जनता को सत्ता नहीं सौंपना चाहता प्रशासन
विधानसभा चुनावों में देरी पर बीजेपी पर बरसे उमर
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
जम्मू कश्मीर। नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर प्रशासन पर केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनावों के संचालन में गड़बड़ी का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि प्रदेश प्रशासन जनता को सत्ता सौंपना नहीं चाहता है। मौजूदा सरकार बेताज बादशाहों की तरह शासन करना जारी रखना चाहती है। उमर ने अनंतनाग-राजोरी संसदीय क्षेत्र के लिए पार्टी के चुनाव अभियान की शुरुआत के दौरान ये बातें कहीं। अब्दुल्ला ने कहा, हम लोकसभा चुनावों के साथ-साथ चुनाव भी चाहते थे। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। जम्मू-कश्मीर की मौजूदा सरकार ने इसमें झोल किया, क्योंकि वे लोगों को दोबारा सत्ता नहीं सौंपना चाहते।
वे बेताज बादशाहों की तरह शासन कर रहे हैं। इससे पहले यहां दक्षिण कश्मीर जिले के दमहाल हांजीपोरा में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए नेकां नेता ने कहा कि नौकरशाहों ने सुरक्षा स्थिति का हवाला देते हुए विधानसभा चुनाव कराने में बाधाएं डालीं। उमर ने कहा कि पहले भाजपा सरकार कहती है कि हालात सामान्य है, लेकिन विधानसभा चुनाव कराए जाने पर असुरक्षा का माहौल बन जाता है। अगर बंदूकों का खतरा नहीं है, तो आपको (सरकार) ज्यादा सुरक्षा तैनाती की जरूरत नहीं है और अगर जरूरत नहीं है, तो आपको चुनाव कराने चाहिए थे। वास्तविकता यह है कि वे खराब हो रहे हैं। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि चुनाव आयोग को इस साल सुप्रीम कोर्ट की 30 सितंबर की समय सीमा से पहले विधानसभा चुनाव कराने होंगे, जो शीर्ष अदालत ने अनुच्छेद 370 को रद्द करने को चुनौती देने वाली याचिकाओं की सुनवाई के बाद अपना आदेश पारित करते समय दिया था। मुख्य चुनाव आयुक्त ने भी कहा है कि समय सीमा से पहले चुनाव होंगे।
सीएए मुसलमानों ही नहीं अन्य के लिए भी नुकसानदायक
सीएए पर एक सवाल के जवाब में, नेकां नेता ने कहा कि सीएए सिर्फ मुसलमानों के खिलाफ नहीं है, बल्कि कई अन्य अल्पसंख्यक भी हैं जिन्हें इसके दायरे से बाहर रखा गया है। उन्होंने कहा, यह भाजपा की पुरानी आदत है और वे अपना तरीका नहीं सुधारेंगे।