मणिशंकर के बयान पर मचा बवाल, बोले : राम मंदिर का ताला खोलना गलती
- भाजपा-कांग्रेस ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी
- अपनी आत्मकथा ‘मेमोयर्स ऑफ ए मेवरिक – द फस्र्ट फिफ्टी इयर्स’ लॉन्च की
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मणिशंकर अय्यर की नई किताब ‘मेमोयर्स ऑफ ए मेवरिक – द फस्र्ट फिफ्टी इयर्स’ लॉन्च होने के बाद से सुर्खियों में आ गई है। उसमें लिखी कई बातें चर्चा का विषय बन गई हैं। इस बीच किताब की लॉन्चिंग के बाद अय्यर ने साक्षात्कार भी दिया। इस इंटरव्यू से उन्होंने कांग्रेस को भी असहज कर दिया है। हालांकि कांग्रेस ने इस पर कुछ भी प्रतिक्रिया नही दी है। वहीं भाजपा ने भी उनक ी व्यक्तिगत बाते बताकर पल्ला झाड़ लिया। पुस्तक के औपचारिक विमोचन के अवसर पर अय्यर ने कई मुद्दों पर बात की।
बता दें कि अपनी किताब में अय्यर ने पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के साथ अपने संबंधों से लेकर दिसंबर 1978 से जनवरी 1982 तक कराची में महावाणिज्य दूत के रूप में उनके कार्यकाल का जिक्र किया है। सवाल-जवाब सत्र के दौरान जब अय्यर से राम मंदिर मसले से निपटने में राजीव गांधी की आलोचना के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा मुझे लगता है कि शिलान्यास गलत था। मुझे लगता है कि राजीव गांधी ने जो सबसे बड़ी गलती की, वह भयानक थी। इस दौरान दर्शकों के बीच कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख और राजीव गांधी की पत्नी सोनिया गांधी भी मौजूद थीं।
सांप्रदायिक थे पीवी नरसिम्हा राव
अय्यर ने आरोप लगाया कि कांग्रेस नेता और पूर्व प्रधानमंत्री पी वी नरसिम्हा राव सांप्रदायिक थे और उन्हें देश का पहला भाजपा प्रधानमंत्री बताया। अय्यर ने राव के साथ उस समय हुई बातचीत का जिक्र किया जब वो राम-रहीम यात्रा निकाल रहे थे। अय्यर ने कहा, नरसिम्हा राव ने मुझसे कहा कि उन्हें मेरी यात्रा पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन वह धर्मनिरपेक्षता की मेरी परिभाषा से असहमत थे। मैंने बताया कि धर्मनिरपेक्षता की मेरी परिभाषा में क्या गलत है। उन्होंने कहा कि मणि तुम यह नहीं समझते कि यह एक हिंदू देश है। मैं अपनी कुर्सी पर बैठ गया और कहा कि भाजपा बिल्कुल यही कहती है, इसलिए भाजपा के पहले प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी नहीं थे, भाजपा के पहले प्रधानमंत्री राव थे। राव ने कांग्रेस सरकार का नेतृत्व किया और 1991 से 1996 तक भारत के नौवें प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया।
सोनिया गांधी के कारण पार्टी में बचा रहा
अय्यर ने राजीव गांधी की मृत्यु के बाद राजनीति में कदम रखने के लिए समर्थन का स्तंभ होने के लिए सोनिया गांधी की भी सराहना की। पूर्व राजनयिक, जिनकी आत्मकथा मेमोयर्स ऑफ ए मेवरिक – द फस्र्ट फिफ्टी इयर्स (1941-1991) सोमवार को प्रदर्शित हुई। इसी दौरान पाकिस्तान के साथ बातचीत फिर से शुरू करने की वकालत करते हुए कहा गया कि जब उस देश की बात आती है,हमारे पास उनके खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक करने का साहस है लेकिन हमारे पास मेज पर बैठकर किसी पाकिस्तानी से बात करने का साहस नहीं है। कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख और राजीव गांधी की पत्नी सोनिया गांधी दर्शकों में मौजूद थीं। जगरनॉट बुक्स द्वारा प्रकाशित यह पुस्तक, वेल्हम प्रिपरेटरी स्कूल से दून स्कूल और फिर सेंट स्टीफंस कॉलेज और कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय तक, और संवेदनशील कार्यभार संभालने वाले एक शीर्ष राजनयिक से लेकर तत्कालीन प्रधान मंत्री राजीव गांधी के प्रमुख सहयोगी तक, जिन्हें मणि फ्राइडे करार दिया गया था।
मुश्किल है जज्बात बताना : इसरो प्रमुख
- दक्षिणी ध्रुव में ज्यादा संभावना इसलिए वहीं भेजा चंद्रयान
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
बेंगलुरू। चंद्रमा की सतह पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने कहा, यह वर्णन करना बहुत मुश्किल है कि मन में क्या चल रहा था, यह खुशी हो सकती है, यह उपलब्धि का सार हो सकता है और योगदान देने वाले सभी लोगों को धन्यवाद। इसरो चांद के साउथ पोल पर क्या खोजेगा, एस सोमनाथ ने बताया इसरो चीफ एस सोमनाथ ने कहा, हम दक्षिणी ध्रुव के करीब पहुंच गए हैं, जो लगभग 70 डिग्री पर है, सूर्य से कम रोशनी होने के संबंध में दक्षिणी ध्रुव को एक विशिष्ट लाभ है।
उन्होंने कहा कि वहां परअधिक वैज्ञानिक सामग्री होने की संभावना है, चंद्रमा पर काम कर रहे वैज्ञानिकों ने दक्षिणी ध्रुव में बहुत रुचि दिखाई क्योंकि अंतत: मनुष्य वहां जाकर उपनिवेश बनाना चाहते हैं और फिर उससे आगे की यात्रा करना चाहते हैं, तो सबसे अच्छी जगह वह है जिसकी हम तलाश कर रहे हैं और दक्षिणी ध्रुव में वह होने की क्षमता है।
कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया ने इसरो चीफ को पगड़ी पहनाकर किया सम्मानित
चंद्रयान-3 की चांद पर सफल लैंडिंग के बाद वैज्ञानिकों को लगातार बधाई दी जा रही है। इसी क्रम में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया इसरो के सेंटर पहुंचे जहां उन्होंने इसरो चीफ एस सोमनाथ को पगड़ी पहनाकर सम्मानित किया और बधाई दी। कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने चंद्रयान-3 के चांद की सतह पर सफल लैंडिंग पर कहा, मुझे उस महान क्षण को देखकर बहुत गर्व हो रहा है जिसमें भारतीय विज्ञान में इतिहास रचा है, भारत ने दिखाया है कि वह दुनिया की ज्ञान राजधानी है, इस सफलता की कहानी के लिए पूरी टीम ने काम किया है, हमें इस महान क्षण पर बहुत गर्व है, हम सभी ने खुशी साझा की, अगली पीढ़ी निश्चित रूप से इसे आगे बढ़ाएगी।
रोवर प्रज्ञान ने शुरू किया काम, लैंडर विक्रम कर रहा निगरानी
चंद्रयान 3 का छह पहियों पर चलने वाला रोवर अगले 14 दिन तक चंद्रमा की सतह पर विभिन्न प्रयोग करेगा। लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान – दोनों की मिशन लाइफ़-1 चंद्र दिवस की है, जो पृथ्वी के 14 दिन के बराबर होता है। बुधवार को विक्रम की लैंडिंग के बाद रोवर प्रज्ञान उससे बाहर निकलकर चांद की सतह पर पहुंच चुका है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ने गुरुवार सुबह ताज़ातरीन अपडेट साझा किया। और ट्वीट में लिखा, चंद्रयान 3 रोवर, मेड इन इंडिया, मेड फॉर मून…!