कांग्रेस के बाद आम आदमी पार्टी ने भी किया एक देश एक चुनाव का विरोध, समिति को लिखी चि_ी

नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी ने एक राष्ट्र, एक चुनाव पर अपने विचार उच्च स्तरीय समिति को विचार के लिए भेजे। आप के राष्ट्रीय सचिव पंकज गुप्ता ने उच्च स्तरीय समिति, एक राष्ट्र, एक चुनाव के सचिव नितेन चंद्रा को पत्र लिखा। आप का कहना है कि आम आदमी पार्टी ‘एक देश एक चुनाव’ के विचार का पुरजोर विरोध करती है।
उन्होंने पत्र में लिखा, एक राष्ट्र एक चुनाव’ संसदीय लोकतंत्र के विचार, संविधान की मूल संरचना और देश की संघीय राजनीति को नुकसान पहुंचाएगा। ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ त्रिशंकु विधायिका से निपटने में असमर्थ है, और सक्रिय रूप से दल-बदल विरोधी और विधायकों/सांसदों की खुली खरीद-फरोख्त की बुराई को प्रोत्साहित करेगा। एक साथ चुनाव कराने से जो लागत बचाने की कोशिश की जा रही है वह भारत सरकार के वार्षिक बजट का मात्र 0.1त्न है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शुक्रवार को ‘एक राष्ट्र-एक चुनाव’ को लेकर बनी उच्च स्तरीय समिति को पत्र लिखा। पत्र में उन्होंने कहा है कि संसदीय शासन व्यवस्था अपनाने वाले देश में एक साथ चुनाव कराने के विचार के लिए कोई जगह नहीं है और उनकी पार्टी इसका पुरजोर विरोध करती है।
यह पत्र उन्होंने उच्च स्तरीय समिति के सचिव नीतेन चंद्र को भेजा है। इसमें राय देते हुए हुए खरगे ने कहा कि एक साथ चुनाव कराने का विचार संविधान की मूल संरचना के खिलाफ है। अगर एक साथ चुनाव की व्यवस्था लागू करनी है तो संविधान की मूल संरचना में पर्याप्त बदलाव की जरूरत होगी। उन्होंने आगे कहा, जिस देश में संसदीय शासन प्रणाली अपनाई गई हो, वहां एक साथ चुनाव के विचार के लिए कोई जगह नहीं है। एक साथ चुनाव कराने के सरकार के ऐसे प्रारूप संविधान में निहित संघवाद की गारंटी के खिलाफ हैं।

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