संदेशखाली पर संसद की विशेषाधिकार समिति की कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट की रोक, लोकसभा सचिवालय को नोटिस जारी

नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में स्थित संदेशखाली गांव की महिलाओं ने आरोप लगाया है कि टीएमसी नेता शाहजहां शेख ने उनकी जमीन पर कब्जा करने के साथ-साथ कुछ महिलाओं के साथ यौन शोषण भी किया है। बंगाल की पूरी सियासत अभी संदेशखाली के ईर्दगिर्द भटक रही है। संदेशखाली सियासी जंग का मैदान बना हुआ है। इस बीच, संदेशखाली मामले में विशेषाधिकार समिति की कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है।
सोमवार को पश्चिम बंगाल सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी। उसने संसद की विशेषाधिकार समिति के नोटिस को चुनौती देते हुए याचिका दर्ज की। वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका का सुप्रीम कोर्ट में उल्लेख किया।
बता दें, सांसदों से दुव्र्यवहार के मामले पर विशेषाधिकार समिति ने पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक और संबंधित जिले के डीएम एसपी और थानाध्यक्ष को समन जारी कर 19 फरवरी को पेश होने का आदेश दिया था। इस पर अदालत में याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने कहा, ‘राजनीतिक गतिविधियां विशेषाधिकार का हिस्सा नहीं हो सकती हैं।’
पश्चिम बंगाल सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने लोकसभा सचिवालय और अन्य को नोटिस जारी किया। साथ ही मामले में आगे की कार्यवाही पर भी रोक लगा दी है।

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