सबसे बड़े राम भक्तों को नहीं दिया गया निमंत्रण: दिग्विजय

  • लगाया आरोप- रामनामी संप्रदाय को भूल गए पीएम

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
भोपाल। प्रभु श्रीराम के दर्शन के लिए भक्तों को बेसब्री से इंतजार हैं, लेकिन इस बीच राजनीतिक दलों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए भगवान राम के सबसे बड़े भक्त का जिक्र किया है। साथ ही प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में उन्हें निमंत्रण न देने को लेकर सवाल किया है। दिग्विजय सिंह ने कहा, छत्तीसगढ़ में रामनामी संप्रदाय के लोग अपने पूरे शरीर पर राम गुदवा लेते हैं। इनसे बड़ा राम भक्त कौन हो सकता है।
क्या इन्हें पीएम नरेंद्र मोदी और विश्व हिंदू परिषद ने आमंत्रित किया था। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने अपने अधिकारिक सोशल मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर ट्वीट कर कहा कि परसूराम जी को अनुसूचित जाति के होने के कारण 1890 में उन्हें मंदिर में प्रवेश नहीं दिया गया। दुखी होकर उन्होनें अपने कपाल और पूरे शरीर पर राम गुदवा लिया। वहीं से रामनामी संप्रदाय स्थापित हुआ। आज भी छत्तीसगढ़ में रामनामी संप्रदाय के लोग अपने पूरे शरीर पर राम गुदवा लेते हैं। इनसे बड़ा राम भक्त कौन हो सकता है, क्या इन्हें पीएम नरेंद्र मोदी और विश्व हिंदू परिषद ने आमंत्रित किया था।

राम के दर्शन के लिए निमंत्रण की आवश्यकता नहीं

वहीं 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर प्रतिष्ठा समारोह में शामिल होने के लिए कांग्रेस पार्टी के निमंत्रण को अस्वीकार करने के बाद दिग्विजय सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा था कि हमें भगवान राम में आस्था है और हमें भगवान राम के दर्शन की कोई जल्दी नहीं है। एक बार आयोध्या राम मंदिर का निर्माण पूरा हो जाए तो हम वहां जाएंगे। हमें भगवान राम के दर्शन के लिए निमंत्रण की आवश्यकता नहीं है और हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार निर्माणाधीन मंदिर में प्रतिष्ठा समारोह नहीं हो सकता है।

दिग्विजय सिंह को सनातन पर बोलने का अधिकार नहीं : सलूजा

दिग्विजय सिंह के सवालों पर भाजपा प्रवक्ला नरेंद्र सलूजा ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह को राममंदिर के बारे में बोलने का हक नहीं है। उनका राम और सनातन धर्म विरोधी चेहरा कई बार देखा है। ओसामा जी, जाकिर नाइक शांति दूत, हाफिज साहब यही उनके आदर्श हैं। वे सदैव हिंदू धर्म को कोसने का काम करते हैं। कमलनाथ और दिग्विजय सिंह ने गोडसे को पूजने वाले को कांग्रेस में शामिल कराया था। वे लोग आज सवाल उठा रहे हैं। इसका विरोध खुद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अरुण यादव ने किया था। कांग्रेस को सनातन पर लिखने का अधिकार ही नहीं है।

मप्र के सीएम की बीजेपी पर सवालों की बौछार

अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर भाजपा और कांग्रेस के बीच सियासी बयानबाजी तेज होती जा रही है। पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया पर विश्व हिंदू परिषद और आरएसएस को टैग कर लिखा कि आज जनमानस में कुछ प्रश्न उपस्थित हो गए हैं। पहला भगवान राम बड़े या मोदी जी? दूसरा हिंदू धर्मशास्त्र में हिंदुओं को कौन मार्ग दिखाए, शंकराचार्य जी या चंपत राय जी? तीसरा सनातन धर्म की मान्यताओं का पालन किसने किया? महात्मा गांधी ने या नाथूराम गोडसे ने? चौथा क्या निर्माणाधीन मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की जा सकती है? पांचवां राम भगवान का जन्म राम नवमी पर हुआ था क्या प्राण प्रतिष्ठा उसी दिन नहीं हो सकती थी?

धर्म के राजनीतिकरण से हो रही जनहित की अनदेखी: मायावती

  • यूपी व उत्तराखंड इकाई की हुई समीक्षा बैठक

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। बसपा प्रमुख व पूर्व सीएम मायावती ने कहा है कि वर्तमान में धर्म का चुनावी स्वार्थ के लिए राजनीतिकरण उचित नही है। इससे देश का जनहित प्रभावित हो रहा है।
बसपा प्रमुख आज पार्टी मुख्यालय में यूपी व उत्तराखंड के पदाधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक कर रही थीं। उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि सभी लोग पूरी ताकत से आगामी लोक सभा चुनाव की तैयारी में जुट जाएं। उन्होंने कहा कैडर के लोग सर्व समाज के बीच जाकर बाब साहब भीम राव अंबेडकर की बातों को बताकर अपना समर्थन करने को कहें। उन्होंनें एकबार फिर दोहराया कि वह किसी से गठबंधन नहीं करेंगी। उन्होंने आगे कहा कि गठबंधन से पार्टी को कोई लाभ नहीं मिलता और कार्यकर्ताओं का मनोबल भी टूटता है। उन्होंने अपने जन्मदिन को जनकल्याणकारी दिवस के रूप में मनाने पर सभी लोगों का आभार व्यक्तकिया।

एक राष्ट्र एक चुनाव संघीय राजनीति को नुकसान पहुंचाएगा : पंकज गुप्ता

  • कांग्रेस के बाद आप ने भी किया विरोध, समिति को लिखी चिट्ठी 

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। आम आदमी पार्टी ने एक राष्ट्र, एक चुनाव पर अपने विचार उच्च स्तरीय समिति को विचार के लिए भेजे। आप के राष्ट्रीय सचिव पंकज गुप्ता ने उच्च स्तरीय समिति, एक राष्ट्र, एक चुनाव के सचिव नितेन चंद्रा को पत्र लिखा। आप का कहना है कि आम आदमी पार्टी एक देश एक चुनाव के विचार का पुरजोर विरोध करती है।
उन्होंने पत्र में लिखा, एक राष्ट्र एक चुनाव संसदीय लोकतंत्र के विचार, संविधान की मूल संरचना और देश की संघीय राजनीति को नुकसान पहुंचाएगा। एक राष्ट एक चुनाव त्रिशंकु विधायिका से निपटने में असमर्थ है, और सक्रिय रूप से दल-बदल विरोधी और विधायकों /सांसदों की खुली खरीद-फरोख्त की बुराई को प्रोत्साहित करेगा। एक साथ चुनाव कराने से जो लागत बचाने की कोशिश की जा रही है वह भारत सरकार के वार्षिक बजट का मात्र 0.1 प्रतिशत है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने शुक्रवार को एक राष्ट्र -एक चुनाव को लेकर बनी उच्च स्तरीय समिति को पत्र लिखा। पत्र में उन्होंने कहा है कि संसदीय शासन व्यवस्था अपनाने वाले देश में एक साथ चुनाव कराने के विचार के लिए कोई जगह नहीं है और उनकी पार्टी इसका पुरजोर विरोध करती है।

नहीं रुक रहा गोवध : अविमुक्तेश्वरानंद

  • प्राण प्रतिष्ठा में शामिल न होने की बताई वजह

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। श्री राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का विरोध करने वाले स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने एक बार फिर बड़ी टिप्पणी की है। कार्यक्रम के विरोध की वजह से उन पर विपक्षी दलों के करीबी और प्रायोजित होने के लग रहे आरोपों पर सफाई दी है। इसके अलावा अयोध्या नहीं जाने के अपने कारणों के बारे में उन्होंने बताया है, स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद का कहना है कि भगवान राम ने गोमाता को बचाने के लिए अवतार लिया था लेकिन आज भारत में गोवध नहीं रुक रहा।
इसलिए वह भगवान राम के सामने नहीं जा सकते क्योंकि उन्हें इस बात का मलाल है कि जिस गौ रक्षा के लिए भगवान ने अवतार लिया वहीं गो माता पीडि़त हैं। उन्होंने एक बार फिर दोहराया कि मंदिर निर्माण का कार्य अभी पूरा नहीं हुआ है इसलिए प्राण प्रतिष्ठा ठीक नहीं है। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि मैं शास्त्रों का पाठ करता हूं और उसमें इस बात का साफ तौर पर जिक्र है। अधूरे मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा करना गलत है।

मैंने कांग्रेस के ही मुख्यमंत्री को फटकार लगाई थी

अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा है कि अभी किसी पार्टी की इतनी ताकत नहीं है कि मुझे प्रायोजित कर सके। उन्होंने उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा का जिक्र करते हुए कहा कि मेरे खिलाफ जो वीडियो दिखाये जा रहे हैं उसमें यह भी दिखाया जाना चाहिए कि मैंने कांग्रेस के ही एक पूर्व मुख्यमंत्री को इतनी बुरी तरह फटकार लगाई थी कि वे भाग कर अपने सुरक्षा बलों की गाड़ी में छुप गए थे। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि जो गलत है उसका मैं विरोध हमेशा से करता रहा हूं. गलत करने वाला कोई अपना नहीं होता।

जेट स्ट्रीम व पश्चिमी विक्षोभ ने बढ़ा दी ठंड

  • तीन-चार दिनों तक रेड व ऑरेंज अलर्ट जारी

4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। उत्तर भारत में भीषण सर्दी और घने कोहरे का सबसे बड़ा कारण पश्चिमी विक्षोभ (डब्ल्यूडी) का सक्रिय न होना है। इसके अलावा अल नीनो और जेट स्ट्रीम भी जिम्मेदार है। ठंड का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा। पंजाब से दिल्ली-एनसीआर और पूर्वी उत्तर प्रदेश तक समूचा पूर्वोत्तर भारत भीषण शीत और घने कोहरे की चपेट में है। मौसम विभाग ने पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और यूपी के लिए 23 जनवरी तक ठंड व कोहरे को लेकर रेड व ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
इस दौरान पूर्वी भारत में न्यूनतम तापमान 2-10 डिग्री के बीच सिमटा रहेगा। पहाड़ी और मैदानी इलाकों में हाड़ कंपा देने वाली ठंड पड़ रही है। घने कोहरे से सडक़, रेल और हवाई सेवाएं बाधित हुई हैं। शुक्रवार को मैदानी क्षेत्रों में 2.4 डिग्री सेल्सियस न्यूनतम तापमान के साथ कानपुर और बीकानेर सबसे सर्द रहे। मौसम विभाग ने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के अभाव, अल-नीनो के चलते ठंड व घने कोहरे की स्थिति पांच दिन तक रह सकती है। पिछले पांच दिनों से उत्तर भारत में समुद्र तल से करीब 12 किलोमीटर की ऊंचाई पर 250 से 320 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली शक्तिशाली जेट स्ट्रीम चल रही है। इन शक्तिशाली हवाओं के प्रभाव से पूरे उत्तर भारत में सर्द हवाएं चल रही हैं, इससे ठंड और शीत लहर का कहर बढ़ रहा है।

कोहरे के कहर से अभी नहीं मिलेगी राहत

मौसम विभाग ने जो ताजा अपडेट जारी किया है उसके मुताबिक उत्तर भारत में अभी सर्दी और कोहरे के कहर से राहत नहीं मिलेगी। आईएमडी के अनुसार 21 जनवरी तक उत्तर पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में गंभीर शीतलहर का खतरा बना रहेगा। इसी दौरान पंजाब और हरियाणा में भीषण शीत लहर का कहर जारी रहेगा। हिमाचल प्रदेश के अलग-अलग हिस्सों में शीत लहर की स्थिति बनी रहेगी। 20 और 21 जनवरी को उत्तरी राजस्थान, पश्चिमी यूपी में शीतलहर चल सकती है। साथ ही हिमाचल और उत्तराखंड में पाला पडऩे की भी आशंका जताई गई है। इसी तरह पंजाब,हरियाणा, उत्तराखंड समेत समूचे उत्तर और मध्य भारत में घना कोहरा छाया रहेगा। जनवरी के अंत तक भीषण सर्दी, शीत लहर और घने कोहरे का प्रकोप जारी रह सकता है।

 

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