4पीएम की खबर का बड़ा असर चीफ सेक्रेटरी और पुलिस कमिश्नर ने दिये निर्देश कि कोई न सोये खुले में

  • रैन बसेरे की खराब हालत की खबर छपने के बाद मचा हडक़ंप, अधिकारियों को रात में खुद निरीक्षण करने के आदेश
  • पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने पुलिसकर्मियों से अपने स्तर पर ऐसे लोगों की सहायता को कहा
  • पुलिस कमिश्नर के आदेश के बाद लखनऊ पुलिस जुटी ठंड में रह रहे गरीबों की मदद में


उल्लेखनीय है कल 4पीएम ने विस्तार से सूबे की राजधानी लखनऊ में रैन बसेरों की खराब हालत की खबर छापी थी और दिखाया था कि किस तरह लोग कड़ाके की ठंड में सडक़ों पर सोने को मजबूर हैं। हकीकत यह थी कि कागजों पर तो रैन बसेरे चल रहे थे पर हकीकत में कहीं नहीं थे। 4पीएम की टीम ने पूरी रात ऐसे लोगों का दर्द बांटा था और कल इसकी हकीकत छापी। 4पीएम में इस हकीकत के छपने के बाद हडक़ंप मच गया। सीएम कार्यालय ने इस पर नाराजगी जतायी। चीफ सेक्रेटरी आरके तिवारी ने सभी जिलों के अफसरों को निर्देश दिये कि कोई भी खुले में न सोये। उन्होंने कहा कि अधिकारी लगातार निरीक्षण करें कि रैन बसेरों में पर्याप्त साधन हैं या नहीं। वहीं लखनऊ के पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर ने भी सभी पुलिसकर्मियों को निर्देशित किया कि वे ऐसे लोगों की मदद करें।

खुले में सोने वालों को रैन बसेरे में करें शिफ्ट: पुलिस कमिश्नर

लखनऊ। पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर ने 4पीएम की खबर का संज्ञान लेते हुए आदेश जारी किए हैं। उन्होंने लोगों की मदद के लिए जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए। निर्देशों में कहा गया है कि समस्त पुलिस उपायुक्त अपने-अपने जोन में स्थापित रैन बसेरों का निरीक्षण करें और वहां पर पर्याप्त सुरक्षा-व्यवस्था सुनिश्चित करायें। पुलिस नगर निगम कर्मी एवं होमगार्ड्स की पांच क्यूआरटी बनायी जाये ताकि सभी जोन में एक-एक क्यूआरटी की उपलब्धता रहे। यदि कोई व्यक्ति फुटपाथ या खुले स्थान पर सोता हुआ पाया जाय तो उसका नाम-पता पूछकर निकटतम रैन बसेरा में शिफ्ट किया जाय और उसके खाने-पीने रहने की व्यवस्था की जाय। इसके लिए थाने की मोबाइल/पीआरबी का प्रयोग किया जाय। इस काम की वीडियोरिकॉर्डिंग/ फोटोग्राफी करायी जाए और उसे सुरक्षित रखा जाय। कोई भी व्यक्ति किसी भी दशा में फुटपाथ और खुले स्थान पर सोता हुआ न पाया जाय।

योगी सरकार गरीबों और किसानों के हितों की रक्षा करने वाली सरकार है। मुख्यमंत्री जी ने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया है कि जाड़े की रातों में कोई भी व्यक्ति खुले में नहीं सोए। सभी साधनों के साथ रैन बसेरे बनाये गये हैं।

अशोक कटारिया, परिवहन मंत्री

सभी जिले के अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे रात में खुद निरीक्षण करें कि कोई व्यक्ति खुले में न सोये और रैन बसेरे में पर्याप्त साधन हों। किसी भी व्यक्ति को खुले में सोने की जरूरत नहीं पड़ेगी।

आरके तिवारी, मुख्य सचिव, उप्र

सभी पुलिसकर्मियों को निर्देशित किया गया है कि वे निरीक्षण करें कि उनके इलाके में कोई व्यक्ति सडक़ पर न सो रहा हो। सभी अफसरों से कहा गया है कि वे अपने इलाके में रात में ऐसे लोगों को देखकर उनको जरूरी साधन उपलब्ध करायें।

डीके ठाकुर, पुलिस कमिश्नर, लखनऊ

किसान और सरकार अपने-अपने रुख पर अडिग, आंदोलन जारी

  • कानून वापसी पर अड़े किसान, सरकार सिर्फ करना चाहती है संशोधन
  • आज भी बंद रहे दिल्ली के कई बॉर्डर, अब तक हो चुकी है कई किसानों की मौत

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली। कृषि सुधार कानूनों को वापस लेने की मांग पर अड़े किसान दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर डटे हैं। उनका आंदोलन 24वें दिन भी जारी रहा। कड़ाके की ठंड भी उनके इरादों को डिगा नहीं सकी है। वहीं सरकार वार्ता के जरिए कानूनों में केवल संशोधन की बात कर रही है।

किसानों का कहना है कि चाहे कितनी ही ठंड क्यों न पड़े हम यहां से तब तक वापस नहीं जाएंगे जब तक सरकार तीनों कानून वापस नहीं लेती। भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार को बात करनी चाहिए, हम सरकार से बात करने के लिए कहां मना कर रहे हैं। फूड सप्लाई चेन को किसानों ने बंद नहीं किया है और न हमारी बंद करने की योजना है। आंदोलन के चलते आज भी सिंघु, औचंदी, पियाऊ मनियारी और मंगेश बॉर्डर पूरी तरह से बंद रहेे। टिकरी और धांसा बॉर्डर भी पूरी तरह से बंद हैं। आंदोलन में अलग-अलग वजहों से 29 किसानों की मौत हो चुकी है।

भाजपा ने कृषि-कानून बनाने से पहले किसानों के कानों को खबर तक न होने दी। अब ‘किसान सम्मेलन’ करके इसके लाभ समझाने का ढोंग कर रहे हैं। सच तो ये है कि किसानों का सच्चा लाभ स्वामीनाथन रिपोर्ट लागू होने से होगा, तभी आय दोगुनी हो सकती है। ये कृषि-कानून नहीं भाजपा का शिकंजा है।

अखिलेश यादव, सपा प्रमुख

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