पानी के बाद देश की राजधानी में बिजली के लिए मचा हाहाकार

नई दिल्ली। भीषण गर्मी के मौसम में पेजयल संकट से जूझ रही दिल्ली को मंगलवार बिजली कटौती का सामना करना पड़ा। उत्तर प्रदेश के मंडोला में पावर ग्रिड के सबस्टेशन में आग लगने से उपराज्यपाल सचिवालय व मुख्यमंत्री आवास समेत राष्ट्रीय राजधानी के दूसरे कई इलाकों में दोपहर बिजली आपूर्ति बाधित हुई। इसी दौरान दिल्ली की प्रगति पावर जनरेशन यूनिट और दिल्ली ट्रांस्को के 200 केवी ग्रिड में भी खराबी आ गई। इससे दोपहर करीब दो बजे से डेढ़-दो घंटे तक दिल्ली में बिजली गुल रही। कई इलाकों में तीन से चार घंटे तक आपूर्ति प्रभावित हुई। इस मामले में दिल्ली की ऊर्जा मंत्री आतिशी ने नवनियुक्त केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल से मुलाकात का समय मांगा है।
बिजली कंपनियों का कहना है कि मंगलवार दोपहर उत्तर प्रदेश के मंडोला के पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (पीजीसीआईएल) के सबस्टेशन में आग लग गई। यहां से दिल्ली को 1200 मेगावाट की बिजली मिलती है। आग लगने से आपूर्ति पूरी तरह बाधित हो गई। इससे राजनिवास समेत दिल्ली सचिवालय, मुख्यमंत्री सचिवालय और आईटीओ के सभी सरकारी दफ्तरों की बिजली गुल हो गई। पूर्वी, उत्तरी, मध्य और दक्षिणी दिल्ली के ज्यादातर इलाकों में भी बिजली गुल रही। बिजली कटौती से सिर्फ लुटियन दिल्ली और पश्चिमी दिल्ली इलाका अछूता रहा।
गर्मी के मौसम में इस वक्त दिल्ली में बिजली की मांग 7000-8000 मेगावाट के बीच है। बीते दिनों की पीक डिमांड 8300 मेगावाट दर्ज की गई थी। मंगलवार को 1200 मेगावाट की कमी होने से अचानक से परेशानी बढ़ गई। करीब डेढ़ से दो घंटे की रस्साकशी के बाद बिजली आपूर्ति बहाल हो सकी। उधर, कई इलाकों में 3-4 घंटे तक बिजली नहीं आई। अकेले उत्तरी दिल्ली के चार लाख घरों को बिजली कटौती का सामना करना पड़ा।
आईटीओ, लक्ष्मी नगर, आश्रम, पुरानी दिल्ली, चांदनी चौक, शाहदरा, सीलमपुर, त्रिलोकपुरी, पटपडग़ंज, मयूर विहार, लाजपत नगर, जामिया, नरेला, मॉडल टाउन, रोहिणी, गोपालपुर, सब्जी मंडी, वजीरपुर, सरिता विहार, सुखदेव विहार, शहजाद बाग, दिल्ली विश्वविद्यालय, जीटीबी नगर, मुखर्जी नगर, जहांगीर पुरी, शक्ति नगर, बुराड़ी, बादली, धीरपुर, सिविल लाइन, कश्मीरी गेट, सब्जी मंजी, आजादपुर समेत अन्य इलाको में बिजली गुल।
नेशनल पावर ग्रिड की इस चिंताजनक विफलता को लेकर लेकर ऊर्जा मंत्री आतिशी ने नवनियुक्त केंद्रीय ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल और पीजीसीआईएल के अध्यक्ष से मिलने का समय मांगा है। आतिशी ने बताया कि राजधानी में नेशनल ग्रिड में खराबी से अचानक पावर इंफ्रास्ट्रक्चर के फेल होने के परिणाम बेहद गंभीर हो सकते हैं। ऐसी स्थिति दोबारा उत्पन्न नहीं हो, इसलिए मुलाकात के दौरान इसकी केंद्र सरकार से मांग की जाएगी। आतिशी के मुताबिक, बीते दिनों 8300 मेगावाट की पीक पावर डिमांड को दिल्ली में बिना किसी बाधा के पूरा किया गया, लेकिन मंगलवार बिजली आपूर्ति बाधित हुई। पूरे देश के पावर ट्रांसमिशन को केंद्र सरकार चलाती है। दिल्ली में बहुत कम बिजली का उत्पादन होता है और दिल्ली बिजली की अपनी जरूरतों के लिए देश के दूसरे राज्यों से बिजली खरीदती है जो एनटीपीसी और पीजीसीआईएल के माध्यम से दिल्ली तक आती है।
राजधानी में पानी की किल्लत पर प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आतिशी ने हरियाणा सरकार पर हमला बोला। उन्होंने हरियाणा सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि ‘जानबूझकर’ और ‘अवैध रूप से’ राजधानी में पानी की आपूर्ति रोक रही है। इससे रोजाना की आपूर्ति प्रभावित हो रही है।
आतिशी ने हरियाणा सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दिए हलफनामे को भी झूठा बताते हुए कहा कि हरियाणा सरकार झूठ बोल रही है वह दिल्ली को पर्याप्त मात्रा में पानी आपूर्ति कर रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि हलफनामे के अनुसार, दिल्ली में चुनाव से पहले 23 मई से हरियाणा सरकार ने पानी की मात्रा कम कर दी।
दिल्ली में पेयजल संकट पर छिड़ी जुबानी जंग के बीच एलजी वीके सक्सेना ने हरियाणा के सीएम नायब सैनी से बात की है। वीके सक्सेना ने एक्स पर जानकारी देते हुए कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी से बीते सोमवार को बात हुई। उन्होंने दोहराया कि दिल्ली को आवंटित हिस्से के अनुसार पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। चल रही गर्मी की लहर के कारण राज्य की अपनी बाधाओं के बावजूद हर संभव मदद का आश्वासन दिया।
छतरपुर विधानसभा क्षेत्र में पानी के भीषण संकट से क्षुब्ध हजारों नागरिकों के साथ भाजपा कार्यकर्ताओं ने जल बोर्ड कार्यालय पर प्रचंड प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों को दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और दक्षिण दिल्ली से सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी और पूर्व विधायक चौ. ब्रह्म सिंह तंवर ने सम्बोधित किया। भाजपा नेताओं ने जल संकट के लिए आम आदमी पार्टी सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के त्यागपत्र की मांग की।
राजधानी के कई इलाकों पेयजल संकट बरकरार है। खासतौर पर, स्लम बस्तियों व अनधिकृत कॉलोनियों में पर्याप्त संख्या में टैंकर नहीं पहुंच रहे। पूर्वी दिल्ली की गीता कॉलोनी व आसपास के अन्य इलाकों, दक्षिणी दिल्ली स्थित ओखला फेस-दो व संगम विहार, नई दिल्ली स्थित सभी स्लम बस्तियों और पश्चिमी दिल्ली के गोपाल नगर, विकास नगर, निहाल विहार आदि कॉलोनियों में पेयजल संकट बना हुआ है।

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