती सेहत को देखते हुए एलजेपी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया, क्या लालू उसी राह पर हैं? क्या तेजस्वी को राष्टï्रीय राजनीति की कमान और तेज प्रताप को बिहार की कमान दिए जाने की तैयारी कर रहे हैं।
बिहार की राजनीति में लालू परिवार और राष्ट्रीय जनता दल से जुड़ी दो अटकलों ने हलचल पैदा कर दी है। पहले अटकलें लगाई जा रही हैं कि तेजस्वी यादव लालू की जगह राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर आ सकते हैं। दूसरी चर्चा थोड़ी और खास हैं, चर्चा है कि तेज प्रताप यादव को राजद का प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है।
आखिर तेजस्वी और तेज प्रताप की ताजपोशी की यह चर्चा क्यों शुरू हुई। इसके लिए आपको थोड़ा फ्लैशबैक में जाना होगा। वह तारीख 5 जुलाई थी, यानी इसी महीने की तारीख थी, जब राजद की स्थापना की रजत जयंती मनाई जा रही थी। तेज प्रताप ने इस मंच से कहा था कि तेजस्वी यादव को ज्यादा समय नहीं मिलता है, लेकिन मैं हमेशा पार्टी कार्यालय में आता रहता हूं। तेजस्वी यादव देश और दुनिया में व्यस्त हैं। जब वह दिल्ली जाते हैं तो मैं यहां आकर कार्यभार संभालता हूं। क्या वह यह कहना चाह रहे थे कि तेजस्वी राजद अध्यक्ष और तेज प्रताप बिहार की राजनीति के प्रदेश अध्यक्ष के रूप में देश की राजनीति संभालेंगे? आखिर तेज प्रताप ने यह बात क्यों कही? माना जा रहा है कि जल्द ही लालू अपनी सेहत को देखते हुए कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं।
राजद के बिहार प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने रविवार को दिल्ली में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से मुलाकात की। जिसके बाद लालू ने तेजस्वी यादव को सोमवार को दिल्ली बुलाया। इस घटना के बाद राजद में बदलाव की बयार तेज हो गई। सूत्रों के मुताबिक जगदानंद सिंह ने इसी सिलसिले में लालू यादव से मुलाकात की थी।
पार्टी सूत्रों के मुताबिक लंबे समय से बीमार चल रहे लालू यादव चाहते हैं कि आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह के पद पर रहते हुए तेजस्वी को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया जाए। सूत्रों के मुताबिक 2020 में हुए विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव के नेतृत्व में पार्टी ने जोरदार प्रदर्शन किया था। महागठबंधन को 110 सीटें मिली थीं, जिनमें से 75 सीटें राजद के खाते में आईं। लालू यादव जिस तरह से तेजस्वी यादव पार्टी के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं उससे खुश हैं और चाहते हैं कि तेजस्वी यादव अब पार्टी के बड़े फैसले लें और उन्हें मेंटर की भूमिका में होना चाहिए।
इससे पहले 9 जुलाई को जब जगदानंद सिंह के पार्टी अध्यक्ष पद से इस्तीफे की खबर सामने आई तो हलचल मच गई थी। हालांकि लालू यादव ने उस समय जगदानंद सिंह को यकीन दिलाया था। इसके बाद जगदानंद सिंह ने न तो इसकी पुष्टि की और न ही उनका इस्तीफा खारिज किया। उधर, राजद ने इसे अफवाह कहा।
इस पूरे प्रकरण के बाद चर्चा थी कि जगदानंद सिंह लालू के बड़े बेटे तेज प्रताप के व्यवहार से काफी दुखी हैं। राजनीतिक गलियारे में यह भी चर्चा है कि तेज प्रताप ने उन्हें कई मौकों पर एक तरह से अपमानित किया था। 5 जुलाई को राजद की स्थापना के रजत जयंती कार्यक्रम में तेज प्रताप ने उन पर तंज कसते हुए कहा था, जगदानंद चाचा नाराज हैं?