अमेरिका पर सिखों को बिना पगड़ी भारत भेजने का आरोप, अमृतसर में प्लेन उतरते ही पंजाब में गरमाया मामला

अमृतसर। पंजाब के चंडीगढ़ में अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे 112 भारतीयों को लेकर एक अमेरिकी सैन्य विमान देर रविवार रात अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरा. ये अवैध प्रवासियों के खिलाफ डोनाल्ड ट्रम्प प्रशासन की ओर से की गई कार्रवाई के बीच वापस भेजे जाने वाले भारतीयों का तीसरा जत्था है. सी-17 विमान रात 10:03 बजे हवाई अड्डे पर उतरा.
आरोप लगाया जा रहा है कि अमेरिका से निर्वासित किए गए सिखों ने कथित तौर पर अपनी पगड़ी नहीं पहनी थी. शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) ने अमेरिका की कड़ी निंदा की है. उन्होंने कहा कि अमेरिका से भारत भेजे गए सिखों को पगड़ी पहनने की अनुमति नहीं दी गई. भारत में पहुंचने के बाद निर्वासित लोगों को लंगर और बस सेवाएं प्रदान करने के लिए एसजीपीसी अधिकारियों ने सिखों को दस्तार (पगड़ी) दी.
अमेरिका से आए तीसरे जत्थे में 44 हरियाणा से, 33 गुजरात से, 31 पंजाब से, दो उत्तर प्रदेश से और एक-एक उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश से थे. इनमें 19 महिलाएं और 14 नाबालिग थे, जिनमें दो नवजात शिशु भी शामिल हैं. पंजाब और हरियाणा से निर्वासित लोगों को जांच करने के बाद सोमवार को सुबह करीब 4:45 बजे उनके घरों तक ले जाया गया.
अमेरिका से अवैध प्रवासियों का दूसरा जत्था 15 फरवरी शनिवार को भारत आया था. इस दिन कुल 116 लोग भारत आए थे. वहीं पहला विमान 5 फरवरी को भारत लाया गया था. इस दिन कुल 104 अवैध प्रवासियों को भारत लाया गया था.
पंजाब के सीएम भगवंत मान ने बीजेपी पर पंजाब को बदनाम करने का आरोप लगाया है. सीएम ने कहा केंद्र सरकार अमृतसर को इन निर्वासन उड़ानों के लिए लैंडिंग साइट बनाकर जानबूझकर पंजाब की छवि खराब कर रही है. उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय की ओर से इसकी जानकारी दी जानी चाहिए कि उन्होंने अमृतसर को इस लैंडिंग के लिए किस आधार पर चुना है? अमृतसर को डिपोर्टेड फ्लाइट के लिए चुनकर पंजाब को बदनाम करने की कोशिश की जा रही है.

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