BMC चुनाव में अजित पवार की बगावत बीजेपी पर पड़ेगी भारी!

महाराष्ट्र में इन दिनों BMC चुनाव को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। अपने-अपने खेमे को मजबूत करने के लिए करने के लिए तरह-तरह की रणनीति बना रहे हैं।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: महाराष्ट्र में इन दिनों BMC चुनाव को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं। अपने-अपने खेमे को मजबूत करने के लिए करने के लिए तरह-तरह की रणनीति बना रहे हैं।

एक तरफ जहाँ नेताओं के पाला बालने की खबरें सामने आ रही हैं तो वहीं दूसरी तरफ राजनीतिक पार्टियां अपने-अपने उम्मीदवारों की घोषण कर रही हैं।  महाराष्ट्र निकाय चुनाव से पहले सभी पार्टियां अलग-अलग गठबंधन करने में लगी हुई हैं। महायुती और महाविकास अघाडी गठबंधन इस चुनाव में पूरी तरह खत्म होते नजर आ रहे हैं। सिर्फ बीजेपी और शिवसेना ही ऐसी पार्टियां हैं, जिन्होंने विधानसभा और लोकसभा चुनाव साथ लड़ा था और अब निकाय चुनाव में भी ज्यादा से ज्यादा सीटों पर गठबंधन बनाए रखने की कोशिश कर रही हैं। वहीं, उद्धव ठाकरे ने इस चुनाव के लिए राज ठाकरे से हाथ मिला लिया है, जबकि अजित पवार की एनसीपी और शरद पवार की एनसीपी के बीच भी कुछ सीटों पर गठबंधन हुआ है।

इस चुनाव में सबसे ज्यादा चर्चा में बने हुए हैं अजित पवार। वो लगातार ऐसी बयानबाजी और घोषणा कर रहे हैं जिससे बीजेपी की टेंशन बढ़ चुकी है। वहीं इसी बीच  महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने बीएमसी चुनाव के लिए 27 उम्मीदवारों की दूसरी सूची जारी कर दी है. यह घोषणा मुंबई में बीते रोज की गई.  नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि से ठीक एक दिन पहले इस सूची के आने से पार्टी की चुनावी तैयारियों को निर्णायक मोड़ माना जा रहा है. इसके साथ ही एनसीपी द्वारा घोषित कुल उम्मीदवारों की संख्या अब 64 हो गई है.

इस दूसरी सूची के जारी होने के साथ ही एनसीपी ने साफ कर दिया है कि वह बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन की सहयोगी होने के बावजूद बृहन्मुंबई महानगरपालिका चुनाव अलग से लड़ेगी. पार्टी ने पहले ही 37 उम्मीदवारों की पहली सूची घोषित की थी. नई सूची में 27 और नाम जोड़कर पार्टी ने संगठनात्मक ताकत दिखाने की कोशिश की है.

लेकिन हैरानी की बात ये है कि एनसीपी का यह फैसला ऐसे समय में आया है जब बीजेपी और एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना ने बीएमसी चुनाव के लिए आपसी गठबंधन किया है. दूसरी सूची में जिन प्रमुख उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है, उनमें वार्ड नंबर 3 से मनीष दुबे, वार्ड 40 से विलास दगडू घुले, वार्ड 48 से सिरील पिटर डिसोझा और वार्ड 57 से अजय दत्ता विचारे शामिल हैं.

पार्टी नेतृत्व का मानना है कि इन चेहरों के जरिए स्थानीय स्तर पर मजबूत पकड़ बनाई जा सकती है. इससे पहले मुंबई भाजपा अध्यक्ष अमित साटम ने एनसीपी के साथ किसी भी तरह के गठबंधन से इनकार करते हुए कहा था कि नवाब मलिक बीएमसी चुनाव में एनसीपी के चुनाव प्रबंधन के प्रभारी हैं. नवाब मलिक पर धनशोधन में शामिल होने और दाऊद इब्राहिम के सहयोगियों से संबंध रखने के आरोप भी लगाए गए हैं.

वहीं इसे पहले अजित पवार ने पहनी सूची जारी की थी। पार्टी ने इसमें 37 कैंडिडेट्स के नाम का ऐलान किया था.  इस चुनाव में एक तरफ शिवसेना और बीजेपी एकसाथ चुनाव लड़ रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ अजित पवार की पार्टी अलग चुनाव लड़ रही है. बीएमसी चुनाव के लिए एनसीपी ने जिन 37 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की , उनमें वार्ड नंबर 3 से मनीष दुबे को टिकट दिया गया है. वार्ड 40 से विलास दगडू घुले को उम्मीदवार बनाया गया है. वहीं वार्ड 48 से सिरील पिटर डिसोझा का टिकट दिया गया है. वार्ड 57 से अजय दत्ता विचारे को प्रत्याशी बनाया गया है.

इस बार के BMC चुनाव अजित बवाल काफी बगावती तेवर दिखा रहे हैं। इससे पहले हाल ही में अजित पवार ने बीते रविवार को पिंपरी-चिंचवाड में होने वाले आगामी नगर निगम चुनावों के लिए अपने चाचा के नेतृत्व वाले राकांपा (शरद पवार) के साथ गठबंधन की घोषणा की। गठबंधन की घोषणा करते हुए उन्होंने इसे पारिवारिक एकता का क्षण बताया। अजित पवार पिंपरी-चिंचवाड में एक चुनावी रैली को संबोधित कर रहे थे। अजित पवार ने कहा, पिंपरी-चिंचवाड नगर निगम चुनावों के लिए उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप देते समय, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और शरद पवार गुट ने एक साथ चुनाव लड़ने का फैसला किया।

इसी वजह से परिवार एक बार फिर एकजुट होगा। उन्होंने आगे कहा, दोनों पार्टियों के बीच सीट बंटवारे पर चर्चा हो चुकी है और इसकी घोषणा बाद में की जाएगी। हम सब किसान हैं और कई बार महाराष्ट्र के विकास के हित में कुछ फैसले लेने पड़ते हैं।  जुलाई 2023 में शरद पवार के भतीजे अजित पवार NCP के कई विधायकों के साथ पार्टी से अलग हो गए थे। इससे NCP दो हिस्सों में बंट गई। शरद पवार से अलग होकर अजित महाराष्ट्र की भाजपा-शिंदे सरकार में शामिल हुए और डिप्टी CM बने थे।

हालांकि अजित पवार के इस फैसले को राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा-शिवसेना-राकांपा महायुति में बिखराव की तरह देखा जा रहा है। एनसीपी (शरद पवार) के प्रवक्ता अंकुश काकडे ने इस बारे में कहा, राकांपा (अजित पवार) की विचारधारा हमारे जैसी ही है। इसलिए राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजीत पवार) ने पुणे नगर निगम चुनाव भी एक साथ लड़ने का फैसला किया है।

हम कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) से बात करेंगे और चारों पार्टियां सीट बंटवारे के फार्मूले पर चर्चा करने के लिए एक साथ बैठेंगी। अगर अजित पवार ने स्थानीय निगम चुनावों में कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) से हाथ मिलाया तो उनका राज्य की सत्ता में बने रहना मुश्किल हो सकता है।

वहीं इस गठबंधन को लेकर नेताओं की लगातार प्रतिक्रिया सामने आ रही है। वहीं इसी बीच इसे लेकर शिवसेना UBT नेता संजय राउत ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने क्या कुछ कहा आप इस वीडियो में देखिये-

बीएमसी समेत महाराष्ट्र की कुल 29 नगर निगमों के चुनाव 15 जनवरी को होने हैं और मतगणना 16 जनवरी को होगी. बीएमसी में कुल 227 सीटें हैं, जिन्हें लेकर सभी दलों के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिल सकता है. एनसीपी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष सुनील तटकरे ने 27 दिसंबर को बताया था कि पिछले कई दिनों से लगातार बैठकों का दौर चल रहा है और सारी जानकारी अजित पवार को दी जा चुकी है.

पार्टी करीब 100 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. ऐसे में एनसीपी का अलग चुनाव लड़ने का फैसला आने वाले दिनों में मुंबई की सियासत को नई दिशा दे सकता है.  एनसीपी भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन का हिस्सा होने के बावजूद  मुंबई नगर निगम का चुनाव अकेले लड़ रही है। अब देखना ये होगा कि किस दल को कितने वोट मिलते हैं और कौन किसपर भारी पड़ता है।

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