भाजपा ने महिलाओं का उड़ाया उपहास: अखिलेश
- महिला आरक्षण के नाम पर धोखा दे रही सरकार
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। जब जनगणना और परिसीमन के बिना महिला आरक्षण बिल लागू हो ही नहीं सकता है और इस प्रक्रिया में वर्षों लग जाएंगे तो भाजपा सरकार को इस तरह की आपाधापी में महिलाओं से झूठ बोलने की क्या जरूरत है। सपा अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा सरकार ने नई संसद में पहले दिन से ही असत्य से अपनी शुरुआत की है। अखिलेश ने कहा कि भाजपा सरकार की मंशा महिलाओं को आरक्षण देने की नहीं है। वह सिर्फ चुनावी जुमले के तहत महिला आरक्षण के नाम पर धोखा दे रही है।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार न जनगणना के पक्ष में है और न ही जातीय जनगणना के। इसके बिना महिला आरक्षण संभव ही नहीं है। ये आधा-अधूरा बिल महिला आरक्षण जैसे गंभीर विषय का उपहास है। इसका जवाब महिलाएं आगामी लोकसभा चुनाव में जरूर देंगी। भाजपा सरकार महिला आरक्षण को लेकर कभी ईमानदार नहीं रही है। अखिलेश ने जारी बयान में कहा कि केंद्रीय मंत्रिमंडल और अभी तक हुए चुनावों में भाजपा ने अपने यहां 33 प्रतिशत आरक्षण क्यों नहीं दिया। उन्होंने फिर दोहराया कि वर्तमान महिला आरक्षण बिल में लैंगिक न्याय और सामाजिक न्याय का संतुलन नहीं है। समाजवादी पार्टी की नीति रही है कि महिला आरक्षण में पिछड़े, दलित, मुस्लिम, अल्पसंख्यक, आदिवासी समाज की महिलाओं का निश्चित प्रतिशत होना चाहिए।
लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पास होने के बाद सोशल मीडिया पर सवाल उठाए जा रहे हैं। सपा-बसपा ने बिल में ओबीसी और एससी-एसटी समाज की महिलाओं के लिए कोटा की मांग की है। यह बिल राज्यसभा में पास हो चुका था लोकसभा में बिल को मंगलवार को मंजूरी दी गई। हालांकि, इसमें कई पेंच हैं जिससे इसका कार्यान्वित होना चुनौतीपूर्ण बताया जा रहा है।
देश में कब होगी जातिगत जनगणना : डिंपल यादव
लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पर समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव ने सरकार से सवाल पूछे। उन्होंने पूछा कि क्या यह बिल आगामी चुनाव में लागू होगा या नहीं? उन्होंने जातीय जनगणना को लेकर भी सवाल पूछा कि यह कब होगी। डिंपल यादव ने सदन में कहा कि सपा की हमेशा से मांग रही है कि पिछड़ा वर्ग महिला, अल्पसंख्यक महिला को नारी शक्ति वंदन अधिनियम में शामिल किया जाए और इसमें उनको आरक्षण दिया जाए। लोकसभा और विधानसभा में यह महिला आरक्षण बिल तो लागू होगा लेकिन हम पूछना चाह रहे हैं कि राज्यसभा और विधान परिषद में लागू होगा कि नहीं? आने वाले चुनाव में यह लागू हो पाएगा कि नहीं। उन्होंने पूछा कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में यह लागू हो पाएगा की नहीं? सवाल ये भी है कि जनगणना कब होगा और परिसीमन कब होगा? सरकार जातीय जनगणना और परिसीमन की तारीख बताए। उन्होंने कहा कि कमजोर वर्ग की महिलाओं को भी आरक्षण मिले। अल्पसंख्यक महिलाओं को भी आरक्षण मिलना चाहिए। सभी वर्गों की महिलाओं को शामिल किया जाए। उन्होंने कहा कि एससी-एसटी और ओबीसी की महिलाओं को आरक्षण मिलना चाहिए। सरकार को एक दशक के बाद महिलाओं की याद आई है। सरकार महिलाओं को उनका हक कब देगी?