बढ़ती गर्मी के बीच चढ़ा सियासी पारा : मोदी सरकार की गलत नीतियों से आमजन हुआ लाचार
- बीजेपी पर कांग्रेस का तीखा प्रहार
- राहुल बोले- दो ङ्क्षहदुस्तान बना रहे हैं प्रधानमंत्री मोदी
- मोदी का पलटवार- बस झूठ फैलाती है कांगे्रस
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। 25 जून को छठे चरण के मतदान होने हैं। गर्मी के चढ़ते पारे के बीच सियासी तापमान भी आगे बढ़ता जा रहा है। इसी क्रम में कांग्रेस नीत इंडिया गठबंधन व बीजेपी के बीच एक दूसरे पर हमला चरम पर पहुंच गया है। दोनों ओर के नेता एक दूसरे पर हमले करने का कोई भी मौका नही छोड़ रहे है। सभी विपक्षी दलों के भाषणों में जहंा मोदी निशाने पर है तो बीजेपी सीधे राहुल गांधी पर हमला कर रही है। इस बीच राहुल गांधी ने कहा है कि प्रधानमंत्री दो हिदुस्तान बना रहे हैं। जहां न्याय भी दौलत का मोहताज है। वहीं प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस अपने वोट वैंक के लिए झूठ बोलती है। वहीं मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि मैं नरेंद्र मोदी के खिलाफ नहीं हूं। मैं मोदी और आरएसएस की विचाराधारा के खिलाफ हूं। हम विचारधारा के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। मोदी खुद को होशियार समझते हैं। परंतु मोदी से ज्यादा देश की जनता होशियार है। यह लड़ाई जनता और नरेंद्र मोदी व भाजपा के बीच है। मल्लिकार्जुन खरगे ने नरेंद्र मोदी को झूठों का सरदार भी कहा। पहले मोदी कहते थे कि कांग्रेस ने 70 साल में देश के लिए किया क्या है? अब कहते हैं कि कांग्रेस ने 55 साल में क्या किया है। नरेंद्र मोदी भूल गए कि कांग्रेस की बनाई हुई नीतियों के कारण ही वह आज प्रधानमंत्री बने हैं।
न्याय सबके लिए समान होना चाहिए : राहुल
पुणे में कथित तौर पर पॉर्श कार से दो लोगों को कुचलने के मामले में एक अमीर किशोर को जमानत मिलने पर सार्वजनिक आक्रोश के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर आरोप लगाया कि वह ऐसे दो भारत बना रहे हैं जहां न्याय भी दौलत का मोहताज है। उन्होंने ‘एक्सÓ पर एक पोस्ट में कहा, नरेन्द्र मोदी दो हिंदुस्तान बना रहे हैं गांधी ने अपने पोस्ट के साथ एक वीडियो बयान भी साझा किया, जिसमें उन्होंने कहा कि अगर बस ड्राइवर, ट्रक ड्राइवर, ओला या उबर ड्राइवर गलती से किसी को मार देते हैं, तो उन्हें 10 साल की जेल होती है और उनकी चाबी उठाकर फेंक दी जाती है। लेकिन अगर अमीर घर का 16-17 साल का लड़का शराब पीकर पोर्श गाड़ी चलाता है, और दो लोगों की हत्या करता है, तो उसे निबंध लिखने के लिए कहते हैं। आप बस ड्राइवर या ट्रक ड्राइवर से निबंध लिखने के लिए क्यों नहीं कहते? वे उबर या ऑटो ड्राइवर से इसे लिखने के लिए क्यों नहीं कहते।
दस साल में मोदी सरकार ने किसानों के साथ की ज्यादती : पवार
करनाल में एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पंवार ने कहा कि भाजपा सरकार ने 10 साल में किसानों के साथ ज्यादतियां की हैं। किसान दिल्ली जाना चाहते थे, लेकिन प्रदेश और केंद्र सरकार ने उनका रास्ता रोका। हालांकि किसानों का संघर्ष मजबूत था इसलिए अंत में सरकार को झुकना पड़ा और किसानों की जीत हुई। अब यही किसान वोट की चोट से सरकार को जवाब देंगे। वे एनसीपी और इनेलो के संयुक्त प्रत्याशी मराठा वीरेंद्र वर्मा की चुनावी जनसभा में बतौर मुख्यातिथि पहुंचे थे। शरद पंवार ने कहा कि भाजपा सरकार और नरेंद्र मोदी ने वादे तो कई किए थे लेकिन उनको पूरा न करते हुए जनता के साथ धोखा किया। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में शिक्षा सहित हर क्षेत्र में अच्छा काम किया पर उन्हें जेल में डाल दिया गया।
सबका साथ लेकर किया सत्यानाश : खरगे
मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि नरेंद्र मोदी नारा देते हैं कि सबका साथ-सबका विकास। सबका साथ लेकर मोदी ने सबका सत्यानाश कर दिया। मोदी देश के किसानों पर कभी कुछ नहीं बोलते। कांग्रेस के चुनाव घोषणा पत्र को मोदी मुस्लिम लीग का घोषणा पत्र बताते हैं। वह कहते हैं कि कांग्रेस सरकार बनी तो लोगों का हक मुसलमानों को दें देंगे। मोदी को पढऩा नहीं आता है। वह बताएं की कांग्रेस के घोषणा पत्र में यह सब कहां लिखा है। ऐसे ऊंचे पद पर बैठ कर भी वह झूठ बोलते हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाईकोर्ट के आदेश को पलटा
- 8 कथित पीएफआई सदस्यों को जमानत देने से इनकार
4पीएम न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली। शीर्ष अदालत ने अपराध की गंभीरता और गंभीरता को ध्यान में रखते हुए उच्च न्यायालय के आदेश को पलट दिया। पीठ ने जमानत खारिज करते हुए कहा कि एजेंसी द्वारा हमारे सामने रखी गई सामग्री के आधार पर प्रथम दृष्टया मामला बनता है। शीर्ष अदालत ने त्वरित सुनवाई का निर्देश दिया और आगे कहा कि चूंकि आरोपी की हिरासत की अवधि केवल 1.5 साल थी और जांच के दौरान प्रथम दृष्टया सामग्री एकत्र की गई थी, इसलिए जमानत देने के उच्च न्यायालय के फैसले को बरकरार नहीं रखा जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को प्रतिबंधित आतंकवादी समूह पॉपुलर फ्रंट इंडिया (पीएफआई) से कथित तौर पर जुड़े आठ लोगों को मद्रास उच्च न्यायालय द्वारा दी गई जमानत रद््द करने का आदेश दिया, यह देखने के बाद कि उनके खिलाफ आरोप प्रथम दृष्टया सही हैं। अक्टूबर 2023 में मद्रास उच्च न्यायालय ने उन 8 लोगों को जमानत दे दी थी जो कथित तौर पर प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन पीएफआई के पदाधिकारी, सदस्य और कैडर थे।
अनुच्छेद 370 से संबंधित अपने आदेश समीक्षा की याचिकाएं खारिज कीं
नई दिल्ली। खारिज उच्चतम न्यायालय ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाला अनुच्छेद 370 निरस्त करने के केंद्र सरकार के फैसले को सर्वसम्मति से बरकरार रखने के 11 दिसंबर 2023 के अपने आदेश की समीक्षा के लिए दायर याचिकाएं खारिज कर दी हैं। प्रधान न्यायाधीश डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने समीक्षा याचिकाओं पर विचार किया और उन्हें खुली अदालत में सूचीबद्ध करने के अनुरोध को खारिज कर दिया। पीठ में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बी आर गवई, न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना भी थे। इसने एक मई के अपने आदेश में कहा कि समीक्षा याचिकाओं पर गौर करने के बाद वह इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि उच्चतम न्यायालय नियमावली 2013 के नियम 1 आदेश 47 के तहत समीक्षा के लिए कोई आधार नहीं है, इसलिए समीक्षा याचिकाएं खारिज की जाती हैं। पिछले साल 11 दिसंबर को शीर्ष अदालत ने केंद्र के 2019 के फैसले को बरकरार रखा था।
हेमंत सोरेन को सुप्रीम झटका, कोर्ट ने अंतरिम रिहाई देने से किया इनकार
कथित भूमि घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बड़ा झटका लगा है। कोर्ट ने बुधवार (22 मई, 2024) को मामले में लोकसभा चुनाव को लेकर सोरेन को अंतरिम जमानत देने से मना कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निचली अदालत मामले पर संज्ञान ले चुकी है, नियमित बेल याचिका भी खारिज हो चुकी है तो ऐसे में गिरफ्तारी को चुनौती पर सुनवाई का आधार नहीं बनता। दरअसल हेमंत सोरेन ने मामले में ईडी की गिरफ्तारी के खिलाफ और अंतरिम जमानत के लिए कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।