रिटायर्ड कर्मचारियों को हिमाचल के सीएम सुक्खू का तोहफा
शिमला। प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद सेवानिवृत्त हुए 800 कर्मचारियों को पुरानी?पेंशन मिलना शुरू हो गई है। इन कर्मचारियों की नियुक्ति 2003 के बाद हुई थी। प्रदेश सरकार ने पुरानी पेंशन योजना बहाल की?थी, इसके बाद महालेखाकार कार्यालय ने इन कर्मचारियों को जीपीएफ नंबर जारी करने के बाद पेंशन केस बनाया व अब इन्हें पेंशन मिलना शुरू हो गई है।
वहीं 1.20 लाख कर्मचारियों को जीपीएफ नंबर भी जारी हो गए हैं। नई पेंशन कर्मचारी महासंघ ने इसके लिए प्रधान महालेखाकार का आभार व्यक्त किया है। सोमवार को महासंघ का प्रतिनिधिमंडल प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप ठाकुर की अध्यक्षता में प्रधान महालेखाकार सुशील कुमार से उनके कार्यालय में मिला और स्मृतिचिह्न भेंट करके सम्मानित किया। प्रदीप ठाकुर का कहना है कि 800 सेवानिवृत्त कर्मचारियों को मासिक 15 हजार रुपये पेंशन मिलने लगी है, जबकि एनपीएस में रहते हुए 150 से लेकर 500 रुपये मासिक पेंशन मिल रही थी। ऐसी परिस्थितियों में कर्मचारी परिवार का खर्च उठाने में लाचार हो गए थे।
महालेखाकार कार्यालय ने बहुत कम समय में जीपीएफ नंबर जारी करके प्रदेश के कर्मचारियों को चिंतामुक्त किया, जिसके परिणामस्वरूप ओपीएस के दायरे में आए नए कर्मचारियों को पेंशन मिलने लगी। उन्होंने प्रधान महालेखाकार सुशील कुमार से आग्रह किया कि 1.36 लाख कर्मचारियों में 1.20 के जीपीएफ नंबर जारी हो चुके हैं। ऐसे में शेष कर्मचारियों के जीपीएफ नंबर कुछ समय में जारी कर दिए जाएं। इस अवसर पर प्रदीप ठाकुर के साथ राज्य महासचिव भरत शर्मा, जिला मंडी के अध्यक्ष लेखराज भी मौजूद रहे।
अधूरे दस्तावेज महालेखाकार कार्यालय ने सुधारे अभी तक जिन कर्मचारियों के जीपीएफ के लिए अधूरे दस्तावेज थे, ऐसे 10 हजार कर्मचारियों से महालेखाकार कार्यालय के कर्मचारियों व अधिकारियों ने बार-बार सही दस्तावेज मांगे। अब सही दस्तावेज पहुंचने के बाद जीपीएफ नंबर जारी करने की प्रक्रिया तेज हो गई है। राज्य विद्युत बोर्ड के छह हजार कर्मचारी ओपीएस के दायरे में नहीं आए हैं। प्रदीप ठाकुर ने कहा कि इनको ओपीएस के दायरे में लाने के लिए मुख्यमंत्री सुखिवंदर सिंह सुक्खू से आग्रह किया गया है।