वाह रे सरकारी विभाग! राविप्रा का कारनामा
- जिस जमीन को खुद व्यवसायिक बता की वसूली उसी को कृषि बताकर दिया मुआवजा
- जमीन पाने को दर-दर भटक रहे पीडि़त
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। सरकारी विभाग कैसे काम करते हैं इसकी एक बानगी रायबरेली विकास प्राधिकरण द्वारा देखने को मिली है। विकास प्राधिकरण ने जिस जमीन पर दंड लगाकर व्यवसायिक जमीन के रूप में रजिस्ट्री की धनराशि जमा करवाई उसी जमीन को बाद में कृषि योग्य बताकर कृषि भूमि की कीमत का मुआवजा लगा दिया। ऊपर से ये पैसा भी संबंधित व्यक्ति को न देकर टे्रजरी में जमा करवा दिया। मामला जब बढ़ा तो कोर्ट कचहरी भी हुई पर जमीन अब भी वैसे ही है और पीडि़त शासन व प्रशासन की दौड़ लगा रहे है।
दरअसल, माता बख्श सिंह रायबरेली निवासी ने 2002 में लखनऊ-रायबरेली मार्ग पर 22 सौ वर्ग मीटर एक जमीन खरीदी थी। जिसकी रजिस्ट्री 2003 करवाई। बाद 2006 में रायबरेली विकास प्राधिकरण ने उसे व्यवसायिक बताकर उस पर अर्थदंड के साथ रजिस्ट्री का पैसा जमा करवाया। तत्पश्चात 2009 से 18 तक भुक्तभोगी के पुत्र ने वहां पर एक दुकान भी खोली। फिर उसके बाद प्राधिकरण के अधिकारियों ने बताया कि इस जमीन को अधिगृहित किया जा रहा क्योंकि यहां पर ट्रांसपोर्ट नगर बसेगा। इसके बाद 75 हजार रुपये मुआवजा राशि निर्धारित करके उसे कृषि योग्य भूमि बताकर प्रार्थी से ले लिया गया। उसके बाद अधिग्रहण का मामला फिर खटाई में पड़ गया। जब वहां पर कोई अधिग्रहण नही हुआ प्रार्थी माता बख्श ने अपनी जमीन लौटाने लिए प्राधिकरण से प्रार्थना की पर कोई सुनवाई नहीं हुई बाद में जिला कोर्ट में मामला गया। सुनवाई के बाद अब फैसला हाईकोर्ट तक चला गया। जमीन ऐसी ही खाली पड़ी रही जबकि प्राधिकरण ने यहां से कुछ दूर एकता विहार नाम से कालोनी विकसित कर दी। मामला अब भी कोर्ट में है जबकि जुलाई 23 में प्राधिकरण ने उक्त जमीन को बिना किसी उचित प्रक्रिया नीलमी में डाल दिया जो गैरकानूनी है। भुक्त भोगी ने इस मामले की जानकारी व अधिकारियों की शिकायत मुख्यमंत्री से भी की है। ग्राम अख्तयारपुर, प्रगरतीपुरम के विपरीत, तहसील सदर, जिला रायबरेली में स्थित भूमि खसरा संख्या 201/1, क्षेत्रफल लगभग 204 वर्ग मीटर को उत्तर प्रदेश नगर नियोजन एवं विकास अधिनियम, 1973 कि धारा 17 के अंतर्गत प्रार्थी को प्रत्यावर्तन करने के सन्दर्भ में मुख्यमंत्री को प्रत्र भेजा है।
बाजार भाव से कम कीमत में बेचने की तैयारी
माताबख्श सिंह के पुत्र रंजीत सिंह ने बताया कि जमीन अब भी खाली पड़ी है। हमें इसका मुआवजा भी नहीं मिला और प्राधिकरण जमीन वापस भी नहीं कर रही है। जुलाई 2023 में प्राधिकरण ने गुपचुप तरीके से इसको नीलाम कर दिया जबकि उसके लिए कोई विज्ञापन नहीं किया गया। उक्त जमीन एक व्यवसाई को सस्ते में बेचने की प्रक्रि या अधिक ारियों द्वारा की गई। वर्तमान में जमीन की कीमत डेढ़ करोड़ है जबकि अधिकारी व्यवसाई के साथ मिली भगत करके इसे मात्र 65 लाख में बेचने की कोशिश में लगे हुए हैं।
भाजपा सांसद विधूड़ी ने तार-तार की मर्यादा
- संसद में अभद्र बोली- ये आतंकवादी-उग्रवादी है, ये मुल्ला आतंकवादी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। ओए …, ओए उग्रवादी, ऐ उग्रवादी बीच में मत बोलना, ये आतंकवादी-उग्रवादी है, ये मुल्ला आतंकवादी है… इसकी बात नोट करते रहना अभी बाहर देखूंगा इस मुल्ले को। यह शब्द केंद्र की सत्ता में आसीन भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ सांसद रमेश बिधूड़ी के हैं। श्रीमान जी संसद में दक्षिण दिल्ली का प्रतिनिधित्व करते हैं। जिस तरह के सडक़ छाप शब्दों का उन्होंने लोकसभा में इस्तेमाल किया और उसे सुनकर पूर्व केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन ने मुस्कान बिखेरी, यह दृश्य बहुत से लोगों को नागवार गुजरा।
भाजपा समर्थकों ने तो चुप्पी साध रखी है, लेकिन विपक्ष के कई नेताओं और आम लोगों ने एक सांसद के मुंह से ऐसे अपशब्द सुनकर माथा पकड़ लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के ज्यादातर नेता बात-बात पर जिस लोकतंत्र के मंदिर की बात करते हैं वहीं पर उनके ही एक सांसद किस तरह के शब्दों का इस्तेमाल कर रहे थे, यह उन्हें वीडियो को रिवाइंड करके सुनना चाहिए। राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने बिधूड़ी के संबोधन का एक हिस्सा शेयर करते हुए लिखा है कि कोई शर्म नहीं बची है। बाद में राजनाथ सिंह को खेद जताना पड़ा। कांग्रेस और आप ने ट्वीट कर पीएम मोदी पर निशाना साधा है। कार्यवाही से उनकी टिप्पणियों को रिकॉर्ड से भी हटा दिया गया है। अब लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला ने उनको चेतावनी देते हुए कहा है कि इस तरह की भाषा वह दोबारा इस्तेमाल नहीं करें वरना उनके खिलफ सख्त एक्शन होगा। अधिकारियों के मुताबिक स्पीकर ओम बिड़ला ने लोकसभा में चंद्रयान की सफलता पर चर्चा के दौरान बीएसपी सांसद दानिश अली के लिए इस्तेमाल किए गए आपत्तिजनक शब्दों को गंभीरता से लिया है।
राजनाथ ने मांगी माफी
भाजपा सांसद की अमर्यादित भाषा पर विपक्षी सांसदों ने आपत्ति जताई। विपक्ष के हंगामे पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि उन्होंने भाजपा सांसद की बातों को नहीं सुना लेकिन आसन से अपील की कि अगर टिप्पणी से विपक्षी सदस्य नाराज हैं तो इन शब्दों को कार्यवाही से हटा दिया जाए। इसके बाद राजनाथ सिंह ने सांसद के बयान पर माफी मांगी। राजनाथ सिंह के इस कदम की विपक्षी सांसदों ने भी तारीफ की।
कनाडा में नफरत के लिए कोई जगह नहीं है : सुरक्षा विभाग
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
टोरंटो। भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक संबंधों में तनाव जारी है। इस बीच एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें हिंदुओं को धमकियां दी जा रही हैं और उनसे देश छोडऩे को कहा जा रहा है।
इस वीडियो पर कनाडा ने कहा कि देश में आक्रामकता, नफरत, धमकी या डर का माहौल बनाने वाली गतिविधियों के लिए कोई जगह नहीं है। वायरल हो रहे वीडियो पर कनाडा के सुरक्षा विभाग ने कहा कि यह आक्रामक और घृणास्पद है।
रोशनी पाते ही विक्रम और प्रज्ञान होंगे सक्रिय
- चंद्रयान-3 की इसरो ने की मॉनीटरिंग
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
बेंगलुरु। धरती से करीब पौने चार लाख किलोमीटर दूर चांद के साउथ पोल रीजन में स्लीप मोड में पार्क किए गए चंद्रयान-3 के लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान के दोबारा एक्टिव होने की किसी भी वक्त खबर आ सकती है, इसकी वजह है कि चांद पर बुधवार (20 अगस्त) को ही सूर्योदय की शुरुआत हो गई, अब शुक्रवार (22 सितंबर) साउथ पोल रीजन के शिव शक्ति पॉइंट, जहां चंद्रयान-3 के लेंडर और रोवर स्लीप मोड में हैं, वहां रोशनी पहुंचने लगी है।
इनके सोलर पैनल पर माइंस 10 डिग्री सेल्सियस से ऊपर का तापमान पड़ते ही अगर बैटरी खराब नहीं हुई है तो चार्ज होने लगेगी। तब इनसे दोबारा कम्युनिकेशन स्थापित हो सकेगा, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के वैज्ञानिकों ने चंद्रयान-3 की टेक्निकल स्टेटस की मॉनीटरिंग शुरू कर दी है, इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने एक दिन पहले गुरुवार को ही बताया था कि 20 सितंबर से ही चांद पर सूर्योदय की शुरुआत हो गई है। इसरो चीफ सोमनाथ कहा था कि 21-22 सितंबर तक शिव शक्ति पॉइंट पर रोशनी पडऩे लगेगी। उन्होंने यह भी बताया था कि पहले दोनों के एक निश्चित तापमान से ऊपर गर्म होने का इंतजार किया जाएगा, इसके बाद इसरो के कमांड सेंटर से स्पेशल कमान भेजकर दोनों उपकरणों को एक्टिव करने की कोशिश होगी। हम सिर्फ उम्मीद कर सकते हैं। वहीं एक दिन पहले गुरुवार को संसद में चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा था कि जैसे ही चांद पर तापमान माइनस 10 डिग्री सेल्सियस के ऊपर होगा विक्रम और प्रज्ञान नींद से जाग जाएंगे।
स्वदेशी हिट शिल्डिंग तकनीक का हुआ है इस्तेमाल
इसरो ने इन दोनों उपकरणों में लगी बैटरी को एक खास तापमान पर बनाए रखने के लिए स्वदेशी हिट शिल्डिंग तकनीक का इस्तेमाल किया है। इसके लिए कई खनिजों को मिलाकर बनाई गई शिल्डिंग की टेस्टिंग धरती पर भी हुई है। 31 अगस्त को चांद के साउथ पोल रिजन पर चंद्रयान की ऐतिहासिक सफल लैंडिंग के बाद एस सोमनाथ ने बताया था कि लैंडर और रोवर में इस्तेमाल की गई बैटरी की टेस्टिंग – 150 डिग्री सेल्सियस तापमान पर भी की गई थी। हालांकि चांद पर रात के समय -200 डिग्री सेल्सियस से भी कम तापमान पहुंच जाता है जिससे बैटरी के डेड होने की आशंका रहती है।