केजरीवाल को नापसंद अफसर को ही मिलेगा विस्तार! केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा- हमारे पास अधिकार, पहले भी 57 बार ऐसा हुआ

नई दिल्ली। केंद्र ने बुधवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसके पास मुख्य सचिव का कार्यकाल छह महीने के लिए बढ़ाने की शक्ति है क्योंकि वह दिल्ली के वर्तमान मुख्य सचिव नरेश कुमार के लिए भी ऐसा ही करना चाहता है। शीर्ष अदालत ने मंगलवार को केंद्र से कार्यकाल बढ़ाने के अपने अधिकार को प्रदर्शित करने के लिए कहा था, जिसके बाद केंद्र ने अपना जवाब दाखिल किया। केंद्र का प्रतिनिधित्व करते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, दिल्ली देश की राजधानी है और केंद्र सरकार का मानना है कि 30 नवंबर को सेवानिवृत्त होने वाले नरेश कुमार को छह महीने तक पद पर बने रहना चाहिए।
तुषार मेहता ने यह भी बताया कि नियम छह महीने से अधिक की अनुमति नहीं देते। केंद्र ने यह भी बताया कि मुख्य सचिवों के कार्यकाल के विस्तार के 57 उदाहरण हैं। इससे पहले केंद्र सरकार ने मंगलवार को उच्चतम न्यायालय से अनुरोध किया कि वह 30 नवम्बर को सेवानिवृत्त हो रहे दिल्ली के मुख्य सचिव नरेश कुमार को सेवा-विस्तार देना चाहती है, हालांकि शीर्ष अदालत ने जानना चाहा कि वह (केंद्र) किस शक्ति के तहत ऐसा कर सकता है। न्यायालय ने केंद्र से यह भी पूछा कि क्या उसके पास ‘केवल एक ही व्यक्ति’ है, क्या इस पद के लिए भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) का कोई अन्य अधिकारी उपलब्ध नहीं है।
मुख्य सचिव की नियुक्ति मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल (एलजी) वीके सक्सेना के बीच विवाद की नवीनतम जड़ है, जो विभिन्न मुद्दों पर कई विवादों में शामिल रहे हैं। पीठ बिना किसी परामर्श के नए मुख्य सचिव की नियुक्ति या मौजूदा शीर्ष सिविल सेवक नरेश कुमार का कार्यकाल बढ़ाने के केंद्र के किसी भी कदम के खिलाफ दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। दिल्ली सरकार ने सवाल उठाया है कि केंद्र बिना किसी परामर्श के मुख्य सचिव की नियुक्ति कैसे कर सकता है, जबकि नये कानून को चुनौती दी गयी है।

 

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