किसान पीछे हटने को तैयार नहीं, केंद्र सरकार पर भड़के

  • छह मार्च से दिल्ली चलो आंदोलन
  • किसान नेताओं ने 10 मार्च को रेल रोको का किया आह्वान

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
चंडीगढ़। कें द्र की मोदी सरकार के खिलाफ किसान पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। पिछले 20 दिन से ज्यादा हो गए है आंदोलन करते हुए पर पर गूंगी-बहरी सरकार के कान पर जूं तक नहीं रेंग रही है। किसानों ने आरोप लगाया कि बस आश्वासन देकर सरकार मामले को टालना चाहती है। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल ने किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर देशभर के किसानों से विरोध प्रदर्शन के लिए छह मार्च को दिल्ली पहुंचने का आह्वान किया, जबकि उन्होंने मांगों के समर्थन में 10 मार्च को चार घंटे के देशव्यापी रेल रोको अभियान का भी आह्वान किया।
दोनों किसान नेताओं ने कहा कि मौजूदा प्रदर्शन स्थलों पर किसानों का आंदोलन तेज किया जाएगा और तब तक जारी रहेगा जब तक सरकार उनकी मांगें पूरी नहीं कर लेती। दोनों किसान नेता पंजाब-हरियाणा की सीमा पर स्थित खनौरी बॉर्डर पर 21 फरवरी को पुलिस के साथ झड़प के दौरान मारे गए किसान शुभकरण के बठिंडा जिले में स्थित उनके पैतृक गांव बलोह में संबोधित कर रहे थे। किसान मजदूर मोर्चा (केएमएम) सरकार पर अपनी मांगों को स्वीकार करने के लिए दबाव बनाने के लिए दिल्ली चलो मार्च का नेतृत्व कर रहा है। इसमें शामिल किसान केंद्र से फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी, कृषि ऋण माफी सहित विभिन्न मांग कर रहे हैं। दोनों किसान मंचों ने फैसला किया कि पंजाब और हरियाणा के किसान शंभू और खनौरी बॉर्डर पर चल रहे आंदोलन का समर्थन करना जारी रखेंगे। उन्होंने आह्वान किया कि अन्य राज्यों के किसान और खेतिहर मजदूर उनकी मांग के समर्थन में राष्ट्रीय राजधानी में विरोध प्रदर्शन के लिए छह मार्च को दिल्ली पहुंचें।

मोदी सरकार पंजाब व हरियाणा तक सीमित करना चाहती है आंदोलन

केंद्र ने पहले कभी भी किसान आंदोलन में ड्रोन का इस्तेमाल नहीं किया था जैसा कि हरियाणा पुलिस ने हाल ही में किया है। उन्होंने कहा कि हरियाणा के अधिकारियों ने शंभू और खनौरी सीमा पर अवरोधक लगा दिए हैं और पंजाब-हरियाणा सीमा को अंतरराष्ट्रीय सीमा जैसा बना दिया है। पंधेर ने कहा कि केंद्र ने उनके दिल्ली चलो मार्च को रोकने के लिए सभी हथकंडे अपनाए। उन्होंने कहा, केंद्र यह धारणा बनाने की कोशिश कर रहा है कि मौजूदा आंदोलन पंजाब तक ही सीमित है और इसका केवल दो मंच नेतृत्व कर रहे हैं। लेकिन हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि देश का आंदोलन है।

कंटेनर से टकराई कार, एक ही परिवार के 5 लोगों की मौत

गुजरात के वड़ोदरा शहर में भीषण हादसा

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
वड़ोदरा। गुजरात के वड़ोदरा शहर के पास राजमार्ग पर खड़े कंटेनर से एक कार टकरा गई, जिससे उसमें सवार दो दंपतियों और एक बच्चे की मौत हो गई। पुलिस ने सोमवार को यह जानकारी दी। कपूराई पुलिस थाने के एक अधिकारी ने बताया कि दुर्घटना रविवार देर रात हुई जब एक ही परिवार के दो पुरुष, अपनी पत्नियों और दो बच्चों के साथ कार में वड़ोदरा जिले के कर्जन तालुका से वापस आ रहे थे।
उन्होंने बताया कि कार सडक़ किनारे खड़े कंटेनर से टकरा गई। अधिकारी ने बताया कि दो दंपतियों और एक साल के बच्चे की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि 4 साल का दूसरा बच्चा घायल हो गया। उन्होंने बताया कि सूचना मिलते ही पुलिस और अग्निशमन बचाव दल मौके पर पहुंचे और पीड़ितों को क्षतिग्रस्त कार से बाहर निकाला।

अश्लील वीडियो मामले में फंसे बाराबंकी के बीजेपी सांसद

  • प्रत्याशी उपेंद्र रावत ने दर्ज कराया मुकदमा, निष्पक्ष जांच की मांग की

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। बाराबंकी से भाजपा के मौजूदा सांसद और लोकसभा चुनाव में प्रत्याशी उपेंद्र रावत का अश्लील वीडियो वायरल होने का मामला पार्टी के शीर्ष नेतृत्व तक पहुंच गया है। सूत्रों के मुताबिक वीडियो वायरल होते ही प्रदेश भाजपा के नेताओं में हलचल मच गई। पार्टी स्तर पर इस संबंध में पड़ताल शुरू कर दी गई है। रावत के राजनीतिक भविष्य का निर्णय अब केंद्रीय नेतृत्व के स्तर से ही होगा।
उधर, सांसद ने मामले में एफआईआर दर्ज करा दी है और निष्पक्ष जांच की मांग की है। उन्होंने कहा कि वीडियो फर्जी और एडिटेड है। सांसद के निजी सचिव दिनेश चंद्र रावत ने पुलिस को दी गई तहरीर में कहा कि सांसद की छवि धूमिल करने के लिए ऐसा किया गया है। वीडियो एडिट किया गया है। हालांकि रविवार को पूरा दिन इस वीडियो को लेकर काफी चर्चाएं होती रही।
सोशल मीडिया पर लोग इसे लेकर तमाम प्रकार की चर्चाएं कर रहे हैं। अमर उजाला इस वीडियो की पुष्टि नहीं करता है। शहर कोतवाल अजय कुमार त्रिपाठी ने बताया कि तहरीर मिली है। जांच की जा रही है।

हिमाचल में कांग्रेस डैमेज कंट्रोल में जुटी

एक को मंत्री बनाने, चार विधायकों को कैबिनेट रैंक देने की तैयारी

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
शिमला। हिमाचल प्रदेश में सियासी गहमागहमी के बीच व अपनों की नाराजगी दूर करने के लिए सुक्खू सरकार ने कदम उठाने शुरू कर दिये हैं। कांग्रेस सरकार एक विधायक को मंत्री बनाने और चार अन्य को कैबिनेट रैंक देने की तैयारी में है। सरकार लोस चुनाव के लिए आचार संहिता लगने से पहले यह फैसला ले सकती है। अभी प्रदेश मंत्रिमंडल में एक पद खाली चल रहा है।
इसके अलावा मुख्य सचेतक, उप मुख्य सचेतक व खाद्य आपूर्ति निगम और हिमफेड के अध्यक्ष की तैनाती होनी है। राज्यसभा चुनाव से लेकर अब तक चल रहे सियासी भूचाल के बीच अभी हाल ही में सुक्खू ने होलीलॉज के करीबी रामपुर के विधायक नंद लाल को सातवें वित्त आयोग का अध्यक्ष और फतेहपुर के विधायक भवानी सिंह पठानिया को राज्य योजना बोर्ड का उपाध्यक्ष बनाकर कैबिनेट रैंक दिया है। इसी तरह का दर्जा चार अन्य विधायकों को भी देने की तैयारी है। इससे पहले सरकार बनने के कुछ समय बाद ही नगरोटा बगवां के विधायक रघुबीर सिंह बाली को राज्य पर्यटन विकास बोर्ड का उपाध्यक्ष बनाकर कैबिनेट रैंक दिया गया था।

भाजपा की चाल नाकाम करेंगे सीएम सुक्खू

भाजपा की अगली चाल का जवाब देने के लिए सुक्खू अपनी सरकार के किले को इस तरह की सियासी रणनीति से मजबूत करने जा रहे हैं। राज्य सरकार ने ताजपोशियों के लिए विधायकों की एक सूची भी तैयार कर ली है। कुल्लू के विधायक एवं मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर को मंत्री बनाने के लिए उनका नाम सबसे आगे है। मुख्यमंत्री सुक्खू मंत्रिमंडल में रिक्त पड़े एक पद को भरने का कभी भी फैसला ले सकते हैं। सूत्रों के अनुसार शाहपुर के विधायक केवल सिंह पठानिया, मनाली के भुवनेश्वर गौड़, धर्मपुर के चंद्रशेखर, शिमला शहरी के हरीश जनारथा, कसौली के विनोद सुल्तानपुरी, कुटलैहड़ के सुदर्शन बबलू और ज्वालामुखी के विधायक संजय रत्न में से किन्हीं चार विधायकों को कैबिनेट रैंक दिया जा सकता है।

बारिश व ओलावृष्टि से यूपी में कोहराम, कई की गई जान

  • फसलों को भारी नुकसान, किसान परेशान

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के ज्यादातर जिलों में पिछले तीन दिनों से हो रहे बेमौसम बरसात ने जीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। सोमवार की सुबह भी यूपी में रुक-रुक कर बारिश हो रही है। वहीं रविवार को तेज हवाओं के साथ झमाझम बरसात हुई। कई जिलों में भारी से हल्की ओलावृष्टि हुई। बिजली गिरने से आठ लोगों की मौत हुई है। मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में रविवार को 7.5 मिमी बरसात दर्ज की गई। साथ ही बताया कि सोमवार से धीरे-धीरे मौसम खुलने लगेगा।
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के मुताबिक, सुल्तानपुर-मिर्जापुर-हरदोई में 14.8, बहराइच 14.1, कानपुर नगर 13.9, बाराबंकी व गोंडा में 11 मिमी से अधिक बरसात हुई है। अमेठी में सबसे ज्यादा 16.9 मिमी पानी बरसा है। बेमौसम बारिश व तेज हवाओं के चलते ठंड एक बार फिर बढ़ गई है। अधिकतम तापमान सामान्य से 9.9 डिग्री तक नीचे चला गया है। मुरादाबाद व बहराइच में अधिकतम पारा 20 डिग्री से नीचे पहुंच गया। मौसम विभाग ने बताया कि हवा की रफ्तार 50 किमी प्रति घंटे रही। इसके साथ हुई ओलावृष्टि से खेतों में खड़ी फसलें गिर गईं। चार मार्च को पश्चिमी यूपी में मौसम शुष्क रहेगा, जबकि पूर्वी यूपी में कुछ स्थानों बरसात हो सकती है।

24 घंटे में करें मुआवजे का भुगतान : योगी

योगी आदित्यनाथ ने सभी डीएम को ओलावृष्टि व अतिवृष्टि से क्षतिग्रस्त फसलों के नुकसान का आकलन कर 24 घंटे में मुआवजा भुगतान का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि इसमें लापरवाही पर कार्रवाई होगी। सभी डीएम, एसडीएम व तहसीलदार मौके पर जाकर फसलों के नुकसान का तत्काल सर्वे करें।

किसानों की उपेक्षा कर रही सरकार : अखिलेश

अखिलेश ने कहा कि भाजपा सरकार में किसान और खेती दोनों उपेक्षित हैं। भाजपा ने 2022 के विधानसभा चुनाव में अपने संकल्प पत्र में किसानों से संबंधित जो वायदे किए थे, उसमें एक भी वादा पूरा नहीं किया है। हद तो यह है कि भाजपा सरकार ने पूर्व में भी प्राकृतिक आपदा के पीड़ित किसानों को मुआवजा नहीं दिया। बरसात से और कहीं-कहीं ओलावृष्टि से गेहूं, चना, सरसों की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। टमाटर, आलू, शिमला मिर्च, गोभी और बैंगन की फसल भी प्रभावित हुई है। आम में बौर आने शुरू हो गए थे, लेकिन बारिश में ये न केवल गिर गए, बल्कि उसमें खर्रा रोग और भुनगे भी लगने लगे हैं।

लखनऊ का हाल बेहाल

बारिश व ओलावृष्टि से बाराबंकी में 22 हजार हेक्टेयर में बोई गई आलू की करीब 20 प्रतिशत फसल खराब हो गई। ओलावृष्टि से गेहूं व मसूर की खेती चौपट हुई है। लखनऊ समेत आसपास के जिलों में ओलावृष्टि से आम के बौर झड़े हैं।

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