अखिलेश यादव संभालेंगे मोर्चा कवरिंग फायर देंगे राहुल गांधी
नया अध्याय लिखेंगे यूपी के दो लड़के
- बात सीट की नहीं, बात जीत की है : अखिलेश
- बीजेपी को पटखनी देने का सपा का बड़ा प्लान
- कांग्रेस ने भी प्रेस कांफ्रेंस कर दिया समर्थन
- कांग्रेस यूपी में बिना शर्त सपा को मजबूत करेगी
- ९सीटों पर उपचुनाव में सपा के प्रत्याशी
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ। ‘बात सीट की नहीं जीत की हैÓ समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बुधवार देर रात इस बात का खुलासा कर दिया था कि यूपी में बीजेपी को सीधे टक्कर समाजवादी पार्टी ही देगी। कांग्रेस इस उपचुनाव में सिर्फ और सिर्फ सपा को कवरिंग फायर देगी। जिससे यूपी उपचुनाव में बीजेपी को लोकसभा चुनाव की तरह एक बार फिर से पटखनी दे पाए।
यूपी उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव एक बार फिर उसी राजनीति से बीजेपी को पटखनी देने का प्लान कर रहे हैं जिस राजनीति के तहत स्व. मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी को बुलंदियों पर पहुंचा दिया है। उसी विरासत को अखिलेश ने संभालते हुए उन्ही की धोबिया पछाड़ वाली राजनीति से बीजेपी को पटखनी देने का बड़ा प्लान तैयार कर लिया है। अखिलेश यादव की रणनीति के आगे जो कांग्रेस कल तक उपचुनाव में 5 सीटे मांग रही थी वही कांग्रेस अब यूपी में बिना किसी शर्त समाजवादी पार्टी को मजबूत के साथ गठबंधन धर्म को निभाते हुए सपा को जिताने का काम करेगी। देर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जब सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखा तो एक तरफ इंडिया गठबंधन पूरी तरह एकजुट है ये संदेश यूपी को दिया तो वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस की तारीफ करने में भी वे कोई कमी नहीं छोड़ी। अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा कि बात ‘सीट की नहींज्बात जीत की हैÓ इस रणनीति के तहत ‘इंडिया गठबंधन’ के संयुक्त प्रत्याशी सभी 9 सीटों पर समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह ‘साइकिलÓ के निशान पर चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी एक बड़ी जीत के लिए एकजुट होकर, कंधे से कंधा मिलाकर साथ खड़ी है। इंडिया गठबंधन इस उपचुनाव में, जीत का एक नया अध्याय लिखने जा रहा है। कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से लेकर बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं के साथ आने से समाजवादी पार्टी की शक्तियां कई गुना बढ़ गयी हैं। दरअसल पिछले कई चुनावों से ये तय हो गया है की यूपी में बीजेपी को अगर कोई सीधी टक्कर दे सकता है तो वह है समाजवादी पार्टी। समाजवादी पार्टी ही वो पार्टी है जो बीजेपी की आंख में आंख मिलाकर हर सीट पर चुनाव लड़ सकती है। सबको पता है कि इस उपचुनाव में अपनी जीत को लेकर बीजेपी हर साम-दाम-दंड-भेद सब लगा डालेगी क्योंकि बीजेपी को यूपी में एक बार फिर से मैसेज देना है कि लोकसभा चुनाव में स्थिति दूसरी थी लेकिन विधानसभा में उसकी पकड़ अभी भी मजबूत है। और इसी भ्रम को तोडऩे के लिए समाजवादी पार्टी पूरी मजबूती के साथ चुनाव में उतरने का मन बना चुकी है जिसमें कांग्रेस उसे कवरिंग फायरिंग के तौर पर मदद करेगी।
बीजेपी ने भी 8 सीटों पर खोले अपने पत्ते
उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए बीजेपी ने आखिरकार अपने पत्ते खोल दिए हैं। बीजेपी ने अपने कोटे की 9 में से 8 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान कर दिया है। सीसामऊ सीट से सुरेश अवस्थी को बनाया प्रत्याशी। बीजेपी ने भी जिस तरह से उम्मीदवार उतारे हैं, उसमें दलित और पिछड़ों पर सबसे ज्यादा दांव खेला है। बीजेपी ने सपा के पीडीए फॉर्मूले को काउंटर करने के लिए 7 में से 5 सीट पर दलित और ओबीसी समाज से कैंडिडेट उतारकर तगड़ी चुनौती देने की रणनीति बनाई है।
सपा की जातीय बिसात को बीजेपी ने बना लिया हथियार
उपचुनाव में बीजेपी ने सीट के जातीय समीकरण के लिहाज से उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया है। बीजेपी ने उपचुनाव में सबसे ज्यादा चार ओबीसी समुदाय से चार प्रत्याशी उतारे हैं तो दो ब्राह्मण, ठाकुर और दलित समुदाय से भी एक-एक उम्मीदवार दिए हैं। बीजेपी ने ओबीसी समुदाय से जिन चार लोगों को टिकट दिया है, उसमें ओबीसी की चार अलग-अलग जातियां हैं। इस तरह बीजेपी ने सपा के पीडीए फॉर्मूले को पूरी तरह काउंटर करने की स्ट्रैटेजी बनाई है। इतना ही नहीं सवर्ण समुदाय से दो प्रत्याशी दिए हैं, उसमें एक ब्राह्मण और ठाकुर समुदाय पर भरोसा जताया है। बीजेपी ने उपचुनाव में अपने कोर वोटबैंक को साधे रखते हुए ओबीसी को साधने की स्ट्रैटजी है।
बसपा की उपचुनाव में कड़ी परीक्षा
यूपी उपचुनाव में बसपा ने भी 8 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे लेकिन बसपा ने अलीगढ़ की खैर सीट पर प्रत्याशी की घोषणा नहीं की। लोकसभा चुनाव में हार के बाद बसपा की उपचुनाव में कड़ी परीक्षा।
‘बात सीट की नहीं जीत की है’ इस रणनीति के तहत ‘इंडिया गठबंधनÓ के संयुक्त प्रत्याशी सभी 9 सीटों पर समाजवादी पार्टी के चुनाव चिन्ह ‘साइकिल’ के निशान पर चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी एक बड़ी जीत के लिए एकजुट होकर, कंधे से कंधा मिलाकर साथ खड़ी है। इंडिया गठबंधन इस उपचुनाव में, जीत का एक नया अध्याय लिखने जा रहा है।
अखिलेश यादव, सपा प्रमुखउत्तर प्रदेश में 10 में से 9 सीटों पर उपचुनाव होने जा रहे हैं लेकिन आज का समय अपने संगठन या पार्टी को बचाने का नहीं है, ये समय संविधान और भाईचारे की रक्षा करने का है। इसे ध्यान में रखकर कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने यह फैसला लिया है कि उत्तर प्रदेश उपचुनाव में कांग्रेस अपने उम्मीदवार नहीं उतारेगी। हम ढ्ढहृष्ठढ्ढ्र गठबंधन के उम्मीदवारों की विजय के लिए प्रयासरत रहेंगे
– अविनाश पांडेय