अहमदाबाद-लंदन फ्लाइट क्रैश: AAIB की रिपोर्ट के बाद अमेरिकी एजेंसी की टिप्पणी- निष्कर्ष निकालना जल्दबाजी होगी

AAIB की रिपोर्ट के अनुसार, हादसे के दौरान विमान में ईंधन आपूर्ति में रूकावट आई थी, हालांकि इसे कुछ ही समय के बाद फिर से बहाल कर दिया गया था।

4पीएम न्यूज नेटवर्क: अहमदाबाद से लंदन जा रहे विमान के हादसे को लेकर भारत की विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो ने 15 पन्नों की प्राथमिक जांच रिपोर्ट जारी की है। रिपोर्ट सामने आने के बाद अब अमेरिका की नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB) ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया दी है और कहा है कि दुर्घटना के कारणों पर अंतिम निष्कर्ष निकालना अभी जल्दबाजी होगी।

यह हादसा 12 जून को हुआ था, जब एयर इंडिया की उड़ान टेकऑफ के कुछ ही देर बाद क्रैश हो गई थी। इस दुखद घटना में विमान में सवार 241 में से 240 लोगों की मौत हो गई, जबकि केवल एक यात्री को जीवित बचाया जा सका। AAIB की रिपोर्ट के अनुसार, हादसे के दौरान विमान में ईंधन आपूर्ति में रूकावट आई थी, हालांकि इसे कुछ ही समय के बाद फिर से बहाल कर दिया गया था। इसी बिंदु को लेकर अमेरिकी जांच एजेंसी ने टिप्पणी करते हुए कहा है कि केवल प्रारंभिक तकनीकी जानकारी के आधार पर निष्कर्ष निकालना उचित नहीं होगा।

NTSB प्रमुख ने कहा इस तरह की गंभीर दुर्घटनाओं में कई तकनीकी मानवीय और पर्यावरणीय कारकों की जांच आवश्यक होती है। किसी एक कारण को दोषी ठहराना जल्दबाजी होगी। अब इस मामले में AAIB और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों की संयुक्त जांच चल रही है। उम्मीद है कि विस्तृत और अंतिम रिपोर्ट आने के बाद हादसे के वास्तविक कारणों की पुष्टि हो सकेगी।

अमेरिकी राष्ट्रीय परिवहन सुरक्षा बोर्ड के प्रमुख ने कहा कि एयर इंडिया के विमान के क्रैश होने की वजह के बारे में निष्कर्ष निकालना अभी जल्दबाजी होगी. दरअसल, AAIB की रिपोर्ट में फ्यूल के कटऑफ होने की बात सामने आई है. हालांकि, इसको कुछ ही देर में फिर से रन कर दिया गया था. इसी को लेकर अब अमेरिका की एजेंसी ने कहा है कि क्रैश के कारण पर पहुंचना अभी जल्दबाजी होगी.

एनटीएसबी की अध्यक्ष जेनिफर होमेंडी ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, इस तरह की जांच में समय लगता है. उन्होंने हाल की मीडिया रिपोर्टों को “समय से पहले और अटकलें लगाने वाली” बताया.

भारत के विमान दुर्घटना जांच ब्यूरो के नेतृत्व में जांचकर्ता, एनटीएसबी की सहायता से, 12 जून को एयर इंडिया की फ्लाइट 171 के दुर्घटनाग्रस्त होने के कारणों का पता लगाने के लिए सबूतों को इकट्ठा कर रहे हैं, जिसमें 260 लोग मारे गए थे. एएआईबी और एयर इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कैंपबेल विल्सन ने भी जनता से आग्रह किया है कि जांच जारी रहने तक कोई निष्कर्ष न निकालें. अधिकारियों को दुर्घटना के संभावित कारण और भविष्य में ऐसी त्रासदियों से बचने के लिए सिफारिशें बताते हुए अंतिम रिपोर्ट जारी करने में एक वर्ष – कभी-कभी इससे भी अधिक समय लग सकता है.

एएआईबी ने क्रैश के बाद 15 पन्नों की एक शुरुआती रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट में पाया गया है कि बोइंग कंपनी 787 ड्रीमलाइनर के दो फ्यूल नियंत्रण स्विच विमान के उड़ान भरने के तुरंत बाद “कटऑफ” हो गए थे, जिससे इंजनों का फ्यूल खत्म हो गया. हालांकि, लगभग 10 सेकंड के बाद ही स्विच को कटऑफ से रन किया गया. लेकिन दुर्घटना को टाला नहीं जा सका.

विमान की कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डिंग से पता चला कि एक पायलट ने दूसरे से पूछा कि क्या तुमने फ्यूल के स्विच कटऑफ किए, तब दूसरे ने कहा, नहीं मैंने नहीं किया, इसी के बाद फौरन स्विच को रन किया गया. इसी के बाद अब विमान के क्रैश होने को लेकर जांच जारी है. क्रैश की वजह को जानने को लेकर हर तरह के सबूत इकट्ठा किए जा रहे हैं.

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