जांच एजेंसियों के रेड से सियासत हुई लाल

  • ईडी, आईटी की छापेमारी से पूरे देश में बवाल
  • केवल विपक्षी नेताओं को निशाना बना रही मोदी सरकार
  • एकसुर में बोले नेता- बीजेपी के इशारे पर काम कर रही ईडी

 4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
जयपुर। ईडी की चुनावी राज्यों में समेत पूरे देश हो रही छापेमारी पर सियासी संग्र्राम जारी हो गया है। कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष ने बीजेपी के मोदी सरकार पर विपक्षी नेताओं को जर्बदस्ती परेशान करने का आरोप लगाया है। चुनावी समर में राजनीतिक दलों की एक-दूसरे पर टीका-टिप्पणी और अपनों की है बगावत का शोर तो जमकर सुनाई दिया।
इस बीच प्रवर्तन निदेशालय की छापेमारी भी लगातार सुर्खियों बटोर रही है। इसको लेकर कांग्रेस पार्टी लगातार आरोप लगाती रही कि केंद्रीय एजेंसियों का गलत इस्तेमाल किया जा रहा है। राजस्थान के 25 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी की है। बता दें कि राजस्थान में 25 नवंबर को विधानसभा चुनाव के तहत वोटिंग होनी है। जबकि वोटों की गिनती 3 दिसंबर होगी। राजस्थान के अलावा मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, मिजोरम और तेलंगाना भी चुनाव होने हैं।

महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे के करीबी रवींद्र वायकर पर दर्ज हुआ मामला

महाराष्ट्र में केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय के रडार पर उद्धव ठाकरे के करीबी और यूबीटी शिवसेना के नेता रवींद्र वायकर आ गये हैं। प्रवर्तन निदेशालय ने बीएमसी के साथ समझौते का उल्लंघन कर मुंबई के जोगेश्वरी में एक लग्जरी होटल के निर्माण के संबंध में शिवसेना (यूबीटी) विधायक रवींद्र वायकर, उनकी पत्नी और अन्य के खिलाफ पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया है। सूत्रों के मुताबिक ईडी वायरकर समेत अन्य आरोपियों को पूछताछ के लिए समन जारी कर सकती है, अधिकारियों के मुताबिक, उन्होंने रवींद्र वायकर से मामले से संबंधित सभी दस्तावेज और बयान ले लिये हैं, ये वो बयान हैं जो उन्होंने मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा को दिए थे।

राजस्थान में 25 से ज्यादा जगहों पर छापेमारी

मिल रही जानकारी के अनुसार ये छापेमारी कथित जल जीवन मिशन घोटाले में मनी लांन्ड्रिंग केस के सिलसिले में की जा रही है। जांच एजेंसी ने जयपुर और दौसा में 25 से अधिक स्थानों पर छापेमारी की है। ईडी ने जिन अधिकारियों के घरों पर छापेमारी की है उनमें पीएचई विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुबोध अग्रवाल के घर भी शामिल हैं। ईडी अधिकारी मनी लॉन्ड्रिंग अधिनियम के तहत घोटाले से जुड़े अन्य स्वास्थ्य अधिकारियों की भी जांच कर रहे हैं। ईडी ने इससे पहले सितंबर में भी इसी तरह से रेड किया था।

भगोड़ों को नहीं पकड़ रही ईडी, बस विपक्षी नेताओं पर टारगेट : गहलोत

उधर सीएम अशोक गहलोत का कहना है कि इन भगोड़े आर्थिक अपराधियों की तरफ एजेंसियों का ध्यान ही नहीं जा रहा है, बल्कि उनका ध्यान राजनीतिक दलों की तरफ है, ये एजेंसिया बिना किसी मामले के राजनीतिक दलों के नेताओं के घर पहुंच रही हैं, हमारे अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के घर पर भी ये टीम बिना किसी केस के गई थी। गहलोत ने कहा कि उनके बेटे वैभव गहलोत को भी बिना किसी मामले के समन भेज दिया गया। इस तरह की कार्रवाई से इन केंद्रीय एजेंसियों की साख को नुकसान पहुंच रहा है और इनकी विश्वसनीयता कम हो रही है, हम चाहते हैं ये एजेंसियां मजबूत रहें ताकि वित्तीय अनिमियता करने वालों में इनका भय रहे, लेकिन अब एजेंसियों के लिए वो प्रियॉरिटी ही नहीं बचे हैं।

तमिलनाडु के मंत्री वेलु के परिसरों पर आईटी ने की छानबीन

चेन्नई समेत राज्य के अलग-अलग हिस्सों में तलाशी ली जा रही है। द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के वरिष्ठ नेता वेलु अभी एम के स्टालिन नीत मंत्रिमंडल में लोक निर्माण मंत्री हैं। आयकर अधिकारियों ने तमिलनाडु के मंत्री ई वी वेलु से जुड़े कई स्थानों पर शुक्रवार को छापे मारे। सूत्रों ने विस्तृत जानकारी दिए बगैर बताया कि चेन्नई समेत राज्य के अलग-अलग हिस्सों में तलाशी ली जा रही है।

मुस्लिम पक्ष की चुनौती को ‘सुप्रीम’ झटका, ज्ञानवापी मामला : शीर्ष अदालत ने खारिज की मांग

  • सिंगल जज बेंच से केस ट्रांसफर किए जाने का हाईकोर्ट का फैसला रखा बरकरार

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। वाराणसी में ज्ञानवापी मामले में मुस्लिम पक्ष को सुप्रीम कोर्ट से राहत नहीं मिली है। इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर द्वारा सिंगल जज बेंच से केस ट्रांसफर किए जाने का फैसला बरकरार रहेगा। मुस्लिम पक्ष द्वारा दी गई चुनौती को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस के फैसले में दखल देने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के अधिकारक्षेत्र में हस्तक्षेप नहीं करेंगे। मुख्य न्यायाधीश को फैसला लेने दीजिए। मुस्लिम पक्ष ने कहा कि सिस्टम का मजाक उड़ाया जा रहा है। दूसरी बेंच में सुनवाई का किसी पक्ष ने ऐतराज नहीं जताया था। सुनवाई पूरी हो गई फैसला सुरक्षित हो गया।

आईआईटी बीएचयू में छात्रों का प्रदर्शन जारी

  • परिसर में छात्रा से छेडख़ानी का मामला
  • पढ़ाई-शोध ठप, शिक्षकों को बंधक बनाया

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
वाराणसी। आईआईटी बीएचयू परिसर में छात्रा से अश्लीलता से नाराज छात्र-छात्राओं का प्रदर्शन आज भी जारी रहा। छात्र सडक़ पर उतर आए। पठन-पाठन और शोध का काम ठप कर दिया। सुबह दस बजे से देर रात तक धरना-प्रदर्शन करते रहे। इस बीच छात्रों से बात करने पहुंचे निदेशक प्रो पीके जैन और कई शिक्षकों को जिमखाना क्लब मैदान में बंधक बना लिया गया।
मैदान के बाहर निकलने का मुख्य गेट बंद कर दिया गया। इस बीच पुलिस मूक दर्शक बनी रही। छात्र सुरक्षा और व्यवस्था पर लिखित आश्वासन की मांग पर अड़े थे। बताया जा रहा है कि आईआईटी बीएचयू के इतिहास में इतना बड़ा प्रदर्शन नहीं हुआ था। यह पहला मौका है जब एक हजार से ज्यादा छात्र सडक़ पर उतर आए। गौरतलब हो कि आईआईटी परिसर में कर्मनवीर बाबा मंदिर के पास बुधवार आधी रात करीब 1.30 बजे छात्रा से अश्लीलता से छात्र-छात्राएं गुस्से में हैं। घटना की जानकारी होने के बाद आईआईटी स्टूडेंट पार्लियामेंट ने रात में ही एक सर्कुलर जारी कर बृहस्पतिवार सुबह विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया था।

बंद किया गया इंटरनेट

छात्रा के साथ घटना के बाद छात्रों के विरोध को देखते हुए आईआईटी परिसर में इंटरनेट सेवा भी बंद कर दी गई। आईआईटी बीएचयू प्रशासन का उद्देश्य यह था कि प्रदर्शन को ज्यादा विस्तार न मिल सके। विरोध प्रदर्शन का फोटो, वीडियो भी सोशल मीडिया पर न डाला जा सके। इसकी जानकारी छात्रों को तब हुई, जब वह इंटरनेट का प्रयोग करने का प्रयास कर रहे थे।

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