सनी देओल के बंगले की ई-नीलामी की नोटिस वापस लेने पर मचा बवाल
- करोड़ों का कर्ज है सांसद पर, कांग्रेस व भाजपा आमने-सामने
- जयराम रमेश ने पूछा- किसके इशारे पर बैंक ने लिया फैसला
- बैंक ऑफ बड़ौदा ने कहा-तकनीकी कारणों से नोटिस लिया वापस
- 25 अगस्त को की जानी थी संपत्ति की नीलामी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। बॉलीवुड अभिनेता व पंजाब के गुरुदापुर से भाजपा के सांसद सनी देओल के बंगले की ई-नीलामी को लेकर कांग्रेस व भाजपा में तलवारें खींच गई। इस मुद्दे को लेकर सियासत भी गरमा गई है। कांग्रेस ने बैंक ऑफ बड़ौदा द्वारा भाजपा सांसद और अभिनेता सनी देओल के बंगले की ई-नीलामी संबंधी नोटिस को कथित तौर पर वापस लिए जाने को लेकर सवाल खड़े किए हैं। कांग्रेस पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने पूछा कि आखिर ‘तकनीकी कारणों का हवाला देने के लिए बैंक को किसने दबाव में लिया? जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स पर लिखा, कल दोपहर को देश को पता चला कि बैंक ऑफ बड़ौदा ने भाजपा सांसद सनी देओल के जुहू स्थित आवास को ई-नीलामी के लिए रखा है, क्योंकि उन्होंने बैंक को 56 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं किया है। आज सुबह 24 घंटे से भी कम समय में देश को पता चला कि बैंक ऑफ बड़ौदा ने ‘तकनीकी कारणों से नीलामी नोटिस वापस ले लिया है, उन्होंने सवाल किया, आखिर इन ‘तकनीकी कारणों का हवाला देने के लिए किसने प्रेरित किया?
बैंक ऑफ बड़ौदा ने 56 करोड़ रुपये की वसूली के लिए सनी देओल की संपत्ति को नीलामी के लिए रखा था। यह नीलामी 25 अगस्त को ऑनलाइन माध्यम से की जानी थी। खबरों के अनुसार, सनी देओल के बंगले की ई-नीलामी के नोटिस को वापस ले लिया गया है, बैंक ऑफ बड़ौदा ने कहा, कि अजय सिंह देयोल उर्फ सनी देयोल के संबंध में बिक्री नीलामी नोटिस के संबंध में ई-नीलामी नोटिस का शुद्धिपत्र तकनीकी कारणों से वापस ले लिया गया है। इससे पहले बैंक ने रविवार को कहा था कि सनी विला के नाम से मशहूर जुहू की संपत्ति की नीलामी 51.43 करोड़ रुपये से शुरू होगी। न्यूनतम बोली राशि ? 5.14 करोड़ निर्धारित की गई थी। जुहू के बंगले के अतिरिक्त, 599.44 वर्ग मीटर की संपत्ति नीलमी तैयारी थी।
ऋण पर ब्याज और जुर्माना चुकाने में रहे असफल
गुरदासपुर के सांसद सनी दिसंबर 2022 से बैंक को 55.99 करोड़ रुपये के ऋ ण पर ब्याज और जुर्माना चुकाने में चूक कर रहे हैं। बता दें कि सनी की नवीनतम फिल्म गदर 2बॉक्स ऑफिस पर सफल रही है और पिछले हफ्ते रिलीज होने के बाद से 300 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई कर चुकी है। अभिनेता को आधिकारिक तौर पर अजय सिंह धर्मेंद्र देओल के नाम से जाना जाता है और वह 2019 से पंजाब की गुरदासपुर सीट से सत्तारूढ़ भाजपा का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। उन्होंने तत्कालीन कांग्रेस सदस्य सुनील झाकर को हराकर बड़े अंतर से सीट जीती थी।
पटना में अटल बिहारी पार्क का नाम बदलने पर तिलमिलाई भाजपा
पटना। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि पटना के कंकड़बाग में अटल बिहारी वाजपेयी पार्क का नाम बदलकर कोकोनट पार्क करना आपत्तिजनक और बड़ा अपराध है। वह भारत रत्न हैं। मैं नीतीश कुमार से तेजस्वी यादव को इसका नाम बदलने से रोकने का आग्रह करता हूं। बिहार में नया विवाद खड़ा हो गया है, जहां भारत के पूर्व प्रधानमंत्री के नाम पर पटना के कंकड़बाग में बने अटल बिहारी पार्क का नाम बदलकर कोकोनट पार्क कर दिया गया है। केंद्रीय मंत्री और बीजेपी सांसद नित्यानंद राय ने इस घटनाक्रम को लेकर बिहार सरकार की आलोचना की और कहा कि यह कदम बेहद आपत्तिजनक और बड़ा अपराध है।
नीतीश जी, तेजस्वी एक दिन आपका नाम भी बदल देंगे : नित्यानंद
भाजपा नेता व केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने कहा, कि सरकार ने इस हिस्से का नाम पूर्व पीएम के नाम पर रखा, सरकार ने उनकी प्रतिमा यहां स्थापित की। अटल जी सभी भारतीयों और बिहारवासियों के दिल में हैं। बिहार के लोग नीतीश जी को बताएंगे कि तेजस्वी कितना बड़ा अपराध कर रहे हैं। राय ने पत्रकारों से आगे कहा, कठिन बात है नीतीश जी, तेजस्वी एक दिन आपका नाम भी बदल देंगे। वन एवं पर्यावरण विभाग ने अब इस पार्क का जीर्णोद्धार किया है। इस विभाग की जिम्मेदारी लालू यादव के बेटे तेज प्रताप यादव के पास है।
रेप पीडि़ता को गर्भपात करवाने की ‘सुप्रीम’ इजाजत
- सुप्रीम कोर्ट ने कहा- भ्रूण के जीवित रहने पर देनी होंगी सभी सुविधाएं
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। रेप-दुष्कर्म के बाद गर्भपात की इजाजत का मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा कदम उठाया है। कोर्ट ने 28 हफ्ते की गर्भवती महिला को गर्भपात की इजाजत दी है, मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट देखने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने फैसला लिया। रिपोर्ट के मुताबिक-महिला का गर्भपात किया जा सकता है, सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा कि चिकित्सीय प्रक्रिया के बाद, यदि भ्रूण जीवित पाया जाता है तो अस्पताल को भ्रूण के जीवित रहने को सुनिश्चित करने के लिए सभी सुविधाएं देनी होंगी।
बच्चे को कानून के अनुसार गोद देने के लिए सरकार कानून के मुताबिक कदम उठाए। सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाई कोर्ट में की कार्यशैली पर भी सख्त टिप्पणी की।
गुजरात हाईकोर्ट के आदेश पर सवाल
सुनवाई के दौरान एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात हाईकोर्ट पर सवाल उठाया और कहा कि शनिवार को सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने आदेश जारी कर दिया। देश में कहीं भी नहीं होता कि कोई अदालत अपने से बड़ी अदालत के खिलाफ आदेश जारी करे, हमें आदेश को उचित ठहराने की ज़रूरत नहीं है, इसके अलावा मुझे यह कहते हुए खेद है कि लिया गया दृष्टिकोण संवैधानिक दर्शन के विरुद्ध है? आप कैसे अन्यायपूर्ण स्थिति कायम रख सकते हैं और बलात्कार पीडि़ता को गर्भधारण के लिए मजबूर कर सकते हैं? पीडि़ता को आज या मंगलवार सुबह 9 बजे अस्पताल में ले जाएं।
मणिपुर हिंसा पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से मांगा जवाब
- जस्टिस गीता मित्तल कमेटी ने सौंपी तीन रिपोर्ट्स
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। मणिपुर हिंसा पर जस्टिस (रिटायर्ड) गीता मित्तल कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को सौंप दी है। सुप्रीम कोर्ट ने बताया कि मणिपुर हिंसा को लेकर जस्टिस गीता मित्तल की कमेटी ने तीन रिपोर्ट सौंपी हैं। कोर्ट ने अब सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को देखने और इन रिपोर्ट्स पर जवाब देने को कहा है। बता दें कि मणिपुर हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर हुईं थी।
इन याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट की तीन पूर्व महिला जजों की एक कमेटी बनाई थी। इस कमेटी को मणिपुर में राहत और पुनर्वास कार्यक्रमों की देखरेख करने की जिम्मेदारी दी गई थी। कमेटी का अध्यक्ष जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट की पूर्व मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल को बनाया गया था। साथ ही इस कमेटी में जस्टिस (रिटायर्ड) पी जोशी और जस्टिस (रिटायर्ड) आशा मेनन को भी शामिल किया गया था।