संभल हिंसा पर सरकार सख्त, पत्थरबाजों के चौराहे पर लगेंगे पोस्टर, होगी नुकसान की वसूली

संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान भडक़ी हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि कई पुलिसकर्मी गंभीर रूप से घायल हुए हैं। घटना के बाद इलाके में तनाव फैल गया था, लेकिन तीन दिन बाद अब हालात सामान्य होते नजर आ रहे हैं। इस बीच, पुलिस और प्रशासन उपद्रवियों की धरपकड़ में जुटे हुए हैं।
योगी सरकार ने उपद्रवियों पर सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं। सार्वजनिक स्थानों पर पत्थरबाजों और हिंसा में शामिल उपद्रवियों के पोस्टर लगाए जाएंगे। साथ ही, इनसे सरकारी और निजी संपत्तियों को हुए नुकसान की भरपाई की जाएगी। जो उपद्रवी अभी तक पकड़े नहीं गए हैं, उनके खिलाफ इनाम घोषित किया जा सकता है। सरकार पहले ही हिंसा और सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वालों से वसूली के लिए अध्यादेश लागू कर चुकी है।
घटना के बाद पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए 100 से अधिक पत्थरबाजों की पहचान की है। अब तक 27 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। पुलिस ने हिंसा के मामले में कुल 12 एफआईआर दर्ज की हैं। गिरफ्तार आरोपियों में 14 साल से लेकर 72 साल तक के लोग शामिल हैं।
एक एफआईआर में पुलिस ने संभल से सांसद जय़िाउर्रहमान बर्क और स्थानीय विधायक के बेटे सुहैल इकबाल पर भीड़ को भडक़ाने का आरोप लगाया है।
रविवार को कोर्ट के आदेश पर टीम दूसरी बार जामा मस्जिद का सर्वे करने पहुंची थी। कुछ देर बाद ही भीड़ ने टीम पर पथराव करना शुरू कर दिया। हालात बेकाबू होते देख पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और बल प्रयोग किया। इसी दौरान प्रदर्शनकारियों ने वाहनों को आग के हवाले कर दिया। इस हिंसा में एसपी और सीओ समेत कई पुलिसकर्मी घायल हुए।
इस पूरे मामले की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए हैं। इलाके में पुलिस और प्रशासन की कड़ी निगरानी जारी है। सरकार के निर्देशानुसार दोषियों को हर हाल में पकडऩे और कड़ी सजा दिलाने का प्रयास हो रहा है। संभल हिंसा ने एक बार फिर सार्वजनिक संपत्तियों और सामाजिक सौहार्द पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सरकार और प्रशासन ने उपद्रवियों पर सख्त कार्रवाई का संदेश दिया है।

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