युद्ध से किसी का भला नहीं, आतंकवाद दुनिया के सामने बड़ी चुनौती: प्रधानमंत्री मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने जी20 देशों की संसद के स्पीकर और संसदीय प्रतिनिधिमंडल के शिखर सम्मेलन में कहा कि यह दुनिया भर की विभिन्न संसदीय परंपराओं का एक अनूठा संगम है। उन्होंने कहा कि जी20 की अध्यक्षता ने पूरे वर्ष भारत में उल्लेखनीय गतिविधियां सुनिश्चित कीं, चंद्रमा की सतह पर उतरने में भारत को मिली सलफता ने जश्न को और बढ़ा दिया। मोदी ने कहा कि हमारे पास बहस, विचार-विमर्श की हजारों वर्षों की विरासत है, हमारे 5,000 वर्ष से भी पुराने कुछ ग्रंथों में ऐसी प्रणालियों का जिक्र है। उन्होंने कहा कि यह समिट एक प्रकार से दुनिया भर की अलग-अलग संसदीय प्रथाओं का महाकुंभ है। आप सभी प्रतिनिधि अलग-अलग संसदीय कार्यशैली के अनुभवी हैं। आपका इतने समृद्ध लोकतांत्रिक अनुभवों के साथ भारत आना हम सभी के लिए बहुत सुखद है।
नरेन्द्र मोदी ने कहा कि किसी भी देश की सबसे बड़ी ताकत उसके लोगों में, उसके लोगों की आकांक्षाओं में निहित होती है! आज ये शिखर सम्मेलन भारत के लोगों की शक्ति का जश्न मनाने का माध्यम बन गया है। उन्होंने कहा कि समय के साथ भारत की संसदीय प्रक्रियाओं में निरंतर सुधार हुआ है। ये प्रक्रियाएं और सशक्त हुई हैं।भारत में हम लोग आम चुनाव को सबसे बड़ा पर्व मानते हैं। 1947 में आजादी मिलने के बाद से अब तक भारत में 17 आम चुनाव और 300 से अधिक राज्य विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि 2019 के आम चुनाव में देशवासियों ने मेरी पार्टी को लगातार दूसरी बार विजयी बनाया है। 2019 का आम चुनाव मानव इतिहास की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक अभ्यास थी। इसमें 60 करोड़ से अधिक वोटर्स ने हिस्सा लिया।
मोदी ने कहा कि भारत चुनावों के दौरान पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाने के लिए 25 वर्षों से अधिक समय से ईवीएम का उपयोग कर रहा है। 2024 में आम चुनाव के दौरान करीब 100 करोड़ यानी 1 अरब मतदाता वोट डालेंगे। मैं सभी प्रतिनिधियों को अगले आम चुनाव देखने के लिए भारत आने के लिए आमंत्रित करता हूं। इजरायल-हमास युद्ध के बीच मोदी ने कहा कि यह सबके कल्याण और विकास का वक्त है। आतंकवाद दुनिया के सामने बड़ी चुनौती है। युद्ध से किसी का भला नहीं हो सकता है। आतंकवाद मानवता के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि यह शांति और भाईचारे का समया है। उन्होंने कहा कि हमें वैश्विक विश्वास के संकट को दूर करना होगा और मानव विचारधारा को आगे बढ़ाना होगा। हमें विश्व को एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य की भावना से देखना होगा।

 

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