जनविश्वास महारैली से ‘इंडिया’ ने भरी चुनावी हुंकार
- अपार जनसमूह से गदगद दिखे गठबंधन के नेता
- पूरे विपक्ष ने एकजुट होकर बोला मोदी सरकार पर हमला
- झूठी गारंटियों का झोला लेकर घूम रहे पीएम : राहुल
- मोदी को केंद्र की सत्ता से बाहर करने के लिए वोट करें : लालू
- बीजपी और उसके सहयोगियों से रहें सतर्क : खरगे
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। विपक्षी दलों के गठबंधन इंडिया ने बिहार की राजधानी पटना के ऐतिहासिक गांधी मैदान में आयोजित जनविश्वास महारैली के जरिए लोकसभा चुनाव का बिगुल फूंका। हुंकार भरते हुए रैली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अध्यक्ष लालू प्रसाद तथा समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव समेत कई दलों के नेताओं ने बीेजपी पर हमला बोला। राहुल गांधी अपनी भारत जोड़ो न्याय यात्रा को बीच में रोककर इस रैली में भाग लेने मध्य प्रदेश से आए।
इस रैली में विपक्षी नेताओं ने मोदी सरकार व बीजेपी पर जमकर हमला बोला। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा मोदी सरकार केवल दो-तीन बहुत अमीर लोगों के लिए काम कर रही है और दलितों और पिछड़े वर्गों की उपेक्षा कर रही है जिनकी आबादी देश की कुल जनसंख्या का 70 प्रतिशत है। सबसे तीखा हमला लालू प्रसाद ने किया। उन्होंने भीड़ से आगामी चुनावों के लिए तैयार रहने को। लोगों से कहा मोदी को केंद्र की सत्ता से बाहर करने के लिए वोट करें।
खाली पड़े पदों पर भी कुंडली मार कर बैठे हैं मोदी : राहुल
सोमवार को कांग्रेस नेता ने खाली पड़े पदों को नहीं भरने को लेकर निशाना साधा और कहा कि नरेंद्र मोदी की नीयत ही रोजगार देने की नहीं है। युवाओं के लिए नौकरियों के बंद दरवाजे खोलने का संकल्प इंडिया ब्लॉक का है। राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कहा, देश के युवाओं एक बात नोट कर लो! नरेंद्र मोदी की नीयत ही रोजगार देने की नहीं है। नए पद निकालना तो दूर वह केंद्र सरकार के खाली पड़े पदों पर भी कुंडली मार कर बैठे हैं। उन्होंने कहा कि अगर संसद में पेश किए गए केंद्र सरकार के आंकड़ों को ही मानें तो 78 विभागों में नौ लाख 64 हजार पद खाली हैं। कांग्रेस नेता ने कहा कि महत्वपूर्ण विभागों में ही देखें तो रेलवे में 2.93 लाख, गृह मंत्रालय में 1.43 लाख और रक्षा मंत्रालय में 2.64 लाख पद खाली हैं। उन्होंने सरकार पर सवालों की बौछार करते हुए कहा कि क्या केंद्र सरकार के पास इस बात का जवाब है कि 15 प्रमुख विभागों में 30 फीसदी से अधिक पद खाली क्यों हैं? ‘झूठी गारंटियों का झोलाÓ लेकर घूम रहे प्रधानमंत्री के अपने ही कार्यालय में बड़ी संख्या में अति महत्वपूर्ण पद खाली क्यों हैं?
पाला बदलने वालों को न करें स्वीकार : खरगे
वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने लालू प्रसाद के छोटे पुत्र एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव की सराहना करते हुए कहा, आपके चाचा (मुख्यमंत्री नीतीश कुमार) ने एक बार फिर पाला बदल लिया है। वह दोबारा ऐसा कर सकते हैं। लेकिन आगे से उन्हें स्वीकार मत करना ।
मोदी का परिवार नहीं तो हम क्या करें : लालू
अधिक उम्र और खराब स्वास्थ्य से जूझ रहे प्रसाद ने राजनीति में परिवारवाद की आलोचना करने के लिए प्रधानमंत्री पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा, अगर नरेन्द्र मोदी के पास अपना परिवार नहीं है तो हम क्या कर सकते हैं। वह राम मंदिर के बारे में डींगें मारते रहते हैं। वह सच्चे हिंदू भी नहीं हैं। हिंदू परंपरा में बेटे को अपने माता-पिता के निधन पर अपना सिर और दाढ़ी मुंडवानी चाहिए। जब उनकी मां की मृत्यु हुई तो मोदी ने ऐसा नहीं किया।
बिहार राजनीति का परिवर्तन स्थल, बदलेगी सियासत : येचुरी
माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम एचुरी ने अपने सम्बोधन में गांधी मैदान को बिहार की राजनीति का परिवर्तन स्थल बताया। भारतीय साम्यवादी पार्टी (भाकपा) डी. राजा और भाकपा माले के दीपांकर भट्टाचार्य जैसे वामपंथी नेताओं ने मोदी सरकार की नीतियों की निंदा करते हुए आरोप लगाया कि ए सरकार केवल बड़े व्यवसायों को लाभ पहुंचा रही है। राजा ने कहा कि मोदी ने काला धन लाने, गरीब के खाते में 15 लाख देने का वादा किया था और पूछा कि ऐसा कुछ हुआ? उन्होंने आरोप लगाया, मोदी झूठे हैं, जुमलेबाज हैं। मोदी गरीब, दलित, किसान के साथ नहीं है। मोदी अडानी और अंबानी के साथ हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र में भाजपा की सरकार नहीं है, बल्कि आरएसएस की सरकार है। भाकपा माले के दीपांकर भट्टचार्य ने कहा कि भाजपा को अपना चिन्ह बदल कर कमल की जगह बुल्डोजर कर देना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया, यह सरकार अंबानी-अडानी के सामने कालीन की तरह बिछ जाती है लेकिन जब किसान दिल्ली आना चाहते हैं तो सड़कों पर कीलें ठोक दी जाती हैं।
माननीयों को लगा ‘सुप्रीम’ झटका
- आदेश- रिश्वत मामले में सांसद व विधायकों को छूट नहीं
- वोट के बदले नोट केस में 1998 का सुप्रीम कोर्ट ने पलटा फैसला
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। वोट के बदले नोट मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला दिया है। सोमवार (4 मार्च, 2024) को टॉप कोर्ट ने साल 1998 का फैसला पलटते हुए कहा कि सांसद और विधायकों को छूट नहीं दी जा सकती है। यह विशेषाधिकार के तहत नहीं आता है, इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि घूस लेने वाले ने घूस देने वाले के मुताबिक वोट दिया या नहीं, विषेधाधिकार सदन के साझा कामकाज से जुड़े विषय के लिए है, वोट के लिए रिश्वत लेना विधायी काम का हिस्सा नहीं है।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने 1998 का नरसिंह राव फैसला पलट दिया। मामले में चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली 7 जजों की बेंच का यह साझा फैसला है जिसका सीधा असर झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) की सीता सोरेन पर पड़ेगा। उन्होंने विधायक रहते रिश्वत लेकर 2012 के राज्यसभा चुनाव में वोट डालने के मामले में राहत मांगी थी। सांसदों को अनुच्छेद 105(2) और विधायकों को 194(2) के तहत सदन के अंदर की गतिविधि के लिए मुकदमे से छूट हासिल है, हालांकि, कोर्ट ने साफ किया कि रिश्वत लेने के मामले में यह छूट नहीं मिल सकती है।
पैसे लेकर सवाल पूछने पर चलेगा मुकदमा
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के एडवोकेड ने बताया- आज सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की बेंच ने ऐतिहासिक फैसला दिया है। कोर्ट ने इस दौरान पुराने फैसले को भी ओवर-रूल कर दिया (पलटने के संदर्भ में), कोर्ट ने साफ किया कि कोई भी विधायक अगर रुपए लेकर सवाल पूछता है या रुपए लेकर किसी को कोट करता है (राज्यसभा चुनाव में) तब उसे कोई संरक्षण नहीं मिलेगा। न ही उसे कोई प्रोटोकॉल मिलेगा बल्कि उसके खिलाफ भ्रष्टाचार का मुकदमा चलेगा।
फिर ईडी के सामने नहीं पेश होंगे केजरीवाल
- वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पूछताछ कीं मांग की, ईडी ने किया खारिज
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। दिल्ली शराब नीति घोटाले में ईडी (ईडी) अब तक सीएम अरविंद केजरीवाल को आठ समन भेज चुकी है। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक अरविंद केजरीवाल आज यानी सोमवार (4 मार्च, 2024) को भी प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने नहीं पेश होंगे। हालांकि, वह ईडी के सवालों का जवाब देने के लिए तैयार हो गए हैं।
उन्होंने ईडी से इसके लिए डेट भी मांगी है और बताया कि वह जांच एजेंसी के सामने ऑनलाइन मोड में हाजिर होंगे।उन्होंने ईडी को जवाब भेजकर 12 मार्च के बाद का समय मांगा और कहा कि वे वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जवाब देंगे। वहीं ईडी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए दिल्ली के सीएम से पूछताछ को तैयार नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट से बड़ी हो गई ईडी : भारद्वाज
आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि हमारा स्टैंड वही है, समन गैर कानूनी है। ईडी या तो अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार करना चाहती है या उनको अपमानित करना चाहती है, सुप्रीम कोर्ट में भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनवाई होती है तो क्या ईडी सुप्रीम कोर्ट से भी बड़ी हो गई? बता दें कि अरविंद केजरीवाल ने ईडी के आठवें समन के जवाब में ये भी कहा कि हालांकि ये समन गैर कानूनी है, फिर भी वे जवाब देने को तैयार हैं।