नीतीश ने बर्बाद की नुसरत की जिंदगी! पति ने भेजा कोलकाता, बाहर निकलने पर लगाई पाबंदी
बिहार की राजनीति में सीएम नीतीश कुमार को सुशासन बाबू कहा जाता रहा है...लेकिन हाल के सालों में उनके सार्वजनिक व्यवहार ने इस छवि पर गहरे सावल खड़े कर दिए हैं...

4पीएम न्यूज नेटवर्क: कहते हैं तीर कमान से और बात जुबान से एक बार निकल जाए…तो उसे वापस नहीं लिया जा सकता……इसलिए, अपने एक्शन और रिएक्शन को सोच समझकर सामने लाने चाहिए…काश ऐसा ही कुछ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी महिला डॉक्टर नुसरत का हिजाब खींचने से पहले सोचा होता…तो आज नुसरत की जिंगदी एक आम महिला के जैसे ही होती……
बिहार की राजनीति में सीएम नीतीश कुमार को सुशासन बाबू कहा जाता रहा है…लेकिन हाल के सालों में उनके सार्वजनिक व्यवहार ने इस छवि पर गहरे सावल खड़े कर दिए हैं…खातकर महिलाओं के प्रति उनके बयानों और हरकतों ने न केवल राजनीतिक मर्यादा लांघी है…बल्कि कई जिंदगियों को अंधेरे में धकेल दिया है…ताजा मामला नुसरत का है…जिसका जीवन और करियर सीएम नीतीश कुमार की एक तथाकथित ओछी हरकत के कारण बर्बादी की कगार पर खड़ा है………
दरअसल, बीते दिनों जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पटना में AYUSH डॉक्टरों को नियुक्ति पत्र बांट रहे थे…तब एक महिला डॉक्टर का हिजाब हटाने की कोशिश करने का एक वीडियो वायरल हुआ था…जिससे काफी विवाद हुआ….इस घटना के कारण डॉक्टर नुसरत परवीन ने नौकरी ज्वाइन नहीं की और विपक्ष ने सीएम नीतीश की मानसिक स्थिति पर सवाल उठाए….जबकि कुछ लोगों ने इसे अनुचित व्यवहार बताया…हालांकि, बीजेपी और NDA नेताओं की ओर से सीएम नीतीश की इस हरकर का खूब बचाव किया गया…लेकिन, आज नुसरत का पूरा करियर के साथ-साथ उसकी आम जिंदगी भी बर्बाद हो गई है….
एक ओर नौकरी ज्वाइन न करके नुसरत की सालों की मेहनत खराब हो गई….तो वहीं दूसरी ओर उनके पति ने नुसरत को कोलकाता भेज दिया और बाहर निकलने पर भी पाबंदी लगा दी…जिसे लेकर भाई ने कहा कि…मजबूरी है, हम नहीं चाहते है कि मियां-बीवी अलग हों. क्या कभी आपने सोचा है कि जो राजनीति अगर किसी महिला के सिर से हिजाब खींच सकती है…तो कल उसकी आवाज, उसके सपने और उसका पूरा अस्तित्व क्यों नहीं कुचल देगी?…
आज हम बात नुसरत की कर रहे हैं…कल कोई और भी हो सकता है…..एक पढ़ी-लिखी, आत्मनिर्भर, सार्वजनिक जीवन में सक्रिय महिला….जिसका करियर, पहचान और सामाजिक सम्मान एक झटके में छीन लिया गया और इस सबके लिए जिम्मेदार हैं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार…
सार्वजनिक मंचों पर जब एक मुख्यमंत्री स्तर का व्यक्ति किसी महिला के साथ असहज व्यवहार करता है…तो उसका असर केवल उस वक्त तक सीमित नहीं रहता….खबरों के मुताबिक, नीतीश कुमार द्वारा नुसरत का हिजाब खींचने से एक ऐसी चिंगारी भड़की….जिसने उस महिला के घर को ही जला दिया…एक मुख्यमंत्री का काम सुरक्षा देना होता है….न कि सार्वजनिक रूप से किसी को अपमानित करना…इस पूरे मामले ने ये साबित कर दिया कि सत्ता के गलियारों में बैठे लोग कभी-कभी ये भूल जाते हैं कि उनके सामने खड़ी महिला केवल एक कार्यकर्ता या चेहरा नहीं है…बल्कि उसकी अपनी एक गरिमा, एक परिवार और एक समाज है…
इस घटना का सबसे खतरनाक पहलू ये रहा कि इसका खामियाजा नुसरत को अपने घर के भीतर भुगतना पड़ा…समाज और परिवार के दबाव में उसके पति ने उसे कोलकाता भेजने का फैसला किया…….जोकि कोई सामान्य यात्रा नहीं….बल्कि उस फैसले जैसा है…जिसमें सजा गुनहगार की जगह बेगुनाग को दे दी जाए…..एक महिला जो अपने करियर में आगे बढ़ना चाहती थी…आज उसे घर से बाहर निकलने तक की इजाजत नहीं है…
नुसरत के छोटे भाई बबलू ने बताया कि…नुसरत के पति ने उसे मीडिया से दूर रखा है…सोशल मीडिया पर भी कुछ लिखने से मना किया है…इसी वजह से नुसरत घर में बंद है…हम कुछ नहीं कर सकते, हम नहीं चाहते कि मियां-बीवी अलग हो जाएं…इसलिए हम चुप हैं….इसके साथ ही बबलू ने आगे कहा कि…मौजूदा हुकूमत से कौन उलझेगा….हम लोगों को बहुत तकलीफ है….अगर आज मेरा बड़ा भाई परमिशन दे दे…तो अभी तोपसिया थाना जाकर नीतीश कुमार समेत वहां मौजूद सभी मंत्रियों के नाम FIR करवा दूं…
नुसरत के भाई का बयान कि ये मजबूरी है…हम नहीं चाहते मियां-बीवी अलग हों…उस कड़वे सच को बयां करता है…जहाँ एक पुरुष की गलती की सजा हमेशा महिला को भुगतनी पड़ती है…नुसरत का करियर…जिसे बनाने में उसने सालों की मेहनत की होगी….आज नीतीश कुमार की एक गैर-जिम्मेदाराना हरकत की भेंट चढ़ गया….राजनीति या सार्वजनिक जीवन में महिलाओं की भागीदारी वैसे ही चुनौतीपूर्ण है और जब राज्य का मुखिया ही उनके प्रति असंवेदनशील हो जाए….तो रास्ते पूरी तरह बंद हो जाते हैं…….आज नुसरत का करियर खत्म होने की कगार पर है….क्योंकि उसे सार्वजनिक जीवन से काट दिया गया है….समाज में उसकी छवि को लेकर गलत धारणाएं बनाई जा रही हैं…जो कुछ भी हुआ…उससे वो एक Trauma से गुजर रही है…जिससे उबरना आसान नहीं है…
हालांकि, इस विवाद के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ लखनऊ, रांची और श्रीनगर में शिकायत दर्ज कराई गई….सपा की प्रदेश प्रवक्ता सुमैया राणा ने लखनऊ के कैसरबाग थाने में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ तहरीर दी…बता दें सुमैया मशहूर शायर मुनव्वर राणा की बेटी हैं…वहीं झारखंड की राजधानी रांची के इटकी थाने में सोशल वर्कर मुर्तजा आलम ने शिकायत देकर जांच और कार्रवाई की मांग की है और शिकायत में कहा गया है कि धार्मिक पोशाक के साथ सार्वजनिक मंच पर किया गया ऐसा व्यवहार आपत्तिजनक है….इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर के विपक्षी दल पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता और पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती की बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने श्रीनगर पुलिस में नीतीश कुमार के खिलाफ शिकायत दी है…..महबूबा मुफ्ती ने तो नीतीश कुमार के रिटायरमेंट को लेकर भी बात कह दी थी….
हालांकि, आज लोगों ने नुसरत के बारे में बात करना बंद कर दिया है….परिवार ने भी मीडिया से दूरी बना ली है…….लेकिन, सीएम नीतीश कुमार को ये समझना होगा कि मुख्यमंत्री की कुर्सी आपको किसी की व्यक्तिगत स्वतंत्रता के साथ खिलवाड़ करने का अधिकार नहीं देती…..इससे पहले भी विधानसभा में महिलाओं को लेकर दिए गए उनके भद्दे बयानों ने देश को शर्मसार किया था….यहां तक कि बीते दिनों एक कार्यक्रम के दौरान देखा गया था कि वो मंच पर महिला को माला पहनाने लगे थे….जिसके बाद देखा गया था कि महिला असहज हो गई थी……ऐसे में सीएम नीतीश कुमार से सीधे सवाल यही है कि…क्या आप नुसरत के उस करियर को वापस लौटा सकते हैं….जो आपकी वजह से खत्म हो गया?…क्या आप उस मानसिक प्रताड़ना की जिम्मेदारी लेंगे जो वो और उसका परिवार झेल रहा है?…और क्या महिला सशक्तिकरण के आपके नारे केवल कागजी हैं?….
हालांकि, विडंबना ये ही है कि एक तरफ हम बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की बात करते हैं और दूसरी तरफ जब एक ताकतवर राजनेता किसी महिला का अपमान करता है…तो समाज पीड़ित महिला को ही कटघरे में खड़ा कर देता है…नुसरत के पति का उसे कोलकाता भेजना इसी विकृत मानसिकता का परिणाम है कि इज्जत घर के भीतर ही सुरक्षित रहती है…नीतीश कुमार की इस हरकत ने एक उभरते हुए करियर की हत्या कर दी है…नुसरत आज जिस अलगाव और बंदिशों को झेल रही है…उसका सीधा जिम्मेदार वो सत्ता का अहंकार है…जिसने सार्वजनिक मर्यादाओं को ताक पर रख दिया…
ऐसे में अगर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपनी इन गलतियों पर आत्मचिंतन नहीं करते और सार्वजनिक रूप से माफी मांगते हुए सुधार नहीं करते….तो इतिहास उन्हें एक ऐसे नेता के रूप में याद रखेगा…जिसने महिलाओं के सम्मान को अपनी राजनीति की सीढ़ी बनाया…नुसरत की बर्बादी केवल एक महिला की बर्बादी नहीं है…बल्कि उन हजारों लड़कियों की उम्मीदों की हार है…जिन्हें अपनों सपनो की बली किसी और की वजह से चढ़ानी पड़ती है………



