राहुल की लोकप्रियता के आगे मोदी मैजिक हुआ फेल, बिगड़ गया भाजपा का पूरा समीकरण!

4PM न्यूज़ नेटवर्क: लोकसभा चुनाव के अब तक 6 चरणों के चुनाव हो चुके हैं अब सातवें चरण के मतदान के जमकर तैयारियां हो रही हैं ऐसे में इंडिया गठबंधन और NDA गठबंधन के नेता जमकर चुनावी प्रचार कर रहे हैं। नेताओं ने अपने वादों की बौछार लगा दी है जनता के बीच पहुंच कर वोटरों को साधने के लिए बड़े बड़े बयान भी दे रहे हैं। लोकसभा का चुनाव आखिरी चरण पर है जनता में भी भारी उत्साह देखने को मिल रहा है, सत्ताधारी भाजपा की अगर हम बात करें तो वो भी जमकर चुनावी प्रचार में जुटे हैं, इस बार के चुनाव में कुछ ऐसे भी प्रत्याशी हैं जिन्हे लेकर जमकर चर्चा हो रही है। ऐसे में जिन सीटों पर चुनाव हो चुके हैं उन सीटों के नेता भी बची हुई सीटों पर पहुंच कर वोटरों को साधने में जुटे हुए हैं।

अब ऐसे में एक सीट है जो कि काफी चर्चा का विषय बनी हुई है, दरअसल हम बात कर रहे हैं वाराणसी सीट की। यहां से खुद प्रधानमंत्री मोदी चुनावी मैदान में हैं और इन दिनों जमकर चुनावी प्रचार कर रहे हैं। पीएम जनता के बीच पहुँच कर बीते 10 सालों के कामों को गिना रहे हैं ऐसे में विपक्षी दलों के नेता भी वाराणसी को साधने में लगे हुए हैं, ज्यादा से ज्यादा वोट पाने के लिए सपा और कांग्रेस दोनों के नेता यहाँ पहुँच कर ससंयुक्त बैठक भी कर रहे हैं। भाजपा के अनुसार यह लोकसभा सीट भाजपा की सबसे सुरक्षित सीटों में से एक है। लेकिन इस सीट पर भी इंडिया गठबंधन अपनी मजबूती दिखाते हुए नजर आ रहा है। बता दें कि इस सीट पर गठबंधन ने प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को अपना उम्मीदवार बनाया है। जिसे लेकर खूब चुनावी प्रचार हो रहा है। ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस ने इस बार के चुनाव में बेहतर वापसी करने के लिए लगातार मेहनत कर रही है। ऐसे में कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी लगातार चुनावी प्रचार कर रहे हैं।

साउथ बेल्ट तो कांग्रेस का मजबूत है ही लेकिन हिंदी बेल्ट को मजबूत करने के लिए भी कांग्रेस पार्टी जुटी हुई है। ऐसे में कांग्रेस की बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए भाजपा की टेंशन बढ़ती जा रही है। ऐसा ही कुछ हुआ जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी पहुंचे पीएम मोदी के गढ़ वाराणसी में। इस दौरान वहां के लोगों ने राहुल के जयकारे लगाए जिससे भाजपा की टेंशन बढ़ गई है। इस दौरान लोगों ने अग्निवीर योजना और रोजगार को लेकर भाजपा सरकार की योजना पर जमकर सवाल खड़े किए। वहीं लोगों से जब ये पूछा गया कि क्या राहुल गांधी पीएम बन सकते हैं तो नौजवानों ने कहा कि बिल्कुल बन सकते हैं और अगर वह नहीं बने तो उनकी बहन प्रियंका गांधी को प्रधानमंत्री बनना चाहिए। आपको बता दें कि राहुल गांधी ने इस दौरान भाजपा पर निशाना साधा। इस बार के चुनाव को साधने के लिए सभी दलों ने कई सारी योजनाओं को भी लाने की बात कही है ऐसे में अब लोगों का ये मानना है कि इस बार के चुनाव में भाजपा के मुकाबले कांग्रेस का न्याय पत्र जनता के लिए ज्यादा कारगर साबित होगा। इतना ही नहीं गठबंधन के नेता अपनी इन योजनाओं के बारे में जनता के बीच पहुंच कर बता भी रहे हैं।

जब राहुल वाराणसी में भाषण दे रहे थे तो एक नजारा और देखने को मिला जो की चर्चा का विषय बना हुआ है। दरअसल कांग्रेस के नेता राहुल गांधी और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव, इंडिया अलायंस के प्रत्याशी अजय राय के पक्ष में प्रचार किया. इस दौरान एक खास चीज देखने को मिली. दरअसल जब राहुल गांधी संबोधन करने के लिए पहुंचे तब कुछ देर बाद अखिलेश यादव ने जेब से मोबाइल निकाला और रिकॉर्डिंग करने लगे. इस दौरान उनके बगल छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल मौजूद थे. वह उन्हें कुछ समझाने लगे. दावा किया जा रहा है कि अखिलेश, राहुल गांधी के संबोधन का वीडियो रिकॉर्ड कर रहे थे. अब इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है.

अब कांग्रेस की इस बढ़ती लोकप्रियता को देखते हुए भाजपा के खेमे में खलबली मची हुई है नेताओं के तरह-तरह के विवादित बयान भी सामने आ रहे हैं जनता को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है। वहीं न सिर्फ भाजपा के नेता बल्कि खुद पीएम मोदी भी गलत बयानबाजी करते नजर आ रहे हैं जिससे की विपक्ष उन्हें घेर रहा है। न सिर्फ विपक्ष बल्कि जनता भी भाजपा के इन बयानों को लेकर नाराजगी जाहिर कर रही है। ऐसे में पीएम द्वारा विपक्षियों के मुजरा करने वाली बात पर भी युवाओं ने कहा कि प्रधानमंत्री की भाषा शैली ठीक नहीं है ऐसा पीएम एजुकेशन पर विचार नहीं कर सकता। अग्निवीर योजना को लेकर भी युवाओं के अंदर गुस्सा देखने के लिए मिला। उन्होंने कहा कि इस योजना का कोई लाभ नहीं है। युवाओं ने कहा कि क्या मोदी जी देश को पाकिस्तान बनाना चाहते हैं? एक युवा ने कहा कि रोजगार के मामले में मोदी जी को हम 10 में से शून्य नंबर देना चाहते हैं। वहीं पेम मोदी की गलत बयानबाजी को लेकर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने भी जमकर घेरा है।

खैर जिस तरह का माहौल है इससे एक बात तो साफ़ है कि जनता अब बदलाव स चाहती है ऐसे में देखना ये होगा कि क्या सच में बदलाव हो सकेगा या सिर्फ बातें ही हो रही हैं। सातवें चरण से ज्यादा लोगों को इंतजार है 4 जून का। चुनावी परिणामों को लेकर देश का सियासी पारा हाई चल रहा है लोगों में अटकलों का बाजार गर्म है किसकी सरकार बनेगी ये तो खैर आने वाले चुनावी परिणामों के बाद ही पता चल पाएगा।

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