अनुच्छेद-370 भावनाओं से जुड़ा मामला

  • सुप्रीम कोर्ट में बहस से महबूबा मुफ्ती खुश

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
श्रीनगर। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट भाग्यशाली है कि उसे किसी भी बाधा का सामना नहीं करना पड़ता है, लेकिन हमारे लोगों को उन्हीं तर्कों के लिए या तो गिरफ्तार या फिर घर में नजरबंद कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि मैं शुभचिंतकों को बताना चाहती हूं कि मेरे लिए और जम्मू-कश्मीर के अधिकांश लोगों के लिए अनुच्छेद -370 सिर्फ एक कानूनी या सांविधानिक मामला नहीं है। यह हमारी भावनाओं से जुड़ा है। संसद में लिए गए फैसले ने संविधान को रौंद दिया है।
मुफ्ती ने अनुच्छेद-370 को निरस्त करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान हुई दलीलों पर खुशी जताई है। शीर्ष अदालत, अनुच्छेद-370 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम 2019 को रद्द करने को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। इसने पूर्ववर्ती राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया है। शीर्ष अदालत में दलीलों से यह स्पष्ट हो गया है कि संसद के पास अनुच्छेद-370 को तब तक निरस्त करने की कोई शक्ति नहीं है, जब तक कि जम्मू-कश्मीर की संविधान सभा राष्ट्रपति को इसकी सिफारिश नहीं करती। उन्होंने कहा कि वहां कोई विधान सभा नहीं थी, सत्यपाल मलिक को संविधान सभा बनाया गया, उनके सलाहकारों को मंत्रिपरिषद बनाया गया, इससे बड़ा धोखा क्या हो सकता है?
अपने क्रूर बहुमत का इस्तेमाल करके संसद को अपवित्र करना और इसका इस्तेमाल अवैध निर्णय लेने के लिए करना, इससे बड़ा संसद का अपमान क्या हो सकता है? पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कपिल सिब्बल सहित सभी वकील खुले तौर पर तर्क दे रहे हैं कि दुनिया में कोई ताकत नहीं है जो अनुच्छेद 370 को भी समाप्त कर सके।

सितंबर में हो सकता है निकाय चुनाव का एलान

जम्मू-कश्मीर में नगर निगमों के साथ ही स्थानीय निकाय के चुनाव का एलान सितंबर में हो सकता है। मुख्य चुनाव अधिकारी कार्यालय की ओर से सितंबर में ही चुनाव मानकर तैयारी की जा रही है। इस बीच नगर निकायों में कोई वार्ड नहीं बढ़ाए गए हैं। मतदान ईवीएम के जरिये होगा। जम्मू और श्रीनगर को छोडक़र विभिन्न जिलों में नगर परिषद व नगरपालिका के 970 वार्डों के लिए चुनाव होंगे। जम्मू नगर निगम के 75 और श्रीनगर के 74 वार्डों के साथ पूरे प्रदेश में 1119 वार्डों के लिए चुनाव कराए जाएंगे। दो नगर निगमों के अलावा 75 नगर पालिका व नगर परिषद हैं। सूत्रों का कहना है कि दोनों ही संभाग जम्मू और कश्मीर में चार चरणों में चुनाव हो सकते हैं। नामांकन तथा मतदान व परिणाम की घोषणा के साथ ही पूरी चुनाव प्रक्रिया अक्टूबर में पूरी कर ली जाएंगी। सूत्रों ने बताया कि निकाय चुनाव की तिथियों को लेकर शिक्षा विभाग से छुट्टियों का ब्योरा मंगा लिया गया है। इसके साथ ही ईवीएम के रेंडमाइजेशन, मतदान कर्मियों की तैनाती तथा सुरक्षा इंतजाम का खाका तैयार कर लिया गया है।

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