उपचुनाव में भाजपा के लिए बढ़ी मुश्किलें, नई मुसीबत बना यूपी का ये इलाका  

उपचुनाव को लेकर यूपी की राजनीति में सियासी घमासान मचा हुआ है। ऐसे में तमाम राजनीतिक पार्टियां एक-दूसरे पर तंज कसने में लगी हुईं हैं...

4PM न्यूज़ नेटवर्क: उपचुनाव को लेकर यूपी की राजनीति में सियासी घमासान मचा हुआ है। ऐसे में तमाम राजनीतिक पार्टियां एक-दूसरे पर तंज कसने में लगी हुईं हैं। वहीं लोकसभा चुनाव में जीत के बाद समाजवादी पार्टी काफी उत्साहित है। ऐसे में सपा पार्टी की नजरें अब 2027 के विधानसभा चुनाव पर हैं। इसे लेकर अन्य पार्टी नेताओं का मानना है कि इस बार की लड़ाई बहुत मजबूत होगी। जिसमें बीजेपी और सपा के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है।

बीजेपी और सपा के बीच होगी कड़ी टक्कर

वहीं इन तमाम मुद्दों के बीच पश्चिमी यूपी का एक इलाका दोनों दलों के लिए मुसीबत बनता हुआ दिखाई दे रहा है। दोनों दलों में यहां भयंकर गुटबाजी देखने को मिल रही है। दरअसल,  पश्चिमी यूपी में बीजेपी के पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान और पूर्व विधायक संगीत सोम के बीच की जंग किसी से छुपी नहीं है वहीं इस इलाके में समाजवादी पार्टी की हालत भी खराब है। पार्टी के दो बड़े नेता योगेश वर्मा और अतुल प्रधान के बीच की कलह खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं।

बताया जा रहा है कि मंगलवार को सपा मुखिया अखिलेश यादव ने लखनऊ स्थित पार्टी कार्यालय में मेरठ लोकसभा सीट पर हार का मंथन करने के लिए बैठक बुलाई थी। जिसमें सपा के बड़े दलित नेता योगेश वर्मा और अतुल प्रधान के बीच जबरदस्त बहस हो गई। दोनों के बीच इस तरह की तल्खी देखने को मिली कि अखिलेश यादव के सामने उनमें तकरार शुरू हो गई। दरअसल, मेरठ सीट से योगेश वर्मा की पत्नी सुनीता वर्मा उम्मीदवार थी। योगेश वर्मा ने सपा की हार के लिए अतुल प्रधान को जिम्मेदार बताया है। आपको बता दें कि इस दौरान दोनों पक्षों के बीच बहस बढ़ गई, जिसमें योगेश वर्मा के समर्थकों ने तो यहां तक कह दिया कि भैया आस्तीन के सांपों को पहचान लो नहीं तो हम मेरठ में चुनाव नहीं हारते। दोनों पक्षों ने एक दूसरे पर हार का ठीकरा फोड़ा है।

सपा-भाजपा में गुटबाजी

दरअसल, योगेश वर्मा और अतुल प्रधान के बीच इन दिनों वर्चस्व की लड़ाई चल रही है। पार्टी के कई नेता मानते हैं कि भले ही सपा मेरठ में हार गई है। लेकिन 2027 में इस बार यूपी में सपा की ही सरकार बनेगी। सूत्रों के मुताबिक पश्चिमी यूपी में सपा के कई नेता अपना वर्चस्व स्थापित करने में जुटे हुए हैं। उनकी नजर विधानसभा चुनाव पर है। योगेश वर्मा दलित समुदाय से आते हैं और उनकी गिनती मेरठ के दबंग नेताओं में होती है जबकि अतुल प्रधान गुर्जर समाज से हैं उनका भी इस समाज पर अच्छा ख़ासा प्रभाव है।

ऐसे में सूत्रों का दावा है कि पश्चिमी यूपी में सिर्फ सपा में ही गुटबाजी नहीं है। वहीं भारतीय जनता पार्टी की भी मुश्किलें भी बढ़ी हुईं हैं। यहां पूर्व केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान और बीजेपी के पूर्व विधायक संगीत सोम के बीच तलवारें खिंची है। दोनों के बीत इस हद तक तल्खी बढ़ गई थी कि शीर्ष नेतृत्व को दखल देना पड़ा लेकिन मामला शांत नहीं हो पाया है। संजीव बालियान ने हार के लिए संगीत सोम को जिम्मेदार बताया है। बताया जा रहा है कि बीते दिनों संजीव बालियान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात भी की थी। जिसकी वजह राजनीति गरमाई हुई है।

महत्वपूर्ण बिंदु

  • पश्चिमी उत्तर प्रदेश का इलाका बीजेपी और सपा के लिए मुसीबत बनता जा रहा है।
  • दोनों दलों के अंदर इस इलाके में जमकर गुटबाजी देखने को मिल रही है।

 

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