पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान में बढ़ा तनाव, सेना एक्शन मोड में

पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर से बढ़ गया है। भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ अपना अभियान तेज कर दिया है

4पीएम न्यूज नेटवर्कः पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव एक बार फिर से बढ़ गया है। भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ अपना अभियान तेज कर दिया है और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर यानी PoK में सक्रिय आतंकी शिविरों पर भी कड़ी नजर रखी जा रही है।

सूत्रों के अनुसार, बीते छह महीनों में सीमा पर घुसपैठ की करीब 45 कोशिशों को भारतीय सुरक्षाबलों ने नाकाम किया है। सेना पूरी तरह एक्शन मोड में है और आतंकियों के खिलाफ लगातार अभियान चला रही है। सेना का कहना है कि वे हर घुसपैठ की कोशिश का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार हैं। पिछले साल भी नियंत्रण रेखा (LoC) पर घुसपैठ की 10 कोशिशों को नाकाम किया गया था और इन अभियानों में 25 आतंकवादी मारे गए थे। मौजूदा हालात को देखते हुए सीमा पर सतर्कता और बढ़ा दी गई है। अधिकारियों के अनुसार, आने वाले दिनों में सेना की ओर से आतंकी ठिकानों और संदिग्ध गतिविधियों पर निगरानी और सख्त की जाएगी।

LoC के पार, पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में इस वक्त करीब 42 लॉन्च पैड सक्रिय हैं, जिनमें अनुमानतः 110 से 130 आतंकवादी छिपे हुए हैं. सूत्रों का कहना है कि इन लॉन्च पैडों में कश्मीर में 35-40 लॉन्च पैड हैं. वहीं बाकी राजौरी, जम्मू और पुंछ जैसे इलाकों में मौजूद हैं. जम्मू-कश्मीर में इस समय 125 से 130 आतंकवादी एक्टिव बताये जा रहे हैं. इनमें से 70-75 आतंकी कश्मीर घाटी में सक्रिय हैं, तो 60-65 आतंकवादी जम्मू, राजौरी और पुंछ के इलाकों में एक्टिव बताए जा रहे हैं.

जम्मू-कश्मीर में आतंकी घटनाएं और कार्रवाई
जम्मू कश्मीर में साल 2022 में 107 आतंकवादी घटनाओं को अंजाम दिया गया. इनमें 186 आतंकवादी को मार गिराया गया. वहीं, साल 2023 में 27 आतंकवादी घटनाएं घटी हैं इनमें 76 आतंकी को ढेर किया गया. साल 2024 में अब तक 26 घटनाएं दर्ज हुईं हैं. मार्च तक सिर्फ 3 हमले हुए. पहलगाम आतंकवादी हमले के बाद भारतीय सुरक्षा बलों और सेना ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में स्थित आतंकी लॉन्च पैड और ट्रेनिंग सेंटर को ध्वस्त करने की प्लानिंग बना रही है. हाल में पहलगाम में आतंकी हमले में कुल 26 निहत्थे नागरिकों को भून डाला गया था. खुफिया एजेंसी का कहना है कि इस हमले में पाकिस्तान की मदद के सबूत मिले हैं. खुफिया एजेंसियों का कहना है कि पाकिस्तानी सेना की ओर से इन घुसपैठों को बढ़ावा दिया जा रहा है.

सूत्रों का दावा है कि इस असफल घुसपैठ के प्रयास के दौरान 642 मुजाहिद बटालियन को भारी नुकसान उठाना पड़ा. इसके अलावा, हिजबुल मुजाहिदीन (एचएम), जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) और लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) के कुल 60 विदेशी आतंकवादी जम्मू-कश्मीर में सक्रिय हैं. इस साल, पाकिस्तानी सेना की ओर से बार-बार संघर्ष विराम का उल्लंघन किया जा रहा है, केवल जम्मू-कश्मीर में इस साल तीन बार संघर्ष विराम का पाकिस्तान ने उल्लंघन किया है. इस दौरान भारतीय सेना के साथ मुठभेड़ में पांच आतंकवादी मारे गए.

आपको बता दें,कि जम्मू और कश्मीर के नौ जिलों में जहां विदेशी आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिली थी, बारामुल्ला आतंकवादी हताहतों की सूची में सबसे ऊपर है, जहां नौ मुठभेड़ों में 14 गैर-स्थानीय आतंकवादी मारे गए हैं. उनमें से ज्यादातर उरी सेक्टर के सबुरा नाला इलाके, मेन उरी सेक्टर, एलओसी के पास कमालकोट उरी और सोपोर के चक टप्पर क्रिरी, नौपोरा, हादीपोरा, सागीपोरा, वाटरगाम और राजपोर इलाकों के अंदरूनी इलाकों में मारे गए.

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