उत्तराखंड के मदरसों में अब पढ़ाई जाएगी संस्कृत, लागू होगा ड्रेस कोड

देहरादून। उत्तराखंड वक्फ बोर्ड ने अब उत्तराखंड के सभी मदरसों का स्वरूप बदलने का मन बना लिया है। अब उत्तराखंड के मदरसे दूसरे स्कूलों की तरह मॉडर्न नजऱ आयेंगे। जिसमें एनसीईआरटी सिलेबस को मदरसे के बच्चों के लिए पढ़ाया जाएगा। पिछले काफी समय से उत्तराखंड के मदरसों को लेकर वक्फ बोर्ड तैयारी में लगा हुआ था। फिलहाल इस परिवर्तन के लिए ड्राफ्ट पूरी तरह तैयार कर लिया गया है। मार्च 2024 में उत्तराखंड के लोगों को मॉडर्न मदरसा समर्पित कर दिया जाएगा। उत्तराखंड में 117 मदरसों को मॉडर्न बनाया जायेगा जिसमें पहले चरण में 4 मदरसों को मॉडर्न किया जायेगा। मदरसों में अच्छे फर्नीचर के साथ-साथ कंप्यूटर लैब और दूसरे मॉर्डन स्कूल जैसी तस्वीर देखने को मिलेगी।
मॉडर्न मदरसों में संस्कृत को पढ़ाने पर जब टीवी 9 की टीम ने उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स से बात की तो उन्होंने बताया कि जैसे और स्कूलों में एनसीईआरटी पाठ्यक्रम में सभी विषय है, उसी तरह संस्कृत भी एक विषय है। न केवल संस्कृत बल्कि दूसरी भाषाएं भी मॉर्डन मदरसों में पढ़ाई जाएंगी। आगे उन्होंने बताया कि उनकी बहन रजिया सुल्तान ने कुरान शरीफ को संस्कृत में लिखा है, जिसके 18 सिपारे लिखे जा चुके हैं और बाकी 12 सिपारों को भी जल्दी ही पूरा कर लिया जायेगा।
साथ ही मॉडर्न मदरसों में पढऩे वाले बच्चों का ड्रेस कोड भी होगा। उनका ये भी कहना था कि कुर्ता पाजामा कोई ड्रेस कोड नही है, अब वक्फ बोर्ड तय करेगा कि बच्चे क्या पहनकर मदरसा आएंगे। बोर्ड का प्लान पूरी तरह से प्रॉपर ड्रेस करना है, जिसमें अब मदरसे के बच्चे भी सूट बूट में नजऱ आएंगे।

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