कांग्रेस व विपक्ष का बीजेपी पर प्रहार
अध्यक्ष खरगे बोले- चुनावों को देखकर मोदी उठा रहे मुद्दे
- पीएम ने उठाया क’चातिवु द्वीप का मामला
- विपक्ष का हमला, दस साल से कहां थी सरकार
- हताश हो गए हैं प्रधानमंत्री मोदी : खरगे
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नयी दिल्ली। चुनावों सरगर्मी की तेजी के बीच मोदी सरकार, बीजेपी व कांग्रेस-विपक्ष में एक दूसरे पर वार-पलटवार तीखे दौर में पहुंच गया है। अब चुनावों में द्वीप व देश की सीमाएं भी मुद्दा बनने लगी हैं। जहां तमिलनाडु के क’चातिवु द्वीप को लेकर बीजपी व पीएम मोदी ने कांग्रेस की पुरानी सरकारों पर हमला बोला वहीं कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे बीजेपी व प्रधानमंत्री पर चुनावों के दौरान जानबूझकर ऐसे संवेदशनशील व बेबुनियाद मामले उठाने का आरोप लगाया है। उधर चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश के &0 स्थानों पर कब्जे के दावे पर भी सियासत गरमा गई है। विपक्ष ने मोदी सरकार हमला करते हुए बोला है कि भाजपा सरकार के समय देश की सीमाओं पर विदेशी कब्जे बढ़ रहे हैं पर प्रधानमंत्री सिर्फ दौरे में व्यस्त हैं। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा चुनाव में तमिलनाडु को ध्यान में रखकर क’चातिवु द्वीप का मुद्दा उठाया, जबकि उनकी सरकार की विदेश नीति की विफलता के कारण नेपाल, भूटान और मालदीव जैसे मित्रवत पड़ोसियों के कारण रिश्ते बिगड़ गए। ददअसल प्रधानमंत्री मोदी ने मीडिया में आयी एक खबर के हवाले से कहा कि नए तथ्यों से पता चलता है कि कांग्रेस ने क’चातिवु द्वीप ”संवेदनहीन” ढंग से श्रीलंका को दे दिया था।
खरगे ने ‘एक्स’ पर पोस्ट किया, ”प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी, आप अपने कुशासन के 10वें वर्ष में क्षेत्रीय अखंडता और राष्टï्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर अचानक जाग गए हैं। शायद, चुनाव ही इसका कारण है। आपकी हताशा स्पष्ट है। उनके अनुसार, वर्ष 2015 में प्रधानमंत्री मोदी ने बयान दिया था कि भारत और बांग्लादेश के बीच भूमि सीमा समझौता दिलों का मिलन है तथा यह बयान 1974 में इंदिरा गांधी की पहल की सराहना करता है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि आपकी सरकार के तहत, मैत्रीपूर्ण भाव से भारत से 111 एन्क्लेव बांग्लादेश को स्थानांतरित कर दिए गए, और 55 एन्क्लेव भारत में आ गए। 1974 में मैत्रीपूर्ण भाव पर आधारित एक समान समझौता एक अन्य देश श्रीलंका के साथ क’चातिवु पर शुरू किया गया था। चुनाव से ऐन पहले आप इस संवेदनशील मुद्दे को उठा रहे हैं, लेकिन आपकी ही सरकार के अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने 2014 में उ’चतम न्यायालय को बताया था कि क’चातिवु 1974 में एक समझौते के तहत श्रीलंका गया थाज् आज इसे वापस कैसे लिया जा सकता है? यदि आप क’चातिवू को वापस चाहते हैं, तो आपको इसे वापस पाने के लिए युद्ध में जाना होगा।
कच्चातिवु द्वीप को सिरदर्द मानते थे पंडित नेहरू : एस. जयशंकर तीव
कच्चातिवु मुद्दे पर विदेश मंत्री और भाजपा नेता डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि हम जानते हैं कि यह किसने किया, यह नहीं पता कि इसे किसने छुपाया… हमारा मानना है कि जनता को यह जानने का अधिकार है कि यह स्थिति कैसे उत्पन्न हुई., क’चातिवु मुद्दे पर जयशंकर ने कहा कि तत्कालीन प्रधानमंत्रियों ने भारतीय क्षेत्र के प्रति उदासीनता दिखायी, उन्हें कोई परवाह ही नहीं थी। द्रमुक ने कच्चातिवु को श्रीलंका को सौंपने पर सवाल उठाए, उसने दावा किया कि तमिलाडु सरकार से विचार-विमर्श नहीं किया गया, जबकि स’चाई यह है कि उसे इसकी पूरी जानकारी दी गयी थी। उन्होंने कहा कि पंडित नेहरू ने इस मुद्दे को एक सिरदर्द के रूप में देखा।
चीन ने फिर अरुणाचल प्रदेश पर ठोका अपना दावा
चीन की ग्लोबल टाइम्स ने एक रिपोर्ट में बताया कि चीन के नागरिक मामलों के मंत्रालय ने अरुणाचल प्रदेश की &0 जगहों के नाम बदलने को लेकर चौथी लिस्ट जारी की है। मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक अरुणाचल प्रदेश के अंदर की &0 जगहों के नाम बदले गए हैं। रिपोर्ट में बताया कि ये आदेश 1 मई से लागू करने के लिए अनु’छेद 1& में प्रावधान किया गया है। हालांकि, भारत ने चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश में स्थानों का नाम बदलने की बात को खारिज किया है। भारत ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश देश का अभिन्न हिस्सा है और उसका नाम बदल देने से इस वास्तविकता में कोई बदलाव नहीं आएगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि ये आदेश 1 मई से लागू करने के लिए अनु’छेद 1& में प्रावधान किया गया है। चीन के क्षेत्रीय दावों और संप्रभुता के अधिकारों को नुकसान पहुंचाने वाले हैं।
केजरीवाल को झटका, न्यायिक हिरासत 15 अप्रैल तक बढ़ी
- विशेष न्यायाधीश ने दिया आदेश
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। शराब नीति मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेजा दिया है। आम आदमी पार्टी (आप) के प्रमुख केजरीवाल को खचाखच भरे अदालत कक्ष में विशेष न्यायाधीश कावेरी बावेजा के समक्ष पेश किया गया। ईडी ने अदालत से केजरीवाल को 15 दिन के लिए न्यायिक हिरासत में भेजने की मांग करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने पूछताछ के दौरान ‘बिल्कुल सहयोग नहीं किया। प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट में कहा कि है केजरीवाल का आचरण असहयोगात्मक रहा है और वह गोलमोल जवाब दे रहे हैं, जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं, भविष्य में हमें हिरासत की आवश्यकता पड़ सकती है. केजरीवाल ने डिजिटल डिवाइस के पासवर्ड नहीं दिए हैं। इसके बाद न्यायाधीश ने उन्हें 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया। संघीय जांच एजेंसी ने मामले में 21 मार्च को केजरीवाल को गिरफ्तार किया था। अगले दिन, विशेष न्यायाधीश बवेजा ने उन्हें 28 मार्च तक ईडी की हिरासत में भेज दिया था. इसके बाद, अदालत ने ईडी की उस याचिका को स्वीकार कर लिया था, जिसमें उनकी रिमांड को चार दिन बढ़ाकर एक अप्रैल तक करने का अनुरोध किया गया था।
सीएम ने जेल के अंदर किताबों की मांग की
केजरीवाल के वकील ने जेल में कुछ जरूरी दवाएं और तीन किताब उपलब्ध कराने की मांग की है। तीन किताबें जिनकी मांग की है उनके नाम इसके प्रकार हैं रामायण, महाभारत और हाऊ प्राइम मिनिस्टर डिसाइड(पत्रकार नीरजा चौधरी द्वारा लिखित) अरविंद केजरीवाल ने बीमारी के मद्देनजर जेल के अंदर स्पेशल डाइट की मांग भी की है। वहीं कोर्ट ने जेल भेजने से पहले अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनीता केजरीवाल, मंत्री आतिशी और सौरभ भारद्वाज को केजरीवाल से मिलने की इजाज़त दी।
इनकम टैक्स मामले में कांग्रेस को सुप्रीम राहत
- 24 जुलाई तक नहीं होगी कार्रवाई, कोर्ट में आईटी विभाग का आश्वासन
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। इनकम टैक्स रिकवरी के खिलाफ कांग्रेस को बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट में सोमवार (1 अप्रैल) को कांग्रेस की उस याचिका पर सुनवाई हुई, जो उसने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के नोटिस के खिलाफ दायर की थी। सुनवाई के दौरान डिपार्टमेंट ने आश्वासन दिया कि फिलहाल इस मामले पर कोई एक्शन नहीं लिया जाएगा। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों की बात सुनते हुए इस मामले पर सुनवाई 24 जुलाई तक टाल दी। सुनवाई के दौरान इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए. उन्होंने कहा कि हम नहीं चाहते कि किसी पार्टी को चुनाव लडऩे में समस्या हो।
इनकम टैक्स का रवैया बहुत उदार : सिंघवी
इस पर कांग्रेस की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि मैं नि:शब्द हो जाता हूं और ऐसा बहुत कम बार होता है। मुझे कहना पड़ेेगा कि इनका रवैया बहुत उदार है। वहीं, जस्टिस नागरत्ना ने कहा कि हम इस मामले पर 24 जुलाई को सुनवाई करेंगे। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के बयान के मद्देनजर सुनवाई को टाला जा रहा है। अदालत ने कहा कि इस याचिका के विरोध में अपनी दलीलें रखने के लिए बाद में उन्हें पूरा अवसर मिलेगा।