एकबार फिर जदयू की तीर-कमान संंभालेंगे नीतीश कुमार
- राष्ट्रीय कार्यकारिणी और परिषद की बैठक में हुआ फैसला
- बिहार के सीएम के नाम का प्रस्ताव रखा
- पार्टी की उठापटक से उठा पर्दा
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। पिछले एक हफ्ते से खबरों की सुर्खियों में रह जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष पद को लेकर चल रही उठापटक पर से परदा उठ गया। ललन सिंह ने जदयू के वर्तमान अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। पार्टी ने ललन सिंह का इस्तीफा मंजूर भी कर लिया है। जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी और परिषद की बैठक में नीतीश कुमार को अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव रखा गया है। इस फैसले पर अभी इंडिया गठबंधन के सदस्यों की प्रतिक्रिया नहीं आई है। जबकि भाजपा ने अभी कुछ भी कहने से इंकार कर दिया है।
पिछले काफी समय से जेडीयू में सांगठनिक बदलाव को लेकर अटकलों का बाजार गरम था, हालांकि, बैठक से पहले ललन सिंह ने इस्तीफे की खबरों को अफवाह बताया था। गौरतलब हो कि पिछले कुछ दिनों से मीडिया के एक वर्ग में अटकलें लगाई जा रही थीं कि ललन सिंह को सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) से कथित निकटता के कारण अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के लिए कहा जा सकता है, मीडिया में यह भी दावा किया जा रहा था कि पिछले साल अगस्त में भाजपा से गठबंधन तोडऩे के बाद नीतीश कुमार एक बार फिर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का रुख कर सकते हैं। इससे पहले दिल्ली में 28 दिसंबर को जदयू की दो दिनी सालाना बैठक शुरू हुई। हालांकि पार्टी मुखिया नीतीश कुमार इन सभी अटकलों को खारिज कर चुके हैं और उन्होंने इसे बीजेपी की फैलाई हुई अफवाह करार दिया है।
दो दिन से चल रही थी कार्यकारिणी की बैठक
जनता दल यूनाइटेड की राष्ट्रीय कार्यकारिणी दिल्ली के कॉन्स्टिट्यूशन क्लब में दो दिन चली । बैठक में बिहार के सीएम नीतीश कुमार, जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन (ललन) सिंह और पार्टी के अन्य नेता शामिल हुए। जनता दल (यूनाइटेड) के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में उनकी संभावित पदोन्नति की अटकलों के बीच, बिहार के मंत्री विजय कुमार चौधरी ने सभी रिपोर्टों को खारिज कर दिया था और कहा कि पार्टी के वर्तमान राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ठीक काम कर रहे हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता केसी त्यागी ने इस बात पर भी जोर दिया कि बैठक नियमित होगी जिसमें राज्यों में गठबंधन पर भी चर्चा होगी। केसी त्यागी ने कहा कि आज जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी, जिसमें देश के वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य और वित्तीय माहौल पर चर्चा होगी और अन्य राज्यों को लक्षित करने के लिए सीट बंटवारे पर भी चर्चा होगी।
कई दिनों से इस्तीफा देना चाह रहे थे ललन : नीतीश
बिहार के सीएम व जदयू नेता नीतीश कुमार ने कहा कि ललन ङ्क्षसह कई दिनों से इस्तीफा देना चाह रहे थे। नीतीश ने कहा वह नहीं चाहते थे कि वह पद छोड़े। उधर जेडीयू नेता केसी त्यागी ने कहा कि आज जेडीयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक होगी, जिसमें देश के मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य और वित्तीय माहौल पर चर्चा होगी और अन्य राज्यों के लिए सीट बंटवारे पर भी चर्चा होगी। इसके अतिरिक्त आइएनडीआइए में जदयू की भूमिका पर भी विमर्श होगा।जदयू को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के उस स्टैंड पर सख्त एतराज रहा है जसमें उन्होंने दिल्ली की बैठक में मल्ल्किार्जुन खरगे का नाम प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के लिए प्रस्तावित किया।
चुनाव में सक्रियता की वजह से छोड़ा पद : ललन
राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में निवर्तमान अध्यक्ष ललन सिंह ने कहा कि वह अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं। उन्होंने कहा आगामी चुनावों में सक्रियता की वजह से वह अपने पद को छोडऩे का फैसला कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह नीतीश कुमार को अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव कर रहे हैं। उधर दिल्ली जेडीयू प्रदेश अध्यक्ष शैलेंद्र कुमार ने कहा कि अगर नीतीश कुमार खुद अपने हाथ में पार्टी की कमान लेते हैं तो पार्टी का विकास हो पाएगा।
नहीं थम रही ‘इंडिया गठबंधन’ में सीट बंटवारे पर रार
- टीएमसी की बंगाल में लीड करने की योजना
- यूपी में अखिलेश भी अड़े, शिवसेना यूबीटी महाराष्ट्र में बड़ी भूमिका निभाने की तैयारी में
- शिवसेना में विभाजन के चलते उम्मीदवारों की कमी : निरुपम
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव लगगभ करीब है, पर भारत का विपक्षी गठबंधन अब भी सीटों के बंटवारे को सुलझा नहीं पा रहा है। एक तरफ जहां सबसे पुरानी पार्टी व गठबंधन का सबसे बड़ा दल न्याय यात्रा करने की योजना बना चुका है वहीं अन्य सहयोगी दल अब भी अपने को एक मत नहीं कर पा रहे हैं। चूकि इंडिया गठबंधन में जो सहयोगी शामिल हैं वह अपने-अपने राज्यों में मजबूत है। वह यह चाहते कि जिन जगहों पर कांग्रेस कमजोर है वहां सहयोगियों को अधिक सीटें दी जाए और कांग्रेस बड़़ा दिल दिखाकर कम सीटे ले। पर कांग्रेस के स्थानीय नेता इस बात से राजी नहीं है। कांग्रेस ने अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए महाराष्ट्र में सहयोगी दल शिवसेना (यूबीटी) की 23 सीटों की मांग खारिज कर दी है। यह घटनाक्रम तब हुआ जब नेताओं ने लोकसभा चुनाव के लिए महाराष्ट्र विकास अघाड़ी के सहयोगियों-शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और राकांपा के बीच सीट बंटवारे पर चर्चा की। दो गुटों में बंटी शिवसेना ने महाराष्ट्र की 48 सीटों में से 23 पर दावा किया, बावजूद इसके कि उसके अधिकांश सदस्य एकनाथ शिंदे के पक्ष में थे। कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने कहा कि शिवसेना के उद्धव ठाकरे के गुट को एक महत्वपूर्ण चुनौती का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि पार्टी के विभाजन के कारण उसके पास पर्याप्त उम्मीदवारों की कमी है। बैठक में कांग्रेस प्रतिनिधियों ने स्पष्ट किया कि शिवसेना और शरद पवार की राकांपा में विभाजन के बाद, सबसे पुरानी पार्टी राज्य में स्थिर वोट शेयर वाली एकमात्र पार्टी प्रतीत होती है।
बंगाल में भाजपा के खिलाफ लड़ाई का नेतृत्व करेगी टीएमसी : ममता
ममता बनर्जी ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नागरिकता को लेकर दिए गए एक बयान के जवाब में कहा शाह ने इस मुद्दे पर लोगों को गुमराह करने का काम किया है। पश्चिम बंगाल में माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी(माकपा) और कांग्रेस पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ मिलीभगत करने का आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि टीएमसी आगामी लोकसभा चुनाव में राज्य में भाजपा के खिलाफ लड़ाई की अगुवाई करेगी। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) की प्रमुख ममता बनर्जी ने राज्य के उत्तर 24 परगना जिले के देगंगा में पार्टी कार्यकर्ताओं की एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि भाजपाविपक्षी दलों के नेताओं पर चोर का ठप्पा लगा रही है। उन्होंने कहा कि देश में एक ऐसी व्यवस्था बन गयी है जहां लोकतंत्र का संचालन केंद्रीय एजेंसियों द्वारा किया जा रहा है। ममता ने कहा, कि माकपा, भाजपा और कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में गठबंधन बनाया है और सक्रिय रूप से हमारे खिलाफ प्रचार कर रहे हैं।
सपा-बसपा दोनों मिलकर इंडिया गठबंधन में आएं : केशव देव
अखिलेश यादव की सहयोगी महान दल के नेता केशव देव मौर्य ने सपा और बसपा को फिर से इंडिया गठबंधन के तहत साथ आने की सलाह दी और कहा कि मायावती एक कुशल नेता हैं और अगर वो देश की प्रधानमंत्री बनती है तो इसे देश का सम्मान भी बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि अगर सपा और बसपा इस बात का समर्थन करते हैं तो उन्हें साथ आना चाहिए। हालांकि सपा पहले बसपा को साथ लाने का विरोध कर चुकी है। केशव मौर्य ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट शेयर करते हुए कहा, सपाई और बसपाई दोनों मिलकर 2024 में इंडिया गठबंधन के बैनर तले बहन मायावती को देश का प्रधानमंत्री बनाओ! और.. 2027 में सपाई-बसपाई दोनों मिलकर अखिलेश यादव को उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाओ.! बात अच्छी लगे तो आओ हाथ मिलाओ।
महाराष्ट्र में शिवसेना ( यूबीटी) अब भी बड़़ी पार्टी : राउत
सीटों के बटवारे मामले में उद्धव गुट की ओर से जवाब आया है। इंडिया गठबंधन में सीट बंटवारे पर, शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कहा कि आज भी महाराष्ट्र में शिवसेना नंबर वन पार्टी है। लोग शिवसेना और शरद पवार के पूर्ण समर्थन में हैं। सीट बंटवारे के मुद्दे पर एमवीए के बीच कोई मतभेद नहीं है। लोकसभा चुनाव में शिवसेना हमेशा 23 सीटों पर लड़ती रही है। सीट बंटवारे को लेकर हम कांग्रेस के निर्णय लेने वाले नेताओं के साथ सकारात्मक चर्चा कर रहे हैं। कांग्रेस एक राष्टï्रीय पार्टी है, उद्धव ठाकरे राहुल गांधी, सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खडग़े समेत कांग्रेस के निर्णय लेने वाले नेताओं के साथ सकारात्मक चर्चा कर रहे हैं। राउत ने कहा कि इंडिया गठबंधन बैठक के दौरान, हमने फैसला किया कि हमने जो सीटें जीती हैं, उन पर बाद में चर्चा की जाएगी।