संदेशखाली को लेकर गरमाया माहौल, सत्तापक्ष-विपक्ष की नोकझोंक के बीच महिला आयोग ने दी प्रतिक्रिया

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के संदेशखाली हिंसा को लेकर राज्य सरकार और विपक्ष दल आमने-सामने हैं। विपक्षी पार्टियों ने तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सरकार पर तीखा हमला करते हुए राज्य में कानून व्यवस्था ध्वस्त होने का आरोप लगाया है। वहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी भाजपा पर पलटवार करते हुए इलाके में अशांति फैलाने का आरोप लगाया है। सत्ता दल और विपक्ष के इस नोक-झोंक के बीच राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी संदेशखाली हिंसा को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने बताया कि इलाके से तनावपूर्ण खबरें सामने आ रही है।
महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कोलकाता एयरपोर्ट पर मीडिया से इस मुद्दे पर बात की। उन्होंने कहा, ‘जैसा कि आप सब जानते हैं, संदेशखाली से बहुत तनावपूर्ण खबरें आईं है। मैं वहां जा रही हूं और मैं चाहती हूं कि उन्हें (महिलाओं) न्याय मिले। मैं डीजी और स्थानीय पुलिस से भी मुलाकात करूंगी। मैं महिलाओं से मिलना चाहती हूं। उन्हें अपने समर्थन का आश्वासन देना चाहती हूं।’
उन्होंने आगे कहा, मैं राज्यपाल से मिलूंगी और उसके बाद कल राष्ट्रपति से मुलाकात करूंगी। बहुत सी बातें सामने आ रही हैं, लेकिन पुलिस उन्हें दबा देती है। मैं जिला अधिकारी और पुलिस अधीक्षक से मुलाकात नहीं कर पाई हूं। ममता बनर्जी अपने अधिकारियों को केंद्रीय एजेंसियों से मिलने नहीं दे रहीं है। मैंने सुना है कि पीडि़तों के 10 परिजनों को गिरफ्तार किया गया है, लेकिन टीएमसी नेता शाहजहां शेख कोगिरफ्तार नहीं किया गया।
पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में स्थित गांव संदेशखाली इन दिनों भारी विरोध प्रदर्शन का गवाह बन रहा है। दरअसल गांव की महिलाओं ने बीते दिनों आरोप लगाए थे कि टीएमसी नेता शाहजहां शेख और अन्य टीएमसी नेताओं ने उनकी जमीनों पर कब्जा कर लिया और कुछ महिलाओं ने टीएमसी नेताओं पर यौन शोषण के भी आरोप लगाए थे। इसे लेकर संदेशखाली में महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन किया। भाजपा कार्यकर्ता भी संदेशखाली में प्रदर्शन कर रहे हैं। शाहजहां शेख राशन घोटाले में आरोपी है और बीते दिनों ईडी टीम पर हुए हमले में भी शाहजहां शेख आरोपी है। वहीं बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने भाजपा पर इस मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप लगाया है।

Related Articles

Back to top button