अखिलेश यादव का बड़ा हमला: कहा- फेल हो गया गुजरात मॉडल

अखिलेश यादव ने दो साल पुराने एक चुनावी नतीजे को लेकर सियासी बयानबाज़ी फिर से तेज़ हो गई है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 'गुजरात मॉडल' पर तंज कसते हुए इसे पूरी तरह फेल बताया।

4पीएम न्यूज नेटवर्कः अखिलेश यादव ने दो साल पुराने एक चुनावी नतीजे को लेकर सियासी बयानबाज़ी फिर से तेज़ हो गई है। समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ‘गुजरात मॉडल’ पर तंज कसते हुए इसे पूरी तरह फेल बताया। उन्होंने कहा कि यह मॉडल जनता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सका है। वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी इस बयान का समर्थन करते हुए कहा, “जो बदलाव गुजरात में शुरू हुआ था, अब दिल्ली में भी नज़र आएगा। जनता अब जागरूक हो चुकी है और सच्चाई को पहचान रही है।”हालांकि यह बयान दो साल पुराने किसी विशेष चुनावी परिणाम पर दिया गया है, लेकिन विपक्ष इन बयानों के ज़रिए मौजूदा सरकार को घेरने की पूरी कोशिश कर रहा है। राजनीतिक जानकार मानते हैं कि यह बयान आगामी चुनावों की रणनीति का हिस्सा हो सकते हैं।

अखिलेश यादव ने कहा-कि गुजरात में 157 स्कूलों में 10वीं क्लास में एक भी बच्चा पास नहीं हुआ, इस खबर को लेकर अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पोस्ट पर बीजेपी और गुजरात मॉडल पर हमला बोला है. अखिलेश यादव ने एक खबर शेयर करते हुए कहा कि गुजरात मॉडल ही फेल हो गया, इस पर उनका साथ आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिया. हालांकि जिस रिजल्ट को लेकर अखिलेश यादव ने हमला बोला है वो 2 साल पुराना है.अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा कि गुजरात मॉडल ही फेल हो गया. गुजरात में 157 स्कूलों में 10वीं की बोर्ड परीक्षा में एक भी छात्र पास नहीं हुआ. भाजपा हटाएंगे, भविष्य बचाएंगे!अखिलेश के इस हमले पर आप संयोजक अरविंद केजरीवाल ने भी साथ दिया, सोशल मीडिया X पर पोस्ट करते हुए लिखा कि ये गुजरात मॉडल है. ये बीजेपी मॉडल है जो ये पूरे देश में लागू करना चाहते हैं. ये डबल इंजन मॉडल है. आगे लिखा पूरे देश को ये अनपढ़ रखना चाहते हैं. आप मुझे एक राज्य बता दीजिए जहां इनकी सरकार हो और इन्होंने वहां शिक्षा का कबाड़ा ना किया हो. इसी मॉडल के तहत अब ये दिल्ली की शिक्षा व्यवस्था को भी ध्वस्त करने में लगे हैं.

कब का है रिजल्ट जिस पर अखिलेश ने घेरा?
गुजरात में साल 2023 में कक्षा 10 के नतीजे घोषित किए गए थे. उस समय राज्य में गुजरात बोर्ड की कक्षा 10 के लिए कुल पास छात्रों का रिजल्ट 64.62 प्रतिशत था 76 प्रतिशत के साथ, उस समय दाहोद केवल 40.75 प्रतिशत उत्तीर्ण दर के साथ सूची में सबसे नीचे था. जबकि 157 स्कूलों में एक भी बच्चा पास नहीं हो पाया था. एक रिपोर्ट के अनुसार दोबारा परीक्षा देने वाले 165690 छात्रों में से केवल 27446 ही उत्तीर्ण हुए. इस रिजल्ट को लेकर उस समय कई सवाल उठे थे. दो साल बाद एक बार फिर ये रिजल्ट चर्चा में आ गया है. जो गुजरात मॉडल पर सवाल खड़े कर रहा है. इस मामले पर अब तक बीजेपी की तरफ से कोई जवाब नहीं आया है.रिपोर्ट के मुताबिक, दोबारा परीक्षा देने वाले 1,65,690 छात्रों में से केवल 27,446 ही पास हो सके थे। सबसे खराब प्रदर्शन दाहोद जिले का रहा, जहां सिर्फ 40.75% छात्र ही पास हो पाए। जबकि सबसे अच्छा प्रदर्शन सूरत जिले में दर्ज हुआ था, जहां उत्तीर्ण दर 76% थी।

इन आंकड़ों को साझा करते हुए अखिलेश यादव ने कहा, “यह है गुजरात मॉडल? जहाँ 157 स्कूलों में एक भी छात्र पास नहीं हो सका। यह मॉडल पूरी तरह फेल है।” अरविंद केजरीवाल ने भी इस बयान का समर्थन करते हुए कहा, “ऐसे रिजल्ट्स से साफ है कि जो मॉडल दिखाया गया, उसकी ज़मीन पर सच्चाई कुछ और है। जनता अब जागरूक हो रही है।” वहीं इस मामले पर भारतीय जनता पार्टी की ओर से अब तक कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि शिक्षा जैसे मुद्दों को उठाकर विपक्ष सरकार की नीतियों की असलियत उजागर करने की कोशिश कर रहा है। आने वाले चुनावों में यह मुद्दा एक बार फिर गरमा सकता है।

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